विजय माल्या (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
विजय माल्या ‘आर्थिक भगोड़ा' घोषित करने की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. उसकी ओर से ईडी की याचिका पर रोक लगाने की मांग की गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. माल्या की ओर से संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई पर भी रोक लगाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करेगा.
22 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने विजय माल्या द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उसे आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के जरिए शुरू की गई कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग कर रहा है.
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ईडी ने अपनी याचिका में मांग की है कि माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए और उसकी संपत्ति जब्त की जाए. नए एफईओ कानून के प्रावधानों के तहत उसे केंद्र के नियंत्रण में लाया जाए. ईडी ने अपने पहले के आवेदन में कहा था कि माल्या का शुरुआत से ही ऋण चुकाने का कोई इरादा नहीं था जबकि उसके और एमएस यूबीएचएल (यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड) के पास पर्याप्त संपत्तियां थीं जो ऋण चुकाने के लिए पर्याप्त थीं. माल्या ने जानबूझकर ऐसा किया है. इसलिए माल्या आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित किया जाए और उसकी संपत्ति जब्त की जाए.
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दरअसल, इस अधिनियम के तहत जिसे भी आर्थिक भगोड़ा घोषित किया जाता है तो उसकी संपत्ति तुरंत प्रभाव से जब्त कर ली जाएगी. इसके साथ-साथ आर्थिक भगोड़ा की सूची में वो भी आता है जिसके विरुद्ध सूचीबद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया होता है.
22 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने विजय माल्या द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उसे आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के जरिए शुरू की गई कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग कर रहा है.
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दरअसल, इस अधिनियम के तहत जिसे भी आर्थिक भगोड़ा घोषित किया जाता है तो उसकी संपत्ति तुरंत प्रभाव से जब्त कर ली जाएगी. इसके साथ-साथ आर्थिक भगोड़ा की सूची में वो भी आता है जिसके विरुद्ध सूचीबद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया होता है.
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