हठ योग के हैं ढेरों फायदे, मान्‍यताओं के मुताबिक सबसे पहले भगवान शिव ने किया था...

हठ योग के हैं ढेरों फायदे, मान्‍यताओं के मुताबिक सबसे पहले भगवान शिव ने किया था...

नई दिल्ली:

यह तो आप जानते ही होंगे योग करने के अलग-अलग स्टाइल हैं और हर एक स्टाइल के अपने ढरों फायदे हैं। ऐसा ही है कुछ 'हठ योग', इसके नाम की ही तरह इस योग की कई ऐसी खूबियां भी हैं जो इसे दूसरे योगासनों से काफी अलग बनाती हैं। आइए जानते हैं हठ योग से जुड़ी कुछ अनूठी बातें...

किन्हें माना गया प्रमुख आचार्य
हठयोग साधना की मुख्य धारा शैव रही है और बाद में इसे सिद्धों और नाथों ने अपनाया। बताया जाता है कि मत्स्येन्द्र नाथ और गोरख नाथ हठ योग के प्रमुख आचार्य माने गए हैं। साथ ही कहा जाता है कि गोरखनाथ के अनुयायी प्रमुख रूप से हठयोग की साधना करते थे और उन्हें नाथ योगी भी कहा जाता है। इसके अलावा शैव धारा के अतिरिक्त बौद्धों ने भी हठयोग की पद्धति अपनायी थी।

सबसे प्राचीन विधा
कुछ मान्‍यताओं के मुताबिक हठ योग को सबसे पहले भगवान शिव ने किया था। इस योगासन को भारतीय योग की सबसे प्राचीन विधा माना जाता है और कई सदियों से भारत के योगियों का द्वारा इसका अभ्यास भी किया गया है।

ये हैं लाभ
हठ योग को नियमित रूप से करने से ढेरों फायदें होते हैं। ये आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और टॉक्सिंस को शरीर से बाहर का रास्ता दिखाता है। वहीं जो लोग रीढ़ की हड्डी की समस्या से जूझ रहे हैं उनके लिए हठ योग काफी फायदेमंद बताया जाता है क्योंकि ये लोगों की रीढ़ की हड्डी को सही रखने में मदद करता है। इसके अलावा हठ योग तनाव को दूर रखने में भी काफी कारगार है और आपकी ग्रंथियों की कार्यप्रणाली को भी सही रखता है।


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