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6 years ago
एनडीटीवी इंडिया पर आज आपने राजनीति, खेल, इंटरटेनमेंट जगत के चर्चित चेहरों के साथ स्पेशल यूथ कॉन्क्लेव ‘NDTV युवा’ देखा.  एनडीटीवी पर आज यानी 16 सितंबर (रविवार) को दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक आप स्पेशल यूथ कॉन्क्लेव ‘NDTV युवा’ का कार्यक्रम चला . एनटीडीवी के इस खास कार्यक्रम में बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान, बिहार में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, नीरज चोपड़ा, स्वरा भास्कर, बाबा रामदेव और विनेश फोगाट आदि भी शामिल हुए और हर मुद्दे पर अपनी बेबाकी से राय रखी. इस कार्यक्रम में एशियन गेम्स के नए नायकों से भी अपनी बातें कीं. दिनभर चलने वाले NDTV के इस कार्यक्रम में भारत के युवाओं की चिंताओं, आशाओं, आकांक्षाओं और चुनौतियों पर की चर्चा की गई.  NDTV इंडिया और हमारे ऐप्स व वेबसाइट पर लाइव प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रम के दौरान हमने जाने-माने यूथ आइकन से बातें कीं. आज के कार्यक्रम का विषय था- कैसे मिल-जुलकर अपने मुल्क को बेहतर बनाया जा सकता है. कुल मिलाकर राजनीति से लेकर सोशल मीडिया तक, स्वास्थ्य से लेकर खेल, समाज और शोबिज़ तक हर क्षेत्र की नामी हस्तियों से भारत को बेहतर बनाने पर इस कार्यक्रम में चर्चा हुई. 
 

NDTV YUVA Conclave 2018 LIVE Updates: 

बादशाह का परफॉर्मेंस...
बादशाह ने कहा कि मैं कन्हैया कुमार और संबित पात्रा का न्यूज डिबेट खूब देखता हूं. आज मैंने अखिलेश यादव का भी कार्यक्रम देखा और आमिर सर का भी..

बादशाह ने कहा कि कहा जो हमारे दोहे हैं वो रैप हैं. हमारी संस्‍कृत में तो कब से कथा गाना हो रहा है. वो रैप ही तो है. उन्होंने कहा कि पंजाब में म्यूजिक को लेकर पैशन बहुत है. 
बादशाह ने कहा कि बंदिशें सोसाइटी पर होती हैं, आर्ट पर नहीं. आर्टिस्ट सोसाइटी का मिरर होते हैं. मैं लाइन क्रॉस नहीं करता. मैं इस बात का ध्‍यान रखता हूं. अगर मैं कभी लाइन क्रॉस करूं तो माफी मांगता हूं.


बादशाह ने कहा कि मैं रैप काफी सोच समझकर करता  हूं. मैं हाजिर जवाबी भी नहीं हूं. मैं काफी इंट्रोवर्ट हूं. मगर जब मंच पर रहता हूं तो काफी एनर्जेटिक हो जाता हूं. मंच पर मेरा फ्रस्ट्रेशन जाग उठता है. इसलिए मेरा फर्ज होता है कि लोगों को इंटरटेन करूं. 

सवाल: रैप पुराने जमाने से प्रयोग हो रहा था, मगर बीचे में थोड़ा कम हो गया और अब फिर रैप का बोलबाला है, ऐसा क्यों?

बादशाह: मुझे लगता है कि रैप कंटेंट पर निर्भर करता है. लोगों को रैप कंटेंट के आधार पर ही पसंद आते हैं. 
सवाल: हाल के दिनों में पंजाबी गाने इतने पॉपूलर क्यों हुए?

बादशाह: पंजाबी गानों में कुछ बात ही ऐसी होती है. वहां की मिट्टी में ही सेलिब्रेशन होती है. मैं यह नहीं कहता कि और जगहों में नहीं होती. मगर पंजाब की भाषा सब आसानी से समझ जाते हैं. पंजाबी ऑडियन्श को टारगेट करना भी आसान होता है. 


