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गेंहू ही नहीं बल्कि इन 5 तरह के आटे से भी बनाई जा सकती है रोटी, सर्दियों में सेहत रहती है अच्छी 

Wheat Flour Substitutes: सर्दी के मौसम में गेंहू के अलावा भी ऐसे कुछ अनाज हैं जिनसे बना आटा रोटियां बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है. इन रोटियों से सेहत को एक नहीं बल्कि बहुत से फायदे मिलते हैं. 

गेंहू ही नहीं बल्कि इन 5 तरह के आटे से भी बनाई जा सकती है रोटी, सर्दियों में सेहत रहती है अच्छी 
Healthy Chapati For Winters: जानिए किन आटों से बनी रोटियां सेहत को रखती हैं अच्छा. 

Healthy Diet: सर्दियों के दिन आ गए हैं और इस मौसम में खानपान में उन चीजों को शामिल किया जाता है जिनसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर तैयार रहे. ऐसे में डाइट में खासा बदलाव भी किए जाते हैं. आमतौर पर घर में गेंहू की रोटियां ही बनती हैं लेकिन सर्दियों के दिनों में अलग-अलग अनाज खानपान का हिस्सा बनाए जाते हैं, जैसे सरसों के साग के साथ मक्के की रोटी वगैरह. ऐसे में यहां जानिए गेंहू के आटे (Wheat Flour) के अलावा ऐसे कौनसे आटे हैं जिनका इस्तेमाल रोटियां बनाने में किया जा सकता है और जिनसे सेहत अच्छी बनी रहती है. 

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गेंहू के अलावा इन आटे से बना सकते हैं रोटी 

ज्वार 

ज्वार (Jowar) ग्लूटन फ्री होता है और इसके आटे से बनी रोटियां पाचन को अच्छा रखती हैं, ब्लड शुगर लेवल्स को रेग्यूलेट करती हैं और दिल की सेहत दुरुस्त रखने में भी फायदेमंद होती हैं. ज्वार में कैल्शियम, आयरन, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट्स की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है. 

कुट्टू 

व्रत-त्योहारों के दिनों में आपने कुट्टू के आटे से बनी पूरियां खाई होंगी, लेकिन आम दिनों में भी कुट्टू के आटे (Kuttu Atta) से रोटियां बनाई जा सकती हैं. कुट्टू का आटा प्रोटीन से भरपूर होता है. यह ग्लूटन फ्री भी है और इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है. कुट्टू के सेवन से शरीर को मैंग्नीज और मैग्नीशियम की भी अच्छी मात्रा मिल जाती है. 

जौ 

जौ का आटा भी विंटर डाइट (Winter Diet) का हिस्सा बनाया जा सकता है. जौ में फाइबर, मैग्नीशियम और एंटी-ऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है. इससे दिल की सेहत को खासतौर से फायदा मिलता है और ब्लड शुगर लेवल्स सामान्य बने रहते हैं. जौ को रोटी बनाने के अलावा चीला या सूप वगैरह बनाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. 

अमरनाथ 

अमरनाथ एक सुपर ग्रेन है जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन की भरपूर मात्रा होती है. अमरनाथ के आटे से रोटी बनाकर खाई जा सकती है और अमरनाथ के दानों को सलाद और सूप बनाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. 

मक्का 

सरसों के साग के साथ मक्के की रोटी को बड़े ही चाव से खाया जाता है. मक्के की रोटी (Makke Ki Roti) का स्वाद भी कमाल का होता है और इस रोटी को खाने पर शरीर में ऊर्जा आती है सो अलग. सर्दियों में शरीर को गर्माहट देने के लिए भी मक्के की रोटी खाई जा सकती है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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