Benefits Of Joint Family: कभी अधिकतर लोग संयुक्त परिवार में रहते थे. परिवार में दादा-दादी से लेकर चाचा-चादी, बुआ, ताऊ, चचेरे भाई बहन समेत बीस से अधिक लोग एक ही छत के नीचे रहते थे. परिवार (Family) में बच्चों को मिलजुल कर रहना, बड़ों की इज्जत करना, दूसरों के लिए सोचना जैसे संस्कार अपने आप आ जाते थे. समय के साथ संयुक्त परिवार (Joint Family) की परंपरा कम होती गई और परिवार का आकार छोटा होता गया. अब परिवार के माता पिता और बच्चे ही रह गए और यह एकल परिवार हो गया. बात इसके आगे बढ़कर न्यूक्लियर फैमिली तक पहुंच चुकी है, जहां बच्चे अपने माता पिता (Parents) में किसी एक साथ रह रहे है. ऐसे में उनमें संस्कारों की कमी नजर आने लगी है. आइए जानते हैं संयुक्त परिवार के टूटने से कैसे आ रही संस्कारों में कमी और संयुक्त परिवार के फायदे.
बड़ों के प्यार दुलार से वंचित
संयुक्त परिवारों के टूटने के कारण बच्चों को अपने बड़ों बुजुर्गों के प्यार दुलार से वंचित होना पड़ता है. अक्सर माता पिता दोनों के कामकाजी होने के कारण उन्हें बच्चों को बेसिक चीजें सिखाने का कम ही समय मिल पाता है. दादा दादी या नाना नानी घर में बच्चों भारतीय परिवार की आवश्यक चीजों के साथ साथ जीवन में प्यार, बांटने और बड़ों की इज्जत करने जैसे संस्कार डालते हैं.
संयुक्त परिवार के फायदे | Five benefits of joint family
सपोर्ट सिस्टम
संयुक्त परिवार में परिवार के सदस्यों के लिए सपोर्ट सिस्टम होता है. किसी एक में बीमार पड़ जाने पर देखभाल करने वालों की कमी नहीं होती है और न ही उसके काम कौन करेगा इसकी चिंता करनी पड़ती है.
जिम्मेदारियों का बंटवारा
घर में ज्यादा सदस्यों के होने के कारण जिम्मेदारियों का बंटवारा हो जाता है जिसके कारण किसी एक पर ज्यादा बोझ नहीं आता है. घर के बड़े समस्य बच्चों के देखभाल में मदद करते हैं जिससे काम पर जाने वालों को इसकी चिंता नहीं करनी पड़ती है.
किफायत
एक छत के नीचे ज्यादा लोगों के रहने से कई चीजों में बचत हो जाती है जिससे कम खर्च में घर चलाना संभव होता है. इससे परिवार को संपत्ति में निवेश करने का मौका मिलता है.
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