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बच्चों के मारने, काटने या बाल खींचने की आदत को कैसे छुड़ाएं? Pediatrician ने बताया आसान तरीका

Parenting Tips: अगर आपका बच्चा भी चिड़चिड़ा होकर आपको मारता है, काटता है या आपके बाल खींचता है, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है. पीडियाट्रिशियन अनुराधा ने बच्चों की ये आदत को छुड़ाने का आसान तरीका बताया है. आइए जानते हैं इसके बारे में-

बच्चों के मारने, काटने या बाल खींचने की आदत को कैसे छुड़ाएं? Pediatrician ने बताया आसान तरीका
बच्चों के मारने की आदत को कैसे छुड़ाएं?

Parenting Tips: कई बार बच्चे पैरेंट्स को मारना, उनके बाल खींचना या काटना शुरू कर देते हैं. अब, माता-पिता इसे बदतमीजी या जिद समझ लेते हैं. समय के साथ बच्चों की ये हरकत और बढ़ती जाती है, जिसे कंट्रोल करना फिर पैरेंट्स के लिए मुश्किल हो जाता है. अगर आपके साथ भी ऐसे हो रहा है. यानी आपका बच्चा भी चिड़चिड़ा होकर आपको मारता है, काटता है या आपके बाल खींचता है, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है. पीडियाट्रिशियन अनुराधा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर ने बच्चों की ये आदत को छुड़ाने का आसान तरीका बताया है. आइए जानते हैं इसके बारे में- 

बच्चे की जिद करने की आदत कैसे छुड़ाएं? Parenting Coach ने बताया सबसे असरदार तरीका

बच्चा ऐसा क्यों करता है?

इस सवाल का जवाब देते हुए डॉक्टर कहती हैं, टॉडलर यानी 1 से 3 साल के बच्चों के पास अपनी भावनाओं को शब्दों में बताने की क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती. वे यह नहीं कह पाते कि उन्हें गुस्सा आ रहा है, डर लग रहा है या उन्हें स्पेस चाहिए. ऐसे में वे मारकर, काटकर या बाल खींचकर अपनी फीलिंग्स दिखाते हैं. यानी ऐसा करना बच्चों की भावनाओं को जाहिर करने का तरीका होता है. इसके पीछे थकान, भूख, ज्यादा शोर, खिलौना छिनना या किसी को कॉपी करना भी वजह हो सकती है.

मारने पर सजा क्यों नहीं देनी चाहिए?

डॉक्टर अनुराधा बताती हैं कि बच्चे को मारने या डांटने से वह डरना सीखता है, समझना नहीं. सजा देने से सहानुभूति नहीं आती, बल्कि गुस्सा और बढ़ सकता है. इसलिए बच्चे को शर्मिंदा करना या डराना सही तरीका नहीं है.

सही तरीके से कैसे संभालें?

नंबर 1- शांति से बात करें

सबसे पहले खुद शांत हो जाएं और बच्चे को भी शांत करने की कोशिश करें. बच्चे का हाथ हल्के से पकड़ें और साफ शब्दों में कहें, 'मैं तुम्हें मारने नहीं दूंगी/दूंगा.'

नंबर 2- चेहरे के हाव-भाव पर ध्यान दें

कई बार माता-पिता बच्चे की हरकत पर हंस देते हैं, जिससे बच्चे को लगता है कि यह मजेदार है. ऐसे में बच्चे के मारने पर कभी भी मुस्कुराएं नहीं. सीधा और गंभीर चेहरा रखें और साफ बोलें- 'नो हिटिंग, ओनली जेंटल हैंड्स. इससे बच्चा समझता है कि यह व्यवहार गलत है.

नंबर 3- फीलिंग्स को नाम दें 

फिर उसकी भावना को नाम दें, जैसे- 'तुम नाराज हो क्योंकि मैंने खिलौना ले लिया.' इससे बच्चा समझता है कि उसकी भावना को पहचाना जा रहा है. बच्चे को बताएं कि गुस्से में क्या किया जा सकता है, जैसे पैर पटकना, तकिया दबाना या 'स्टॉप' कहना.

नंबर 4-  ध्यान भटकाएं और सही तरीका दिखाएं

बच्चे को सिर्फ 'मत करो' कहना काफी नहीं होता है. उसका ध्यान किसी और चीज पर ले जाएं और फिर उसे खुद करके दिखाएं कि कैसे प्यार से छूते हैं, जैसे- हाथ सहलाना, गले लगाना. बच्चे को सही तरीका देखकर सीखने में आसानी होती है.

नंबर 5-  ज्यादा थकान और भूख से बचाएं

अक्सर बच्चे तब मारते हैं जब वे बहुत थके हों, भूखे हों या बहुत शोर या भीड़ में हों. इसलिए बच्चे के सोने, खाने और आराम का ध्यान रखें. ओवरस्टिमुलेशन यानी बहुत ज्यादा एक्टिविटी से बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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