नीट-यूजीसी और यूजीसी-नेट दोनों परीक्षाओं को हाल ही में रद्द किया गया है. ऐसा पेपर लीक हो जाने के कारण हुआ है. इन मामलों में सरकार कड़ा कदम उठा रही है और इसकी जांच भी सीबीआई को सौंप दी गई है. ऐसे में एनटीए भी सवालों के घेरे में हैं. एनटीए वो ही एजेंसी है, जो इस तरह की परीक्षाओं का आयोजन कराती है लेकिन सवाल ये है कि आखिर एनटीए कौन चलाता है?
बता दें, एनटीए यानि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी परीक्षा कराने वाली दुनिया की सबसे बड़ी एजेंसियों में से एक है. इसके जिम्मे देश के तकरीबन 15 प्रवेश और फेलोशिप परीक्षाएं आती हैं. इन परीक्षाओं में एक करोड़ से अधिक छात्र हिस्सा लेते हैं. बता दें कि एनटीए की स्थापना 2017 में हुई थी और इसे चलाने के लिए एक गवर्निंग बॉडी होती है, जिसमें 14 लोग शामिल होते हैं.
गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन रिटायर्ड प्रोफेसर प्रदीप कुमार जोशी हैं. जोशी एक शिक्षाविद हैं, जिन्होंने अपने पूरे करियर में कई प्रशासनिक पदों पर काम किया है. वो कई सरकारी समितियों का भी हिस्सा रहे हैं. एनटीए से पहले जोशी को 2020 में यूपीएससी का सदस्य नियुक्त किया गया था. उन्होंने 2020 में यूपीएससी के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला.
इसके महानिदेशक रिटायर्ड आईएएस प्रदीप कुमार खरोला हैं. एयरलाइन के निजीकरण से पहले खरोला ने एयर इंडिया की जिम्मेदारी भी संभाली थी. वह एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे.
गवर्निंग बॉडी के सदस्यों में आईआईटी के तीन पूर्व निदेशक, एनआईटी के दो पूर्व निदेशक और आइआइएम के 2 पूर्व निदेशक हैं.
सदस्यों में आईआईएसईआर पुणे के निदेशक प्रोफेसर सुनील एस भागवत हैं. पेशे से रासायनिक इंजीनियर, प्रोफेसर भागवत का अनुसंधान इंटरफेसियल विज्ञान और इंजीनियरिंग, ऊर्जा और एक्सर्जी इंजीनियरिंग, कंप्यूटर प्रक्रिया सिमुलेशन और कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क के क्षेत्रों में है.
साथ ही जेएनयू के कुलपति एसडी पंडित हैं.
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राव हैं.
बेंगलुरु में नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडेशन काउंसिल के चेयरमैन प्रोफेसर गणेशन कन्नाबिरान हैं.
पुणे में डॉ. हीरानंदानी अस्पताल के डॉक्टर हरीश शेट्टी शामिल हैं.
एनटीए के चेयरमैन प्रदीप कुमार जोशी यूपीएससी के चेयरमैन भी रहे हैं जबकि डीजी प्रदीप कुमार खरोला 1985 के कर्नाटक कैडर के आईएएस अफसर हैं. वह एयर इंडिया के प्रमुख रहे हैं और बेंगलुरु मेट्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर भी रह चुके हैं. उनको 2012 में ई-गवर्नेंस के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. इसके बाद 2013 में उन्हें पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का आउटस्टैंडिंग पीएम अवॉर्ड मिला था. इसके साथ ही कोर टीम के सदस्यों में टेस्ट आइटम राइटर्स, रिसरचर्स, साइकोमेट्रोसियांस और शिक्षा विशेषज्ञ होते हैं.
एनटीए में देश के इतने जाने माने बुद्धिजीवी और एक्सपर्ट्स के होने के बाद भी लगातार पेपर लीक होने के मामले सामने आ रहे हैं.
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