
Baby's Health: बच्चे को अगर मां का दूध नहीं पिलाया जा सकता है तो उसे फॉर्मुला मिल्क (Formula Milk) पिलाया जाता है. फॉर्मुला मिल्क इंस्टेंट होता है. इसमें प्रोटीन, फैट्स और कार्बोहाइड्रेट्स समेत विटामिन और खनिज होते हैं जो बच्चे की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. लेकिन, इस फॉर्मुला मिल्क को बनाने में की गई गलतियों की वजह से यह बच्चे के पेट को खराब भी कर सकता है. पीडियाट्रिशियन यानी बच्चों के डॉक्टर संदीप गुप्ता भी कुछ ऐसी ही गलतियों का जिक्र कर रहे हैं जो अक्सर ही फॉर्मुला मिल्क बनाने में कर दी जाती हैं. जानिए कौनसी हैं ये गलतियां ताकि आप इन गलतियों को फिर ना दोहराएं.
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फॉर्मला मिल्क बनाते हुए की गईं गलतियां | Mistakes While Making Formula Milk
ठीक से शेक ना करनाडॉक्टर का कहना है कि आप जब भी फॉर्मुला मिल्क बना रहे हैं बोतल को बहुत ज्यादा शेक करने से परहेज करें. बोतल को जोर से शेक करने के बजाय इसे धीरे-धीरे सर्कुलर मोशन में घुमाएं, क्योंकि जोर से शेक करने पर दूध में बबल्स बन जाते हैं और इस वजह से बच्चे को गैस (Gas) हो जाती है.
सही मात्रा में ना बनानाजब भी आप फॉर्मुला मिल्क बना रहे हैं तो 30 एमएल पानी में एक स्कूप (Scoop) फॉर्मुला मिलाएं. स्कूप में कितना फॉर्मुला मिल्क लिया जा रहा है इसका ध्यान रखें. बहुत ज्यादा या बहुत कम फॉर्मुला मिल्क ना लें बल्कि स्कूप को लेवल करके ही फॉर्मुला मिल्क लें. पानी और फॉर्मुला मिल्क की मात्रा का ध्यान रखें. 30 एमएल पानी में एक स्कूप फॉर्मुला मिल्क मिलाना होता है, इसी तरह 50 एमएल में 2 स्कूप और 90 एमएल में 3 स्कूप मिलाना होता है. कई पैरेंट्स को लगता है कि 70 एमएल पानी में ढाई स्कूप फॉर्मुला मिलाकर बच्चे को देना सही है क्योंकि वह इतना ही पीता है, तो ऐसी गलती ना करें. अगर बच्चा दूध कम भी पीता है तो आप 90 एमएल बनाएं और बच्चा जितना पी लेता है उसके बाद का बचा हुआ फॉर्मुला फेंका जा सकता है. लेकिन, डेढ़ या ढाई स्कूप ना बनाएं क्योंकि इसमें कैलोरी, सोडियम और प्रोटीन की मात्रा सही नहीं रहेगी. बच्चे को इसे पचाने में दिक्कत हो सकती है.
कम या ज्यादा फॉर्मुला लेनाज्यादा फॉर्मुला मिल्क से सोडियम लोड बढ़ सकता है और ज्यादा पानी मिला देने से बच्चे को सही मात्रा में कैलोरीज नहीं मिलेंगी. साथ ही बोतल में पहले पानी डालें और उसके बाद उसमें फॉर्मुला डालें. अगल पहले पाउडर डाला जाए तो पाउडर नीचे आ जाएगा और पानी की सही मात्रा नहीं पता चलेगी.
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