रायपुर:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नक्सलियों से बंदूक छोड़कर शांति की स्थापना के लिए निर्दोषों की हत्या बंद करने को कहा। पिछले तीस वर्षों में यह पहला मौका था, जब देश के प्रधानमंत्री नक्सलियों के इस गढ़ के दौरे पर आए।
मोदी ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'जो यह सोचते हैं कि यह मौत का खेल बंद होगा या नहीं, मैं आपसे यह पूर्ण प्रतिबद्धता से कह सकता हूं और आपको यह विश्वास दिला सकता हूं कि निराश होने की जरूरत नहीं है। यह (हिंसा) भी रुकेगा।'
मोदी ने छत्तीसगढ़ के अपने संक्षिप्त प्रवास के दौरान माओवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित बस्तर क्षेत्र के लिए 24,000 करोड़ रुपये की कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की, जिनमें एक विशाल इस्पात संयंत्र, एक रेलवे लाइन, स्लरी पाइपलाइन और पेलेट संयंत्र शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि देश में हिंसा का कोई भविष्य नहीं है। अगर कोई भविष्य है तो वह शांतिपूर्ण तरीकों से है। उन्होंने कहा, 'भारत में जो लोग यह पूछते हैं कि उन लोगों को वापस लाने का क्या तरीका है, जिन्होंने हिंसा का रास्ता चुन लिया है। मैं समझता हूं (छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री) रमण सिंह ने वह रास्ता निकाला है। कंधे पर एक हल ही हल है, बंदूक नहीं।'
साल 1985 में राजीव गांधी के दौरे के बाद पीएम मोदी बीते तीन दशकों में नक्सल प्रभावित इलाके का दौरा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। मोदी ने पंजाब और नक्सलबाड़ी (पश्चिम बंगाल में) का उदाहरण दिया, जहां लोग पहले हिंसा से प्रभावित रहने के बाद अब एक शांतिपूर्ण जीवन गुजार रहे हैं।
मोदी ने कहा, 'वह भूमि जहां नक्सलवाद का जन्म हुआ था, उसका दौरा करिये और आप देखेंगे कि उन्होंने अपने अनुभव से सीख ली है और वह रास्ता छोड़ दिया है। आज वह नक्सलबाड़ी जहां से हिंसा का रास्ता शुरू हुआ था, जहां बम और बंदूकों की आवाजें होती थीं, रक्तपात होता था, आज वहां पर वह समाप्त हो गया है।'
आदिवासी बस्तर क्षेत्र के तहत आने वाला दंतेवाड़ा खनिज संसाधनों विशेष तौर पर लौह अयस्क से समृद्ध है। पूर्व में इस क्षेत्र ने नक्सली हमले झेले हैं। इनमें से सबसे भीषण 2010 का हमला था, जिसमें 76 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
मोदी ने कहा कि वार्ता से समस्याओं के समाधान के रास्ते निकल सकते हैं। उन्होंने कहा, 'छत्तीसगढ़ के संदर्भ में, यदि यह इस (नक्सलवाद) समस्या से मुक्त हो जाता है तो यह देश में आर्थिक विकास के मामले में नम्बर एक होगा। छत्तीसगढ़ में वह शक्ति है जो देश का भविष्य बदल सकता है। केवल विकास ही समस्याओं का हल ला सकता है।' उन्होंने माओवादियों के लिए एक प्रयोग का सुझाव दिया और कहा कि वे अपने 'गुनाह' के बारे में पुनर्विचार करें और उन लोगों के परिवार के साथ रहें जिनकी उन्होंने हत्या की थी।
मोदी ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'जो यह सोचते हैं कि यह मौत का खेल बंद होगा या नहीं, मैं आपसे यह पूर्ण प्रतिबद्धता से कह सकता हूं और आपको यह विश्वास दिला सकता हूं कि निराश होने की जरूरत नहीं है। यह (हिंसा) भी रुकेगा।'
मोदी ने छत्तीसगढ़ के अपने संक्षिप्त प्रवास के दौरान माओवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित बस्तर क्षेत्र के लिए 24,000 करोड़ रुपये की कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की, जिनमें एक विशाल इस्पात संयंत्र, एक रेलवे लाइन, स्लरी पाइपलाइन और पेलेट संयंत्र शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि देश में हिंसा का कोई भविष्य नहीं है। अगर कोई भविष्य है तो वह शांतिपूर्ण तरीकों से है। उन्होंने कहा, 'भारत में जो लोग यह पूछते हैं कि उन लोगों को वापस लाने का क्या तरीका है, जिन्होंने हिंसा का रास्ता चुन लिया है। मैं समझता हूं (छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री) रमण सिंह ने वह रास्ता निकाला है। कंधे पर एक हल ही हल है, बंदूक नहीं।'
साल 1985 में राजीव गांधी के दौरे के बाद पीएम मोदी बीते तीन दशकों में नक्सल प्रभावित इलाके का दौरा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। मोदी ने पंजाब और नक्सलबाड़ी (पश्चिम बंगाल में) का उदाहरण दिया, जहां लोग पहले हिंसा से प्रभावित रहने के बाद अब एक शांतिपूर्ण जीवन गुजार रहे हैं।
मोदी ने कहा, 'वह भूमि जहां नक्सलवाद का जन्म हुआ था, उसका दौरा करिये और आप देखेंगे कि उन्होंने अपने अनुभव से सीख ली है और वह रास्ता छोड़ दिया है। आज वह नक्सलबाड़ी जहां से हिंसा का रास्ता शुरू हुआ था, जहां बम और बंदूकों की आवाजें होती थीं, रक्तपात होता था, आज वहां पर वह समाप्त हो गया है।'
आदिवासी बस्तर क्षेत्र के तहत आने वाला दंतेवाड़ा खनिज संसाधनों विशेष तौर पर लौह अयस्क से समृद्ध है। पूर्व में इस क्षेत्र ने नक्सली हमले झेले हैं। इनमें से सबसे भीषण 2010 का हमला था, जिसमें 76 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
मोदी ने कहा कि वार्ता से समस्याओं के समाधान के रास्ते निकल सकते हैं। उन्होंने कहा, 'छत्तीसगढ़ के संदर्भ में, यदि यह इस (नक्सलवाद) समस्या से मुक्त हो जाता है तो यह देश में आर्थिक विकास के मामले में नम्बर एक होगा। छत्तीसगढ़ में वह शक्ति है जो देश का भविष्य बदल सकता है। केवल विकास ही समस्याओं का हल ला सकता है।' उन्होंने माओवादियों के लिए एक प्रयोग का सुझाव दिया और कहा कि वे अपने 'गुनाह' के बारे में पुनर्विचार करें और उन लोगों के परिवार के साथ रहें जिनकी उन्होंने हत्या की थी।
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