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This Article is From May 30, 2016

डेढ़ लाख डाकघरों को बैंक का दर्जा देने की मुहिम पहुंची निर्णायक दौर में : रविशंकर प्रसाद

डेढ़ लाख डाकघरों को बैंक का दर्जा देने की मुहिम पहुंची निर्णायक दौर में : रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद की फाइल फोटो
नई दिल्‍ली: देश के डेढ़ लाख पोस्ट ऑफिसों को बैंक का दर्जा देने की कवायद अब निर्णायक दौर में है। डाक विभाग ने इस बारे में कैबिनेट नोट तैयार कर सभी मंत्रालयों को भेज दिया है। इसे जल्दी कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा।

सरकार अब डेढ़ लाख डाकघरों को बैंक का दर्जा देने जा रही है। संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "1.50 लाख पोस्ट ऑफिस एक बड़ा प्लैटफॉर्म है। हमने तय किया है कि जनता इसका इस्तेमाल एक आम बैंक की तरह करे। पोस्ट ऑफिसों में अब थर्ड पार्टी सर्विसेज़ मुहैया कराए जाएंगे"। अगर सब सरकार की योजना के मुताबिक रहा तो अगले साल मार्च से इंडिया पोस्ट बैंक काम करना शुरू कर देगा।

डाकियों की बदलेगी पुरानी पहचान
पोस्ट ऑफिस में छंटाई कर रहे इन डाकियों की बहुत पुरानी पहचान अब बदलने वाली है। अब वो आपके दरवाज़े पर चिट्ठियां ही नहीं, एटीएम भी लेकर हाजिर होंगे और बैंककर्मी का काम करेंगे।

रविशंकर प्रसाद के मुताबिक सरकार करीब 1.30 लाख डाकियों को हैंड-हेल्ड डिवाइस मुहैया कराएगी, जो माइक्रो एटीएम की तरह काम करेंगे और ग्रामीण इलाकों में विशेष तौर पर लोगों के दरवाज़े पर बैंकिग सेवाएं मुहैया कराएंगे।

आम लोग भी इस पहल को उत्सुकता से देख रहे हैं। हालांकि वो मानते हैं कि डाकियों को बैंककर्मियों में बदलने के लिए काफी बदलाव लाने होंगे। वो मानते हैं कि ऑपरेशन बढ़ाने के लिए नई टेक्‍नोलॉजी की ज़रूरत होगी। इंडिया पोस्ट के स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग देनी होगी। पोस्ट ऑफिसों को काम करने का तरीका बदलना होगा और सिस्टम में नए प्रोफेशनल्स को लाना होगा।

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