Ayurvedic treatment of diabetes : प्राचीन समय में किसी भी सेहत संबंधी परेशानी के लिए जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता था. जैसे सर्दी जुकाम (cold and cough) में तुलसी की पत्तियां, काली मिर्च की चाय, बुखार के लिए गिलोय की पत्तियां इस्तेमाल में लाई जाती थीं. ऐसे ही आक के पत्तों का इस्तेमाल कब्ज, दस्त, जोड़ों के दर्द, दांतों की समस्या के लिए किया जाता था. यहां तक कि पुरात्तव खोजबीन में इसके पत्तों का इस्तेमाल शुगर जैसी गंभीर बीमारी को ठीक करने के काम में उपयोग लाया जाता था, ऐसे साक्ष्य मिले हैं.
आक के पत्ते के फायदे
- आपको बता दें कि इसका पौधा छत्तादार घना होता है. इसकी पत्तियां बहुत मुलायम होती हैं. इसको मदार के नाम से भी जाना जाता है. इंग्लिश में इस पौधे का नाम कैलोट्रोपिल गिगनटी होता है. इसके पत्ते सफेद होते हैं. हालांकि सूखने के बाद ये पीले पड़ जाते हैं.
- इसके पौधे की पत्तियों का इस्तेमाल आप जोड़ों के दर्द, दांतों की समस्या, दस्त, कब्ज आदि में कर सकती हैं. इससे आपको तुरंत आराम मिलेगा. आपको बता दें कि इसके पौधे से निकलने वाला दूध विषैला होता है. इसलिए इसके इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लीजिए.
-डायबिटीज में इसकी पत्तियों का सेवन शुगर लेवल को कंट्रोल करने का काम करती है. अगर आपका शुगर लेवल बढ़ा है तो इसका उपयोग किया जा सकता है.
- डायबिटीज पेशेंट इसके पत्तों को सुखाकर पाउडर बना लें फिर उसे रोजाना 10 एमएल पानी में मिलाकर सेवन करें. इसके अलावा रात में सोते समय इसके पत्तों को पैर के तलुवो में रखकर मोजे पहन लीजिए. फिर सुबह में हटा दें इससे आपका शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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