
Gastroparesis In Diabetic Patient: डायबिटीज स्लो प्वाइजन का काम करती है, जिसमें शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है या कम होता है. दोनों ही स्थिति बेहद खतरनाक होती है, कुछ डायबिटीज में पेट से संबंधित बीमारियां (Gastroparesis Kya Hota Hai) भी बढ़ जाती है, इसमें कब्ज से लेकर कई और लक्षण नजर आते हैं. ऐसे में अगर आपके पेट में कुछ ऐसे संकेत नजर आए तो आपको सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि यह डायबिटीज के बढ़ने (How To Identify High Blood Sugar Level) का संकेत देते हैं. आइए आपको बताते हैं एक ऐसी बीमारी के बारे में, जो सीधे डायबिटीज से कनेक्ट होती है और आपको इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज (Gastroparesis Se Bachav Kaise Kare) नहीं करना चाहिए.
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क्या होता है Gastroparesis (What Is Diabetic Gastroparesis?)
- गैस्ट्रोपेरेसिस एक पेट संबंधी समस्या है, जिसमें खाना छोटी आंत में नहीं पहुंचता है.
- इस स्थिति में पेट की मांसपेशियां ठीक तरह से काम नहीं कर पाती है.
- जिससे खाना लंबे समय तक पेट में बना रहता है और पाचन धीरे हो जाता है.
- इसे Delayed Gastric Emptying भी कहा जाता है.
- गैस्ट्रोपेरेसिस में पेट संबंधी सारी दिक्कतें एक साथ में होने लगती हैं और यह आसानी से ठीक भी नहीं होती है.
- यह आपकी डायबिटीज से कनेक्ट होती है, जो हाई ब्लड शुगर लेवल को इंडिकेट करती है.

गैस्ट्रोपेरेसिस के लक्षण (Symptoms Of Gastroparesis In Diabetes)
- गैस्ट्रोपेरेसिस के सामान्य लक्षण में पेट का भारी होना यानी कि खाना खाने के बाद आपका पेट भारी लगता है.
- जी मिचलाना या उल्टी होना.
- एसिडिटी और पेट में जलन लगातार बने रहना.
- अपच और पेट दर्द होना.
- भूख कम लगना.
- वजन घटना.
- कमजोरी महसूस होना
- ब्लड शुगर लेवल में इंबैलेंस होना शामिल है.
गैस्ट्रोपेरेसिस का कारण (Causes Of Gastroparesis In Diabetes)
- गैस्ट्रोपेरेसिस के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें से एक हाई ब्लड शुगर लेवल ही है.
- दरअसल, ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के कारण नसें कमजोर हो जाती है, जिससे पेट की मांसपेशियां ठीक से काम नहीं करती है.
- गैस्ट्रोपेरेसिस से बचने के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें.
- सही दवा का सेवन करें और डॉक्टर से परामर्श जरूर करें.
- गैस्ट्रोपेरेसिस के अन्य लक्षणों में नर्वस सिस्टम की समस्या भी एक कारण होती है.
- दरअसल, Vagus Nerve डैमेज होने के कारण पेट में खाना पचने की प्रोसेस धीरे हो जाती है.
- इसके अलावा थायराइड की समस्या, ऑटोइम्यून बीमारी, सर्जरी या चोट के कारण पेट की नसों को नुकसान पहुंचने के कारण भी गैस्ट्रोपेरेसिस की समस्या हो सकती है.
गैस्ट्रोपेरेसिस का इलाज (Treatment For Gastroparesis In Diabetic Patients)
- गैस्ट्रोपेरेसिस का कोई परमानेंट इलाज नहीं है, लेकिन इसे कुछ चीजों की मदद से काफी हद तक कम किया जा सकता है.
- इसके लिए डाइट में बदलाव करें.
- हल्का, कम फाइबर और लो फैट वाला खाना खाएं.
- एक बार में ज्यादा खाने की वजह दिन में 5 से 6 बार छोटी-छोटी मील लें.
- अपनी डाइट में सूप, स्मूदी, दाल का पानी जैसी चीजों का सेवन करें, जो पचाने में आसान होती है.
- ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखें. अगर ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है तो इससे गैस्ट्रोपेरेसिस की समस्या हो सकती है.
- अगर गैस्ट्रोपेरेसिस की समस्या गंभीर हो, तो डॉक्टर से दवा लें या ट्रीटमेंट का सुझाव लें, गंभीर स्थिति में इसके लिए सर्जरी भी की जाती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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