Home Remedies: सर्वाइकल या स्पॉन्डिलाइटिस का दर्द ऐसा होता है जिसे सहन करना आसान नहीं होता. इस दर्द में गर्दन और आसपास के हिस्सों में तेज दर्द होता है जिससे कई बार राहत मिलना मुश्किल हो जाता है. बहुत देर तक बैठने वाले लोगों में यह दर्द आम है. इसके अलावा बढ़ती उम्र में भी सर्वाइकल का दर्द परेशान करता है. पहले एक उम्र के बाद ये दर्द तकलीफ देता था. लेकिन, मोबाइल पर घंटों काम करने या गेम खेलने वाले बच्चे भी इस तकलीफ का शिकार हो रहे हैं जिससे निजात पाने के लिए एक्सरसाइज (Exercise) या फिर फिजियोथेरेपी की मदद लेनी पड़ती है. आयुर्वेद (Ayurved) में भी इस तकलीफ से निपटने के कुछ उपाय हैं जिन्हें आजमाकर आप इस दर्द को कम कर सकते हैं.
गर्दन के दर्द के उपाय | Remedies for Neck Pain
अरंडी का तेलअरंडी के तेल से मसल्स और हड्डियों दोनों को मजबूती मिलती है. सर्वाइकल के दर्द को कम करने में भी अरंडी का तेल असरदार है. आयुर्वेद के मुताबिक, इस तेल से दिन में दो बार गर्दन की मसाज करनी चाहिए लेकिन बहुत हल्के हाथ से.
तिल का तेल
तिल के तेल में पुराने जोड़ों के दर्द को कम करने के गुण होते हैं इसलिए आयुर्वेद में तिल के तेल को बहुत गुणकारी माना जाता है. तिल के तेल से भी बहुत हल्के हाथ से सर्वाइकल के दर्द वाले हिस्सों की मालिश करें. ये जोड़ों के दर्द और मसल्स के दर्द को कम करने में कारगर है.
आयुर्वेद के अनुसार रोज खाली पेट लहसुन की कलियां कच्ची खाने से कई तकलीफों में आराम मिलता है. इससे दर्द भी कम होता है. आप चाहें तो लहसुन का तेल बना सकते हैं. इसे पीसकर तेल में मिलाएं और तेल अच्छे से गर्म कर लें. ठंडा या गुनगुना होने पर इस तेल से मसाज करें.
आयुर्वेद में योगासन (Yogasana) को भी बहुत महत्व दिया गया है. आपको ऐसे योग करने हैं जो सर्वाइकल वाले हिस्से के लिए फायदेमंद हों. गर्दन और कंधे की सही स्ट्रेचिंग कर सकें. इससे सर्वाइकल (Cervical) का दर्द धीरे-धीरे कम होने लगेगा.
अश्वगंधा इम्यूनिटी तो बढ़ाता ही है इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से सूजन और दर्द में भी आराम मिलता है. सर्वाइकल का दर्द होने पर अश्वगंधा के चूर्ण का सेवन करें. दूध या गर्म पानी से ये चूर्ण खाया जा सकता है.
बला का पौधा कई औषधीय गुणों को संजोकर रखता है. इसे बरियार या खरेठी भी कहा जाता है. इसकी छाल का काढ़ा बनता है, जो मसल्स के लिए फायदेमंद है. बला की जड़ को पानी में उबालकर उसका पानी पिएं. इससे बांह की जकड़न कम होती है. सुबह शाम ये काढ़ा पीने से दर्द में काफी राहत मिलती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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