
Parenting: बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं, जिन्हें हम जिस सांचे में ढालेंगे वह उस सांचे में ढल जाएंगे. लेकिन आज के दौर में देखा जाता है कि बच्चों की हर जरूरत को पूरा करने के लिए पेरेंट्स ओवर पैंपरिंग (Over Pampering) करते हैं और उनकी हर बात में हां में हां मिलाते हैं जिससे कई बार बच्चे बिगड़ सकते हैं. ऐसे में यहां जानिए ऐसे संकेत जो अगर बच्चे में नजर आएं तो आपको अलर्ट हो जाना चाहिए क्योंकि आपकी ओवर पैंपरिंग के कारण बच्चा बिगड़ने की राह पर आगे बढ़ सकता है.
हड्डियां और दांत हो जाएंगे एकदम मजबूत, डाइट में शामिल करें कैल्शियम से भरपूर ये छोटे बीज
ओवर पैंपरिंग के साइन | Signs Of Over Pampering
बच्चों को पैंपर करना, लाड़ दुलार करना जरूरी है, लेकिन ओवर पैंपरिंग से बच्चे बिगड़ सकते हैं क्योंकि ऐसी कंडीशन में गलत करने पर भी पेरेंट्स बच्चों को डांटते नहीं हैं और उनकी हर बात में हां में हां मिलाते हैं. बच्चे माता-पिता को ओवर रूल करने लगते हैं और अपनी बात को मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. ऐसे में आपके बच्चों को ओवर पैंपरिंग करने से बचना चाहिए.
हर चीज के लिए जिद करना: अगर आपका बच्चा हर छोटी-छोटी चीजों के लिए जिद करता है, रोता है और आपको आखिरकार उसकी मांग को पूरा करना पड़ता है, तो यह संकेत है कि वह इमोशनली ब्लैकमेल करके आपसे चीजें लेना चाहता है और वह बिगड़ रहा है.
ना सुनने की आदत नहीं: अगर आप बच्चे को किसी चीज के लिए मना करें या उसे कोई चीज ना दिलाएं, तो ऐसा सुनते ही बच्चा गुस्सा हो जाए, रूठने लगे तो समझ जाए कि आप उसे ओवर पैंपर कर रहे हैं, क्योंकि उसको हमेशा मनमर्जी की चीज दी जाती है. जब मनमर्जी की चीजें ना मिले तो बच्चा गुस्सा करता है.
कोई काम खुद ना करना: अगर आपका बच्चा छोटी-छोटी चीजों के लिए भी आप पर या दूसरों पर निर्भर (Depend) करता है. जैसे- खिलौने उठाना, जूते पहनना, खाना खिलाना तो इसका मतलब यह है कि आप उसे जरूरत से ज्यादा पैंपर कर रहे हैं.
हार को एक्सेप्ट ना करना: क्या आपका बच्चा भी किसी कंपीटीशन में हारने के बाद रोता है और उसे केवल जीतना ही है. अगर वह किसी कंपटीशन में हार जाता है, तो गुस्सा करता है या खेलना छोड़ देता है, तो यह संकेत है कि वह ओवर पैंपरिंग का शिकार है और वह हार स्वीकार करना नहीं जानता है.
अटेंशन सीकर: ओवर पैंपरिंग बच्चों को हमेशा दूसरों की अटेंशन चाहिए होती है. अगर आपकी अटेंशन किसी और बच्चे पर या किसी और इंसान पर चली जाए तो वह चिड़चिड़ा हो जाता है या आपसे रूठ जाता है.
जिम्मेदारी लेने से बचना: अगर बच्चा अपनी उम्र के अनुसार कोई भी जिम्मेदारी लेने से बचता है, जैसे अपना बैकपैक ना करना, टॉयलेट जाने के बाद फ्लश ना करना, अपने खिलौने खुद ना रखना तो समझ जाएं कि बच्चा ओवर पैंपरिंग का शिकार है और वह खुद से कोई भी काम करने का इच्छुक नहीं है.
अपनी गलती स्वीकार न करना: अगर बच्चा अपनी गलतियों को मानने की जगह बहाने बनाता है या दूसरों को दोष देता है. तो यह भी ओवर पैंपरिंग के कारण हो सकता है, क्योंकि आपने उसे गलती को स्वीकार करना सिखाया ही नहीं है.
ओवर पैंपरिंग से कैसे बचें
बच्चे को ना कहने की आदत डालें. हर मांग पूरी न करें, उन्हें छोटी-छोटी जिम्मेदारियां दें और खुद के काम करने की आदत डालें. अनुशासन सिखाएं, सभी से अच्छा व्यवहार करने के लिए मोटिवेट करें, गलतियों से सीखना सिखाएं और चीजों को शेयर करना सिखाएं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं