Eye Care: जन्म लेने के साथ ही आंखें काम करने लगती हैं. लेकिन, जैसे-जैसे उम्र बढ़ने लगती है आंखें धुंधलाना शुरू हो जाती हैं. देखने में दिक्कत आती है तो व्यक्ति को चश्मा लगाना पड़ता है. वहीं, बहुत से लोगों की आंखें कम उम्र में ही कमजोर (Weak Eyesight) होने लगती हैं. ऐसा पोषण में कमी, जेनेटिक्स और आंखों की सही देखरेख ना करने पर हो सकता है. अगर आंखों को सही देखभाल मिले और कुछ छोटी-छोटी बातों का ही ख्याल रखा जाए तो लंबे समय तक आंखों की रौशनी बनी रहती है और आंखों से जुड़ी दिक्कतें भी कम होती हैं. यहां जानिए किस तरह आंखों की सेहत अच्छी रखी जा सकती है.
एल्कोहल से भी ज्यादा नुकसानदायक होती हैं खानपान की ये 4 चीजें, शरीर को बनाने लगती हैं खोखला
आंखों का ख्याल रखने के तरीके | How To Take Care Of Eyes
बैंलेस्ड डाइट लेनाखानपान में पोषक तत्वों की कमी होने पर आंखें कमजोर पड़ सकती हैं. ऐसे में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, जिंक और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट लेना जरूरी है. फायदेमंद फैटी एसिड्स भी आंखों के लिए जरूरी होते हैं. इसीलिए गाजर, चुकुंदर, बादाम, अंडे, एवोकाडो और मछली आदि को खानपान का हिस्सा बनाया जा सकता है.
क्या आप भी एकसाथ खा लेते हैं ढेर सारे काजू, जान लीजिए इसके नुकसान नहीं तो पछताना पड़ सकता है
यूवी लाइट से बचावआंखों को सूरज की यूवी किरणों (UV Light) से बचाना जरूरी होता है. यूवी लाइट हानिकारक होती है और आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है. इन किरणों से आंखों के डैमेज होने का खतरा रहता है. ऐसे में सीधी धूप देखना या धूप में जरूरत से ज्यादा रहने से परहेज करना चाहिए.
आई एक्सरसाइज करनाजबतक हम जागते हैं तबतक आंखें काम में लगी रहती हैं. ऐसे में आंखों को आराम देने के लिए कुछ एक्सरसाइज की जा सकती हैं. खासकर बच्चों को आंखों की एक्सरसाइज कराने की आदत बचपन से ही डाल देनी चाहिए. एक्सरसाइज करने से आई मसल्स मजबूत होती हैं और आंखों की रौशनी जल्दी कम होने से बचती है.
स्क्रीन टाइम को कम करनाआज के समय में स्क्रीन हर तरफ है, चाहे फोन की स्क्रीन हो, लैपटॉप की स्क्रीन हो या फिर टीवी की. ऐसे में हर समय स्क्रीन के आगे बैठे रहने से आंखों पर प्रभाव पड़ता है. इससे सिर में दर्द, आंखों में दर्द, आंखों से पानी बहना (Watery Eyes) और देखने में दिक्कत आना आम हो जाता है. इसीलिए स्क्रीन टाइम को सीमित करना जरूरी होता है.
साल में एक बार जरूर कराएं चेकअपआंखों का एनुअल चेकअप कराना जरूरी होता है. साल में एक बार चेकअप कराने से आंखों में पनप रही दिक्कतों का पता चल जाता है. अगर आंखें कमजोर होने लगी होंगी तो उसका पता भी आपको शुरूआती स्टेज पर ही चल जाएगा.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.