बादशाह ने कहा कि किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि मैं 'वन' एल्बम भी गा सकता हूं. मैंने एक अलग फैन बेस को भी टैप किया है. 

बादशाह ने कहा कि मेरा नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसौदिया है. 

बादशाह ने कहा कि मेरी नई एल्बम वन आ गई है. इसमें करीब दो साल से अधिक का समय लगा. उसे अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. लोगों को मेरा एक अलग रूप देखने को मिला. 
अंजिली इस्टवाल और प्रशांत शिशौदिया के साथ रैप के बादशाह लाइव: 

आमिर खान ने निगेटिविटी पर क्या कहा-

आमिर खान ने कहा कि आप हर जगह नकारात्मक लोगों को देख सकते हैं. मैं किसी को ब्लेम नहीं करता. मैं उनके भीतर की नकारात्मकता को दोष देता हूं. 

आमिर खान ने कहा कि मुझे उम्‍मीद है कि महाराष्‍ट्र में पानी से खुशहाली आएगी. मुझे उम्मीद है कि कुछ सालों में पानी फाउंडेशन की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए.
आमिर खान ने कहा कि हम लाइफस्टाइल को मेंटेन रखने के लिए प्रकृति का ज्यादा दोहन करते हैं. 
आमिर खान ने कहा कि पानी प्रबंधन की तरह ही कचरा प्रबंधन भी देश में बड़ा मसला है. अगर आप जंगल में जाएंगे तो आपको कचरा नहीं दिखेगा. नेचर का अपना तरीका है और वह हर चीज इस्तेमाल करता है. हम जो कचरा क्रियेट करता है वह काफी अनऑर्गेनिक होता है. इसलिए हमें ऑर्गेनिक पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए. 
आमिर खान ने कहा कि हमारे भीतर राम और रावण दोनों हैं. यह हमारे  ऊपर निर्भर करता है कि हम किसे चुनते हैं. हस सभी प्यार और नफरत करते हैं या हमसे करते हैं. लेकिन अंतत: प्यार और नफरत की जंग में प्यार हमेशा जीतता है.
सवाल: क्या आप नेता बनेंगे, राजनीति में आएंगे?

आमिर खान- मैं नेता नहीं हूं. मैं उसके लिए बना नहीं हूं और मैं राजनीति में नहीं आऊंगा. मैं लोगों तक पहुंच सकता हूं. मैं एक कम्यूनिकेटर हूं. मैं क्रियेटिव हूं. अगर मैं राजनीति में क्रियेटिव नहीं कर पाऊंगा. पॉलिटिक्स से डर लगता है. पॉलिटिक्स से कौन नहीं डरता. मैं अलग ही रहना चाहता हूं. मेरा काम सिर्फ लोगों का मनोरंजन करना है. 

आमिर खान ने कहा कि हमें गांवों पर पूरा भरोसा है कि वो अपनी समस्‍याओं को खुद ही सुलझाएंगे. एक वाकया याद करते हुए आमिर खान ने कहा कि एक गांव में सिर्फ महिलाएं ही श्रमदान कर रही थीं. पुरुष बहाना बनाते रहे. महिलाओं ने उन्‍हें सबक सिखाने की सोची और घर न जाकर मंदिर में सो गईं. सभी के पति 24 घंटे में टूट गए और श्रमदान करने के लिए आ गए.
आमिर खान ने कहा कि कीटनाशकों के जरूरत से ज्‍यादा इस्‍तेमाल की वजह से महाराष्‍ट्र की मिट्टी की क्‍वालिटी बुरी तरह खराब हो चुकी है...


