
How to Stop a Panic Attack: आज की तेज रफ्तार जिंदगी, लगातार बढ़ता स्ट्रेस और असुरक्षा की भावना कई बार हमें मेंटली इतना प्रभावित कर देती है कि अचानक ही हमारे दिल की धड़कन तेज हो जाती है, बॉडी पसीने-पसीने हो जाती है, हाथ-पैर कांपने लगते हैं, मन घबराने लगता है, सांस लेने में तकलीफ होने लगती है तो कई बार चक्कर आना या बेहोशी जैसा एहसास भी होने लगता है. इसे ही पैनिक अटैक कहा जाता है. पैनिक अटैक आमतौर पर कुछ मिनटों से लेकर आधे घंटे तक रह सकता है, लेकिन बस इतने समय का अनुभाव ही डरा देने वाला होता है. इस दौरान व्यक्ति को ऐसा लगता है मानो कुछ बहुत बुरा होने वाला है या उनकी जान को खतरा है. अब, अगर आपको भी अक्सर ये समस्या परेशान करती है, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है. यहां हम आपको 3 ऐसे तरीके बता रहे हैं, जो पैनिक अटैक को तुरंत रोक सकते हैं. इनके बारे में फेमस हार्वर्ड डॉक्टर सौरभ सेठी ने बताया है.
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क्या कहते हैं डॉक्टर?
अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किए गए एक वीडियो में डॉ. सेठी बताते हैं, पैनिक अटैक कोई गंभीर शारीरिक बीमारी नहीं है, लेकिन समय रहते इसे पहचानकर सही कदम उठाना जरूरी होता है, ताकि स्थिति न बिगड़े और व्यक्ति खुद को शांत कर सके. ऐसे में पैनिक अटैक आने पर आप 3 काम कर सकते हैं.
नंबर 1- आंखों के नीचे बर्फ रखेंडॉ. सेठी पैनिक अटैक आने पर आंखों के नीचे या गालों पर बर्फ का टुकड़ा रखने की सलाह देते हैं. यह तरीका नर्वस सिस्टम को रीसेट करने में मदद करता है. दरअसल, जब पैनिक अटैक आता है, तो हमारा दिमाग अलार्म मोड में चला जाता है. इस दौरान शरीर में तनाव का स्तर बढ़ जाता है और हार्टबीट तेज हो जाती है. वहीं, ठंडी चीज से त्वचा का संपर्क ब्रेन को एक नया सेंसरी सिग्नल भेजता है, जिससे उसका ध्यान डर और घबराहट से हट जाता है और हार्ट रेट भी कम हो जाता है.
नंबर 2- डीप ब्रिदिंगपैनिक अटैक के समय लोग अक्सर बहुत तेज सांसें लेने लगते हैं, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का संतुलन बिगड़ जाता है और घुटन का एहसास बढ़ जाता है. ऐसे में डॉ. सेठी डीप ब्रिदिंग करने की सलाह देते हैं.
इसके लिए 4 सेकंड तक नाक से गहरी सांस लें, 4 सेकंड तक सांस रोकें और फिर 6 सेकंड तक मुंह से धीरे-धीरे छोड़ें. डॉ. सेठी के मुताबिक, इस तकनीक से शरीर की सांस लेने की लय सुधरती है, दिल की धड़कन सामान्य होती है और घबराहट कम हो जाती है.
नंबर 3- मसल रिलैक्सेशनइन सब से अलग डॉ. सेठी प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन करने की सलाह देते हैं. जब हम घबराए होते हैं, तो हमारे शरीर की मांसपेशियां अनजाने में तन जाती हैं, जैसे जबड़ा कस जाता है, मुट्ठियां भींच जाती हैं या कंधे अकड़ जाते हैं. प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन एक ऐसी तकनीक है जिसमें आप जानबूझकर एक-एक करके मांसपेशियों को टाइट करते हैं और फिर धीरे से ढीला छोड़ते हैं.
जैसे- पैरों की उंगलियां कसें औक फिर छोड़ें, हाथ की मुट्ठी कसें फिर ढीली करें, कंधे ऊपर खींचें, फिर धीरे से छोड़ें. ऐसा करने से शरीर को रिलैक्स होने का सिग्नल मिलता है और दिमाग समझता है कि अब खतरा नहीं है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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