विज्ञापन

बिहार विधानसभा के मानसून सत्र की हंगामेदार शुरूआत, इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हुआ. सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया तो सरकार से सात विधेयक पेश किए. आइए जानते हैं कि कैसा हो सकता है 17वीं विधानसभा का अंतिम सत्र.

बिहार विधानसभा के मानसून सत्र की हंगामेदार शुरूआत, इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
  • बिहार विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हुआ. यह 25 जुलाई तक चलेगा. यह 17वीं विधानसभा का अंतिम सत्र होगा.
  • विपक्ष विधानसभा में कानून व्यवस्था और मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण पर सरकार से जवाब चाहता है, लेकिन सरकार इससे असहमत है.
  • सरकार इस सत्र में सप्लीमेंट्री बजट पेश करेगी और चार मूल और आठ संशोधन विधेयक सदन में पेश करेगी.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
पटना:

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हुआ. 17वीं विधानसभा का यह अंतिम पांच 25 जुलाई तक प्रस्तावित है. इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह अंतिम सत्र होगा.इसलिए यह पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए महत्वपूर्ण है. इस मानसून सत्र के काफी हंगामेदार रहने की संभावना है. विपक्ष राज्य की खराब होती कानून व्यवस्था और मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा चाहता है. लेकिन सरकार इसके लिए सहमत नजर नहीं आ रही है. इसे देखते हुए लगता है कि एकजुट नजर आ रहा विपक्ष सदन में जोरदार हंगामा करे. सरकार इस दौरान सप्लीमेंट्री बजट पेश करेगी. 

सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी विधायकों ने सदन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. भाकपा (माले) के विधायक काला कुर्ता और सफेद पजामा पहनकर विधानसभा पहुंचे.  वो अपने हाथों में एसआईआर के खिलाफ बैनर लिए हुए थे. विधायकों ने आरोप लगाया कि एसआईआर से दलित और पिछड़ों के नाम वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाएंगे.

बिहार विधानसभा के विधायी कार्य 

मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए सप्लीमेंट्री बजट पेश करेगी. इसके अलावा राज्यपाल की ओर से स्वीकृत क्रयादेशों और विभिन्न समितियों की रिपोर्टों को भी पटल पर रखा जाएगा. विधानसभा सचिवालय के अनुसार 22 और 23 जुलाई को राजकीय विधेयक पेश किए जाएंगे. वहीं 24 जुलाई को अनुपूरक बजट पर चर्चा और मतदान के बाद विनियोग विधेयक पेश किया जाएगा. सत्र के अंतिम दिन 25 जुलाई को गैर सरकारी संकल्पों पर चर्चा की जाएगी. विधान परिषद में भी चालू वित्त वर्ष के लिए सप्लीमेंट्री बजट पेश किया जाएगा. इस सत्र के दौरान सरकार कई विधेयक भी पेश करेगी. इनमें चार मूल और आठ संशोधन विधेयक हैं.

सरकार इस सत्र में जो विधेयक पेश करेगी उनमें श्रम संसाधन विभाग के चार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तीन, वित्त, पशु एवं मत्स्य संसाधन, नगर विकास एवं आवास, विधि और वाणिज्यकर विभागों के एक-एक विधेयक शामिल हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण है जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025. इसके जरिए राज्य में पहले कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना होगी और राज्य के एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने की दिशा में भी सरकार आगे बढ़ेगी. पहले दिन बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2025, बिहार भूमिगत पाइप लाइन (संशोधन) विधेयक- 2025, बिहार हिंदू धार्मिक न्यास (संशोधन) विधेयक- 2025, बिहार पशु प्रजनन विधेयक- 2025, बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त संशोधन विदेयक -2025, बिहार कृषि भूमि (ग़ैर कृषि प्रयोजनों के लिए संपरिवर्तन संशोधन विधेयक-2025 और बिहार माल और सेवा कर संशोधन विधेयक-2025 को पटल पर रखा गया है.

बिहार में सरकार को किन मुद्दों पर घेरेगा विपक्ष

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब चुनाव आयोग राज्य में मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण करा रहा है. इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ऐसा किया जा रहा है. विपक्ष इस अभियान की मंशा पर सवाल उठा रहा है. विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर में अनियमितता हो रही है और पारदर्शिता की कमी है. उसका कहना है कि इसके जरिए बड़ी संख्या में वोट काटे जाएंगे. राजद, कांग्रेस और वामदलों का महागठबंधन इस मुद्दे पर सरकार को घेरेगा.इसकी एक झलक सोमवार को ही देखने को मिली. विपक्षी विधायकों ने विधानसभा के गेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस विधायक और उसके प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में हम लोगों ने दो मांग रखी थी कि लॉ एंड ऑर्डर के सवाल और एसआईआर के सवाल पर सरकार जवाब दे. सरकार इस पर सहमत नहीं हुई. इसलिए हम लोग सदन को चलने नहीं देंगे और जरूरत पड़ी तो सत्ता पक्ष के लोगों को भी सदन में जाने से रोकेंगे.

इस सत्र में विपक्ष की तैयारी बिहार के कानून व्यवस्था को भी मुद्दा बनाने की है.राजधानी पटना में हुई दो बड़ी आपराधिक वारदातों और दलित लड़की के साथ हुई हैवानियत और पटना के एक अस्पताल में उसके साथ हुई दुर्व्यवहार का मामला विपक्ष उठा सकता है. विपक्ष सरकार को कानून व्यवस्था के मामले में फेल बता रहा है. इसके अलावा विपक्ष बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.कांग्रेस नकली दवाओं के मामले में मंत्री जीवेश मिश्रा का इस्तीफा मांग रही है. वहीं सरकार भी विपक्ष के हर आरोप का तथ्यों के साथ जवाब देने को तैयार है. 

बिहार विधानसभा का गणित

विधानसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए काफी मजबूत है. विधानसभा में एनडीए के पक्ष में 130 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं दूसरी ओर महागठबंधन को 111 विधायकों का समर्थन हासिल है. लेकिन आरजेडी-कांग्रेस के कुछ विधायक बागी हुए हैं. ऐसे में यह संख्या कम भी हो सकती है. 
वहीं अगर विधान परिषद की बात करें तो 75 सदस्यों वाले सदन में भी एनडीए का बहुमत है. बीजेपी विधान परिषद की सबसे बड़ी पार्टी है. दोनों सदनों में एनडीए के बहुमत को देखते हुए नहीं लगता कि नीतीश सरकार को जरूरी विधायी कामकाज निपटने में कोई परेशानी होगी. 

ये भी पढ़ें: 'हिंदुस्तानी नहीं हो क्या...', मराठी बोलने का बना रहे थे दबाव, महिला ने दिया करारा जवाब

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com