महाराष्‍ट्र में किसानों के आत्‍महत्‍या के मुद्दे पर आमिर खान ने कहा कि यह एक पेचीदा मुद्दा है. इस पर हम सीधे तौर पर तो काम नहीं कर रहे. लेकिन हमें उम्‍मीद है कि पानी के आने से जो आर्थिक विकास होगा उसका फायदा किसानों को भी मिलेगा. बाढ़ और पानी जैसे मसलों पर मैं भी नहीं मानता हूं कि बिग डैम भी हल नहीं है. मेरा मानना है कि लोग ही अपनी समस्याओं का हल है.  मैं महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री और उनकी टीम के साथ काम कर रहा हूं. उनकी नीति साफ है कि बड़े बांधों से पानी की समस्‍या हल नहीं होगी.

आमिर खान ने कहा कि हमने किसानों के कर्ज, उनकी आत्म हत्या जैसे मसलों पर हमने सोचा जरूर है मगर अभी तक काम करना शुरू नहीं किया है. यह एक सामाजिक और आर्थिक मुद्दा है. हो सकता है हम आगे जाकर इस मुद्दे पर काम करे. 
सवाल: पानी पर काम करते-करते क्या आमिर खान ने उन किसानों की दुख को समझा जो आत्महत्या की दहलीज पर ले जाती है?

आमिर खान- यह पेचिदा पहलू है. हम इस पर प्रत्यक्ष रूप से काम तो नहीं करते, मगर पानी के ऊपर जो हम काम कर रहे हैं, उनके कुछ इस समस्या का समाधान हो सकता है. 

आमिर खान ने कहा कि हमारी 6 लोगों की टीम थी. उन्होंने कहा कि कुछ गांवों में राजनीति होती है और लोग जुड़ना नहीं चाहते हैं. पहले साल में 116 गावों ने हिस्सा लिया और कम से कम एक तिहाई गांवों ने बढ़िया काम किया. एक तिहाई ने मेडियम लेवल का काम किया. पहला प्रयोग हमारा सफल हो गया. न हम गांव को पैसा दे रहे हैं और हम सामान दे  रहे हैं. हम सिर्फ गांवों को बता रहे हैं कि कैसे वह सूखे से उबर सकते हैं. गांव वालों ने फिर कहना शुरू कर दिया कि हम कर सकते. 


आमिर खान ने कहा कि हम चाहते हैं कि हर गांव के पास अपना जल प्रबंधन हो. 
आमिर खान ने कहा कि पानी और सूखे की समस्या को लेकर जब तक यह जन आंदोलन नहीं बनेगा, तब तक इस समस्या का समधान नहीं होगा

आमिर खान ने कहा कि पूरे महाराष्ट्र में नहरों से  18 फीसदी जमीन पर पानी पहुंचता है. महाराष्ट्र सरकार भी यही चाहती है कि विकेंद्रीकृत वाटरशेड कार्यक्रम ही सिंचाई का एकमात्र उपाय है. 

आमिर खान ने कहा कि महाराष्‍ट्र में पानी की हालत गंभीर है, तब हमने इस पर काम करने की सोची. इसके लिए हमारे मन में 'पानलोट' का खयाल आया. हमने इसके लिए तीन सूखाग्रस्त गांवों को चूना. 

आमिर खान ने कहा कि  हम महाराष्‍ट्र में दो या तीन गांवों में काम नहीं करना चाहते थे. हम बड़े स्‍केल में काम करना था. इसके लिए हमें ऐसे आइडिया पर काम करना था जो बड़ा प्रभाव छोड़े. हमारा मानना है कि हम कुछ लोगों को ट्रेनिंग दे सकते हैं, लेकिन गांव को अपनी पर्यावरण संबंधी समस्‍या को खुद ही सुलझाना है

आमिर खान ने कहा कि महाराष्‍ट्र में पानी के हालात सुधारने के लिए हमने सुखाग्रस्‍त इलाकों का चयन किया. सबसे बड़ी चुनौती लोगों को साथ लाने की थी.  हमने मजेदार गेम्‍स के जरिए गांववालों को बताया कि उनकी आने वाली पीढ़‍ियों को पानी नहीं मिलेगा. इस बात का असर हुआ. उन्‍हें ये समझ आ गया कि पानी का मैनेजमेंट कितना जरूरी है.



