यूपी सरकार के मंत्री के बुर्के पर पाबंदी (UP Minister Burqa Ban) लगाने वाले बयान पर सियासत गर्मा गई है. यूपी के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल (Anand Swaroop Shukla) ने बुधवार को कहा कि बुर्का एक अमानवीय व्यवहार और गलत परंपरा है. देश में तीन तलाक (Triple Talaq) की तर्ज पर मुस्लिम महिलाओं (Muslim women) को बुर्के से भी आजादी दिलाई जाएगी. सपा सांसद एसटी हसन और बसपा सांसद दानिश अली ने इसको लेकर यूपी सरकार को घेरा है.
आनंद स्वरूप शुक्ल ने दावा किया कि कई मुस्लिम देशों में भी बुर्के पर पाबंदी है और यह अमानवीय रवैया और कुप्रथा है. मंत्री ने यह भी कहा कि विकसित सोच वाले लोग न तो बुर्का पहन रहे हैं और न ही इसे बढ़ावा दे रहे हैं. मंत्री ने बलिया की मस्जिदों में लाउडस्पीकर की ध्वनि को नियंत्रित करने और लाउडस्पीकर हटाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है.
अजान को लेकर अपने बयान पर शुक्ल ने कहा कि उन्होंने आम लोगों की शिकायत पर मस्जिद में लाउडस्पीकर के कारण हो रही परेशानी का जिक्र करते हुए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. मंत्री का तर्क था कि तड़के 4 बजे अजान शुरू हो जाती है. इसके बाद चंदे के संबंध में 4 से 5 घंटे सूचना दी जाती है.
इसके कारण उन्हें पूजा-पाठ, योग, व्यायाम और सरकारी कामकाज निपटाने में दिक्कत आती है. मंत्री ने कहा कि आम लोग डायल 112 पर कॉल कर मस्जिद में लाउडस्पीकर के कारण हो रही दिक्कतों की सूचना दे सकते हैं. जिलाधिकारी को जो पत्र लिखा गया है, उस पर कार्रवाई होगीय अगर ऐसी कार्रवाई नहीं होती है तो वह आगे कदम उठाएंगे.
वहीं र्के पर पाबंदी के बयान पर सपा भड़क गई है. सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि यह बेहद घटिया बयान है. सिर्फ इसलिए इसका विरोध हो रहा है कि मुस्लिमों में ऐसी प्रथा है. लेकिन मुस्लिम महिलाओं के लिए बुर्का पहनना कोई अनिवार्य पहले ही नहीं है. कुछ लोग ऐसा करते हैं औऱ कुछ ऐसा नहीं करते हैं. इसी तरह हिन्दू समाज में तमाम महिलाएं घूंघट करती है. ये सदियों से चली आ रही परंपरा है. इस पर राजनीति करना सही नहीं है.
बसपा सांसद दानिश अली (BSP MP Danish ali) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. दानिश अली ने कहा कि योगी सरकार (Yogi Adityanath Government) यूपी में सियासी जमीन खो चुकी है. रोजगार सड़कों पर है, पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर हैं. किसानों का आंदोलन लंबे समय से चल रहा है. लिहाजा बीजेपी नेता बार-बार भड़काऊ बयान देकर धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करना चाहते हैं, लेकिन इस बार यह सफल नहीं होगा. आम जनता ये समझ चुकी है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं