PM मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग गुजरात के बाद चेन्नई में भी मिले थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'जेरोधा' के को-फाउंडर निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट डेब्यू में अपने बचपन से लेकर राजनीतिक सफर तक को लेकर कई दिलचस्प किस्से शेयर किए हैं. निखिल कामथ के यूट्यूब चैनल People by WTF में बातचीत के दौरान मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ स्पेशल कनेक्ट का जिक्र किया है. प्रधानमंत्री ने बताया कि चीनी दार्शनिक (फिलॉसफर) ह्वेन त्सांग एक समय गुजरात में उनके गांव में रहे थे. चीन में ह्वेन त्सांग शी जिनपिंग के गांव में भी कुछ समय के लिए रहे. इसकी वजह से चीनी राष्ट्रपति और उनके बीच स्पेशल कनेक्ट है.
प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे को लेकर ये बातें कीं. PM मोदी ने कहा, "साल 2014 में जब मैं प्रधानमंत्री बना, तो दुनिया के लीडर्स एक कर्टसी कॉल करते हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कर्टसी कॉल आया. उन्होंने शुभकामनाएं दी. जिनपिंग ने खुद कहा कि मैं भारत आना चाहता हूं. मैंने कहा कि बिल्कुल.. स्वागत है आपका. आप जरूर आइए."
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PM आगे कहते हैं, "मैंने कहीं पढ़ा था कि चीनी फिलॉसफर ह्वेन त्सांग मेरे गांव में रहे थे. एक बार एक फिल्मकार उस पर एक फिल्म बनाने वाले थे. तब मैंने चीनी एंबेसी या किसी को चिट्ठी लिखी कि मैंने कहीं पढ़ा है कि आप ह्वेन त्सांग के लिए फिल्म बना रहे हैं, तो मेरे गांव में वो रहते थे. आप उसका भी जिक्र कहीं करना. उससे पहले मेरे गांव में रसिक भाई दवे थे. वो स्कूल के बच्चों से कहते थे कि कोई भी पत्थर मिले, जिस पर कुछ लिखा हो या नक्काशी हो तो उसको लाकर यहां एक जगह इकट्ठा कर देना. तब मुझे समझ आया कि वो ये कहना चाहते थे कि ये एक पुरातन गांव है. यहां एक हर पत्थर में कोई स्टोरी है. जब भी कोई व्यक्ति आएगा तो इसको करेगा, शायद ये कल्पना रही होगी. तो वो बात मेरे भी दिमाग में बैठ गई."
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मोदी बताते हैं, "मैं उस गायकवाड़ स्टेट के प्राइमरी स्कूल में पढ़ा. मेरा ख्याल है कि मैं बचपन में गायकवाड़ में ही रहा. वहां एक तालाब था, तो स्वीमिंग करना सीख गए. मैं अपने घर के कपड़े धोता था, तो मुझे तालाब जाने की इजाजत मिल जाती थी. बाद में वहां एक भागवताचार्य नारायणाचार्य हाई स्कूल था. वो भी एक तरह से चैरिटेबल था. मेरी स्कूली शिक्षा वहां से हुई. उस वक्त 10+2 नहीं होता था 11वीं कक्षा होती थी."
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