आमिर खान ने कहा कि हम एक टब में पानी भरके गांव वालों का एक ग्रुप बनाते थे. इसमें 40 सदस्‍य होते थे, जिनमें दादा, पिता और पोते शामिल होते थे. सबसे पहले चार दादा स्‍ट्रॅा से पानी खींचकर बोतल में भरते थे और फिर बेटे यही काम करते थे. जब पोतों की बारी आती थी तब पानी कम हो चुका होता. जब वो पानी भरने के लिए कहते तो हम उन्‍हें कोई जवाब नहीं देते. यह बात उनके दिल तक उतर गई. उन्‍हें समझ आ गया कि उनके बच्‍चों को पानी नहीं मिलेगा. इंसान चाहे कितना भी कठोर हो जाए, वो अपने गांव, शहर, देश और समाज के लिए भले ही कुछ न करना चाहे लेकिन अपनी औलाद के लिए जान भी दे सकता है. इसी बात ने गांववालों को जनांदोलन के लिए प्रेरित किया.

आमिर खानन ने कहा कि हम सबके भीतर काफी करप्शन है. जब भी हम काम करने जाते हैं तो सरपंच पूछता है कि इसमें मेरा कितना फायदा है. इसलिए हमने सोचा कि हम कोई पैसा नहीं देंगे. हम चाहते हैं कि गांव उनका है समस्या उनकी है तो वह आगे आएं और काम करें. हमने तय किया कि गांव के पांच लोगों को हम ट्रेनिंग देंगे. 

आमिर खान ने कहा कि  सत्यमेव जयते के शो के तीन सीजन बीत चुके थे और हम (मैं और सत्या) यह सोच रहे थे कि आगे क्या करना चाहिए. हमें  पता था कि इस शो का जमीन पर असर हो रहा है. कुछ बदलाव भी आया. उससे हमें प्रेरणा मिली. मुझे लगा कि किसी एक विषय को लेकर ग्राउंड जीरो पर काम करना चाहिए. इसलिए हमने महाराष्ट्र में पानी के साथ हमने सूखे पर काम करना शुरू किया. 
सवाल: आपको लगता है कि लोगों का समूह बिना सरकार के समर्थन के पर्यावरण के मुद्दे पर काम कर सकते हैं

आमिर खान: हां, यह मुमकीन है, मगर मुश्किल बहुत है. सदियों से इंसान प्रकृति का दोहन कर रहा है. मैं अक्सर सोचता हूं कि पृथ्वी पर जो भी रहते हैं मसलन इंसान, जानवर. जानवर उतना ही उपभोग करता है जितना उसकी जरूरत है. मगर इंसान जरूरत से ज्यादा उपभोग करता है. ये कई सालों से चल रहा है. इसे रिवर्स करना मुश्किल है मगर कोशिश करते रहना चाहिए...
पर्यावरण के मुद्दे पर  रवीश कुमार के साथ आमिर खान लाइव: 


दिलीप चेरियन ने कहा कि आज का कंज्‍यूमर सबकुछ समझता है. अब कुछ छिपा नहीं है. कंज्‍यूमर समझता है कि ब्रैंड एम्‍बेसडर का रेट क्‍या है? इंटरनेट का फायदा यह है कि अब आप कुछ भी छुपा नहीं सकते हैं. आप जो भी करेंगे वह सब दिखेगा. क्योंकि अब इससे ट्रांसपैरेंसी बढ़ गई है. अगर आप कुछ गलत करते हैं तो ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाएंगे. 

स्वरा भास्कर ने कहा कि  मैंने कभी सोशल मीडिया को कमाई का जरिया नहीं देखा था. मैं मजबूरी में सोशल मीडिया पर आई थी. मेरे पीआर ने कहा था. अब मैं ऐसी पोजिशन पर हूं जहां लोग मुझे 'की ओपिनियन लीडर' समझते हैं. 

रीना ढाका: अब आजकल काफी लड़कियां फैशन ब्‍लॉगर्स के तौर पर अच्‍छा काम कर रही हैं. वो फैशन बिजनेस को बढ़ाने का काम करती हैं. रैंप पर भी वॉक करती हैं और कपड़े भी डिजाइन करती हैं.

मोहम्मद कैफ: देखिये मैं सोशल मीडिया एक्सपर्ट तो नहीं हूं, मगर इसके जरिये मुझे आवाज मिली. जिसकी वजह से मैं काफी लोगों तक पहुंच पाता हूं. लोगों से बात कर पाता  हूं. मैसेज पहुंचा पाता हूं. विवाद मेरे दिमाग में नहीं होता, मगर कभी-कभी जो फील करता हूं, वही पोस्ट करता हूं. ट्रोल मीडिया का दिया शब्द है. मेरी नजर में कोई ट्रोल नहीं है. ट्रोल का मतलब सिर्फ सहमत या असहमत लोग होते हैं. मैं चाहता हूं कि छोटे शहर से आने वाले लोगों को मौका मिले. मैं ऐसा करूं य़ा फिर मुझे मौका मिला है कि मैं मैसेज पास करूं तो मैं इमानदारी से लोगों को प्रेरित करता हूं. 

कुषा कपिला ने कहा कि इंटरनेट मनी मेकिंग प्‍लेटफॉर्म है. यहां पर आपको अपने एक वीडियो का रिजल्‍ट तुरंत पता चल जाएगा. इंटरनेट एक डेमोक्रेटिक जगह है. इंटरनेट को आपके मोटे, पतले, काले या गोरे होने से कोई फर्क नहीं पड़ता.
स्वरा ने कहा कि जब सड़क पर लड़कियों को छेड़ा जाता है तो हम रोकते हैं, तो फिर सोशल मीडिया ट्रोल्स गाली देते हैं तो फिर हम वहां क्यों नहीं रोक सकते हैं. 

स्वरा ने कहा कि  किसी रेस्‍टोरेंट जैसी पब्‍लिक प्‍लेस की तरह ट्विटर भी वर्चुअल प्‍लेस है. यहां पर हम किसी को किसी लड़की को छेड़ने की इजाजत नहीं दे सकते और उस पर चुप्‍पी नहीं साध सकते. हम लोग किसी पर हो रहे अत्‍याचार पर चुप्‍पी साध लेते हैं. ये हमारे समाज की कड़वी सच्‍चाई है.

स्वरा ने कहा कि मैं भी ट्रोल्स को इग्नोर करती हूं. मगर इतने ज्यादा होते हैं कि कभी कभी इग्नोर नहीं किया जा सकता. सोशल मीडिया वर्चुअल पब्लिक प्लेस है. इसलिए अगर सड़क पर जब लोगों को गाली देने से रोकते हैं तो सोशल मीडिया पर हम ट्रोल्स को क्यों नहीं रोकेंगे. 


सवाल: क्या ट्रोल को उतनी ही आवाज मिल गई है?

ध्वनि भानुशाली : ट्रोल आर्मी को इग्नोर करना ही बेहतर है. ट्रोल्स को इग्नोर करिए और अपना काम करते जाइए. उनके पास इसके अलावा कोई काम नहीं होता.


ध्वनि भानुशाली ने कहा कि पहले स्टोर में जाकर म्यूजिक खऱीदना होता था. सोशल मीडिया की वजह से अब रीच बढ़ गई है. मेरा गाना अब देश और दुनिया में हर कोई सुन सकता है. 
दिलीप चेरियन बोले- आपका फोन आपकी ताकत है. 

