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संघ के शताब्दी वर्ष 2025 तक पूरे देश में संगठन के विस्तार का लक्ष्य
2024 तक भाजपा सरकार बरकरार रहे तभी विस्तार पूरे देश में संभव
संघ के अलग-अलग संगठनों में भी फेरबदल होने की संभावना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सरसंघ चालक के बाद सरकार्यवाह का पद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद होता है. खास बात यह भी है कि आरएसएस में सरकार्यवाह ही प्रशासनिक और सांगठनिक तरीके से कामकाज पर नजर रखते हैं. सरसंघचालक अभी मोहन भागवत हैं. सरसंघचालक मनोनीत किए जाते हैं जबकि सरकार्यवाह का चुनाव होता है.
संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि अगले वर्ष मार्च में संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक होगी. इस बार प्रतिनिधि सभा की बैठक इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि वह चुनाव का वर्ष होगा. इसमें सरकार्यवाह का चुनाव होगा. सरकार्यवाह का कार्यकाल तीन वर्षों का होता है. संघ के सरकार्यवाह अभी भैय्याजी जोशी हैं और उनका कार्यकाल मार्च 2018 में पूरा हो रहा है. ऐसे में प्रतिनिधि सभा में सरकार्यवाह का निर्वाचन होगा.
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समझा जाता है कि भैय्याजी जोशी इस बारे में यदि अनिच्छा व्यक्त करते हैं तब वरिष्ठता के लिहाज से दत्तात्रेय होसबोले नए सरकार्यवाह हो सकते हैं. इसके साथ ही संघ के अलग-अलग संगठनों में भी फेरबदल होने की संभावना है. इस सबका मकसद संघ के शताब्दी वर्ष यानी 2025 तक पूरे देश में विस्तार है.
आरएसएस की स्थापना 27 सितंबर 1925 को नागपुर में हुई थी. इसकी स्थापना केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी. संघ का प्रयास साल 2025 में अपने शताब्दी वर्ष तक संगठन का विस्तार समूचे देश में करना है. इसके लिए 2019 का लोकसभा चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि इस चुनाव में जीत के बाद 2024 तक केंद्र में भाजपा की सरकार बरकरार रही तो ही संघ का विस्तार पूरे देश में हो पाएगा.
पदाधिकारी ने बताया कि इस बैठक में 1400 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे जो नए सरकार्यवाह के चुनाव में हिस्सा लेंगे. उन्होंने हालांकि कहा कि अब तक सर्वसम्मति से ही इनका चयन होता रहा है.
बैठक में संगठन के विस्तार के तौर तरीकों पर भी चर्चा होगी. इसमें कुछ प्रस्ताव भी पारित किए जा सकते हैं.
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संघ के एक अन्य पदाधिकारी ने बताया कि पिछले तीन सालों में हमने संगठन के विस्तार का एक कार्यक्रम चलाया है. हमारी दैनिक शाखाओं, साप्ताहिक बैठकों और मासिक मंडलियों में इस अवधि में 18 फीसदी वृद्धि हुई. तीन साल पहले हमारी 43,000 स्थानों पर ऐसी इकाइयां थीं और वैसे स्थानों की संख्या अब बढ़कर 55,000 हो गई है. पदाधिकारी ने दावा किया, ‘‘ पिछले 10 सालों से संघ का कार्य लगातार बढ़ा है. पिछले साल प्राथमिक शिक्षा वर्गों में एक लाख युवाओं ने पूरे देश में हिस्सा लिया.’’
(इनपुट भाषा से)