
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट कहती है कि नवजात बच्चे को जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान नहीं कराने से उनमें मृत्यु का खतरा 33 प्रतिशत बढ़ जाता है. पहले घंटे से लेकर 6 महीने तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध (Breast Milk) ही पिलाना चाहिए. इसी के साथ डाक्टरों का यह भी मानना है कि बच्चों को 6 महीने के बाद ही स्तनपान के साथ-साथ ठोस आहार दिया जाए. यानी बच्चों की शुरुआती ग्रोथ में मां का दूध बहुत अहम है. ऐसे में जरुरत है कि मां भी इस दौरान अपनी सेहत का खास ख्याल रखे. यहां आपको ऐसे 6 फूड के बारे में बता रहे हैं जिससे ब्रेस्ट मिल्क बनने में मदद मिलेगी.
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ओटमील
फाइबर से भरे ओटमील को बनाना बेहद ही आसान है, इसीलिए महिला बच्चे को संभालने के साथ-साथ चुटकियों में इसे बना सकती हैं. ओटमील प्रेग्नेंसी के बाद होने वाली डायबिटिज़ से भी बचाता है. इसके साथ ही ये डाइजेशन सिस्टम को भी बेहतर बनाता है.
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कच्चा पपीता
इसकी सब्ज़ी बनाकर खाएं या फिर इसे फ्राइ करके स्नैक्स के तौर पर लें. कच्चा पपीता डाइजेशन सिस्टम ठीक करने के साथ-साथ ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में भी मदद करता है.

सौंफ
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए सबसे पहले सौंफ खाने की सलाह दी जाती है. इसे आप सब्ज़ी में मिलाकर भी खा सकती हैं और ऐसे ही कभी भी मुंह में डाल सकती हैं. आप इसे चाय या दूध में मिलाकर भी सुबह शाम खा सकती हैं.

मेथी दाना
यह भी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने का बहुत अच्छा सोर्स है. इसे अंकुरित करके दूध के साथ खाएं. इसे लेने से डिलिवरी के बाद कब्ज की समस्या भी कम हो जाती है. अगर आप अंकुरित करके ना खाएं तो इसे सब्ज़ी में ज़ीरे के साथ डालकर इस्तेमाल करें.

पालक
आइरन, कैल्शियम और फॉलिक एसिड से भरपूर पालक अनैमिक (रक्तहीनता) महिलाओं के लिए वरदान है. इससे खून की कमी पूरी होने के साथ-साथ ब्रेस्ट मिल्क बनने में भी मदद मिलती है.

लिक्विड
पानी, दूध और जूस जैसे लिक्विड लेते रहने से ब्रेस्ट मिल्क की कमी नहीं होती. डॉक्टर भी सभी महिलाओं को सलाह देते हैं कि ब्रेस्ट फीडिंग तक भरपूर मात्रा में लिक्विड लें.

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