स्वरा भास्कर: सोशल मीडिया में सब बराबर हैं, राष्ट्रपति को किसी ट्रोल की आवाज़ उतनी ही ऊंची सुनाई देगी, जितनी ऊंची आवाज़ में उस ट्रोल को राष्ट्रपति का संदेश सुनाई देगा...हर कोई जानता है कि पब्लिक ओपिनियन कितना जरूरी है. सोशल मीडिया काफी शक्तिशाली है. सोशल मीडिया के पावर का इस्तेमाल गलत और सही दोनों के लिए हो सकता है. सोशल मीडिया लोगों को समानता देता है. यही सोशल मीडिया की ताकत और अपील है.


सोशल मीडिया नायक या खलनायक मुद्दे पर  राजीव मखानी के साथ स्वरा भास्कर, ध्वनि भानुशाली, दिलीप चेरियन,  मोहम्मद कैफ और रीना ढाका  का सत्र लाइव:

NDTV युवा में हिस्सा लेने पहुंचे आमिर खान

अभिषक बच्चन मंच से उठकर फैन्स से मिले. 
अभिषेक बच्चन ने मंच पर मौजूद अन्य खिलाड़ियों से कहा कि आप देश के लिए बहुत कुछ अच्छा कर रहे हैं. मेरे लायक जो भी काम हो, बस बता दीजिएगा....
विनेश फोगाट ने कहा कि मेरे पिता ने एक करोड़ रुपये की लालच में सबको रेसलिंग में डाल दिया. क्योंकि पहले यही लोग कहते थे कि जो ओलंपित में मेडल लाएगा तो एक करोड़ मिलेगा. 
विनेश फोगाट ने कहा कि पहले हम लोगों को काफी कुछ सुनना पड़ता था. ताऊ कहते थे कि अगर रेसलिंग करना है तो कोई फैशन नहीं, बाल भी लंबे नहीं रख सकते. फिल्म में तो ताऊ का वैसा रूप दिखा ही नहीं, जैसा हम देखते हैं. हमारे साथ जैसा घर में होता था, वैसा तिहाड़ में भी नहीं होता होगा. 
जब कट्रीना ने नीरज को विश किया तो मुझे जलन हुई: अभिषेक बच्चन

अमित के साथ बॉक्सिंग के सवाल पर अभिषेक बच्चन ने कहा- देखो, मैं भागता बहुत हूं.
अभिषेक बच्चन ने कहा कि जब हम समोसे भी खात हैं तो स्कीन पर काफी पिटते हैं. 
अभिषेक बच्चन: जैसे मैंने पहले भी कहा था कि प्रो कबड्डी लीग के पहेल सीजन की शुरुआत हुई थी तो मैं सोच रहा था कि हम लोग क्या कर सकते हैं. हमारा देश कबड्डी में बेस्ट है. अब जो नए खिलाड़ी आ रहे हैं वह फिटनेस के मामले में पहले से काफी अव्वल हैं. 
अमित पंघल: जब मुझे पता था कि मेरे खेल का समय आने वाला है तब मैंने उसके लिए खूब वीडियो देखें कि कैसे उसे काऊंटर करना है. 
अभिषक बच्चन: हमारे देश में क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों के लिए दर्शक नहीं हैं. अगर दूसरे खेलों के प्रति भी डिमांड पैदा करें तो एक से बढ़कर एक खिलाड़ी पैदा होंगे. हमारे देश में टैलेंट हैं. हमें स्‍पॉटलाइट दिखाने की जरूरत है.
विनेश फोगाट: जब मेरी इंजरी हुई तो मैं काफी टूट गई थी. अपने लोगों ने मुझे उत्साह दिया कि हां मैं कर सकती हूं. तब भी मुझे विश्वास नहीं हो रहा था. मेरे मुव्स होने लगे तब मुझे विश्वास हो गया कि अब मैं मैट पर जा सकती हूं. मैं नहीं चाहती थी कि मैं मैट  पर जाकर हार जाऊं. मेरा विल पावर काफी मजबूत था. मुझे अपने आपको प्रूव करना था. 
दुती चंद- जब एशियन गेम्स के लिए मेरा चयन हुआ, तो मेरे मन में यही आया कि जो भी हो मगर देश के लिए कोई तो मेडल लेना ही है. दुती चंद ने कहाा एश‍ियाड में शुरू से लेकर अंत तक भागते वक्‍त मेरी आंखें बंद थीं. फिर मेडल मेरे हाथ में था.
दुती चंद: मेरे परिवार में कुल 9 लोग हैं. मेरे परिवार का कपड़ा बनाने का काम है. गांव में भागने में काफी दिक्कत होती थी. मैं नदी किनारे भागती थी. ठंडे मौसम में एक फ्रॉक पहनकर भागती थी. मुझे नंगे पांव भी भागना पड़ा. 
नीरज चोपड़ा: मुझे काफी गर्व महसूस हो रहा था जब मैंने मेडल देश के लिए जीता. मैं भले ही घर में अच्छा नहीं खेल पाता.मगर इंटरनेशनल में परफॉर्मेंस लेवल अप हो जाता है. 
अफसां अंजुम का सत्र लाइव:
सवाल: पहले दिल्ली में आपकी पार्टी इफ्तार पार्टी करती थी, अब क्यों नहीं?

