
Places in India where Ravana is worshipped: भारत विविधताओं की धरती है. यहां हर त्यौहार अलग-अलग रंगों और परंपराओं में ढला हुआ है. दशहरा, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है. ज़्यादातर जगहों पर रावण दहन के रूप में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के कुछ हिस्सों में दशहरा बिल्कुल अलग तरह से मनाया जाता है? यहां रावण को जलाया नहीं जाता, बल्कि उसकी पूजा की जाती है. इन जगहों पर रावण को शिवभक्त, विद्वान और महापंडित मानकर सम्मान दिया जाता है. यही वजह है कि विजयदशमी वहां शोक दिवस के रूप में भी जानी जाती है.

भारत में दशहरे का ये अनोखा रूप हमें सिखाता है कि परंपराएं सिर्फ अच्छाई और बुराई की परिभाषा तक सीमित नहीं होतीं, बल्कि मान्यताओं और भावनाओं का आईना भी होती हैं.
हिमाचल प्रदेश का कांगड़ा (Ravan Worship Places)
कांगड़ा और आसपास के क्षेत्रों में रावण को सिर्फ लंकेश नहीं, बल्कि महाशिवभक्त और विद्वान के रूप में देखा जाता है. यहां दशहरा दहन के बजाय श्रद्धा और सम्मान का दिन बन जाता है.

उज्जैन, मध्य प्रदेश (Ravan Puja India)
महाकाल की नगरी उज्जैन में रावण का खास महत्व है. मान्यता है कि वह भगवान शिव का परम भक्त था. दशहरे पर यहां रावण की विशेष पूजा और हवन किए जाते हैं. कई लोग तो रावण व्रत भी रखते हैं.
गदचिरोली, महाराष्ट्र (Dussehra Different Traditions)
गदचिरोली के आदिवासी समुदाय रावण को अपने कुल देवता के रूप में पूजते हैं. उनके लिए विजयदशमी का अर्थ रावण को श्रद्धांजलि अर्पित करना होता है, न कि उसका दहन करना.

बिसरख, उत्तर प्रदेश (Vijayadashami India Traditions)
गौतमबुद्ध नगर का बिसरख गांव रावण की जन्मभूमि माना जाता है. यहां दशहरे पर दहन नहीं होता. इसके बजाय रावण की आत्मा की शांति के लिए पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं.
मंदसौर, मध्य प्रदेश (Mandsaur Ravan Sasural)
मंदसौर को रावण की ससुराल कहा जाता है. यहां लोग रावण को दामाद मानकर उसकी पूजा करते हैं. दशहरे पर यहां शोक मनाया जाता है और रावण की मूर्ति पर फूल चढ़ाए जाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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