यूरिक एसिड को कम करने में रामबाण साबित होती हैं ये आयुर्वेदिक चीजें, जानिए इनका कैसे करते हैं सेवन 

जरूरत से ज्यादा यूरिक एसिड बढ़ने पर इसके क्रिस्टल्स जोड़ों में जमने लगते हैं और गाउट का कारण बनते हैं. यूरिक एसिड के कारण घुटनों और उंगलियों में दर्द भी रहने लगता है. 

यूरिक एसिड को कम करने में रामबाण साबित होती हैं ये आयुर्वेदिक चीजें, जानिए इनका कैसे करते हैं सेवन 

हाई यूरिक एसिड कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह बनता है. 

खानपान में जरूरत से ज्यादा प्यूरिन से भरपूर फूड्स हों तो यूरिक एसिड बढ़ने लगता है. यह एक तरह का केमिकल है जिसे किडनी आमतौर पर फिल्टर करके निकाल देती है. लेकिन, जरूरत से ज्यादा यूरिक एसिड (Uric Acid) कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह बन जाता है. हाई यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स जोड़ों में जम जाते हैं और दर्द का कारण बनते हैं. यूरिक एसिड बढ़ने पर सूजन भी हो जाती है और गाउट (Gout) की दिक्कत से भी दोचार होना पड़ता है. यहां कुछ ऐसी आयुर्वेदिक चीजें दी गई हैं जो इस गंदे यूरिक एसिड को कम करने में असरदार होती हैं. इन आयुर्वेदिक चीजों का सेवन करना भी बेहद आसान है. 

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हाई यूरिक एसिड कम करने के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे  | Ayurvedic Remedies To Reduce High Uric Acid 

गिलोय (Giloy) को खासतौर से बुखार या मौसमी बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. गिलोय का सेवन हाई यूरिक एसिड को कम करने में भी फायदेमंद होता है. हरी गिलोय के पत्ते या तने को पानी में उबालकर इस पानी को पिया जा सकता है. इससे यूरिक एसिड तो खत्म हो ही सकता है, साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने में भी मदद मिलती है. 

त्रिफला ऐसी आयुर्वेदिक औषधी है जिसका सेवन शरीर से टॉक्सिंस निकालने में खासतौर से फायदेमंद है. ऐसे में त्रिफला का सेवन करने से शरीर से यूरिक एसिड भी फिल्टर होकर निकल जाता है. 

मेथी किचन का ऐसा मसाला है जिन्हें अलग-अलग पकवानों में डाला जाता है. इन दानों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और एंटी-ऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है. इसीलिए यूरिक एसिड को कम करने के लिए और हाई यूरिक एसिड के कारण होने वाले दर्द को दूर करने के लिए मेथी के दानों (Fenugreek Seeds) का सेवन किया जा सकता है. 

हल्दी को उसके औषधीय गुणों के चलते आयुर्वेदिक नुस्खों में खूब इस्तेमाल किया जाता है. इसे सब्जी में डालकर खाने, इसका पानी बनाकर पीने और हल्दी वाले दूध को पीने पर यूरिक एसिड से राहत मिल सकती है. हल्दी में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गाउट की दिक्कत में सूजन को भी कम करते हैं. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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