इफ्तार की पार्टी अभी भी हमलोग करते हैं. मैं अब दिल्ली से ज्यादा बिहार पर केंद्रीत कर रहा हूं. ज्यादा जनाधार बिहार में है. इसलिए हमेशा बिहार में इफ्तार पार्टी होती है. 
चिराग पासवान ने कहा कि धारा 377 मामले पर जो फैसला आया, उससे हम सामाजिक तौर पर एक कदम आगे आये हैं. 
सवाल: आपकी शादी कब है?

चिराग : मेरे पास इसका जवाब नहीं है. मेरे पिता जी ही इसका निर्णय लेंगे. मैं सुझाव दूंगा कि तेजस्वी को शादी कर लेनी चाहिए, क्योंकि कभी -कभी बड़े की शादी में देर होती है तो छोटा पहले कर लेता है. 
सवाल: क्या आपको फिल्म इंडस्ट्री में कभी भेदभाव का सामना करना पड़ा?

चिराग ने कहा कि मेरे साथ तो ऐसा नहीं हुआ, मगर समाज में ऐसी घटनाएं जरूर होती हैं. मेरे साथ मेरे बैकग्राउंड की वजह से शायद भेदभाव नहीं हुआ हो. 
दलितों और अनुसूचित जाति-जनजातियों को सामाजिक समानता नहीं मिली. 
चिराग पासवान ने कहा कि बहन के चुनाव लड़ने की बात पर चिराग पासवान ने कहा कि अगर मेरी बहन चुनाव लड़ना चाहती हैं तो उन्हें शुभकामनाएं. मेरे पिता जी हमेशा कहते हैं कि जो व्यक्ति परिवार को एक साथ नहीं रख पाएगा तो वह देश को भी एक साथ नहीं रख पाएगा. 

 चिराग पासवान ने कहा कि बचपन से पिता जी राजनीति करते देखा. मैं इंडस्ट्री में फिट नहीं हो पाया. मैंने स्पष्ट कह दिया कि मुझसे फिल्म नहीं हो पाएगा. 
चिराग पासवान ने कहा कि पहली बार आप भले ही अपने परिवार की वजह से जीत जाएं. लेकिन अगली बार आपको खुद को साबित करना होगा और आप अपने काम की वजह से ही जीतेंगे.
चिराग पासवान ने कहा कि बड़े परिवार से आने पर आसानी से एंट्री मिल जाती है, लेकिन इंसान काबिलियत के बल पर ही आगे बढ़ता है. मैंने भी खुद को प्रूव किया है. पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम किया इसलिए कार्यकर्ता मुझे मानते हैं.
चिराग पासवान ने कहा कि हां मेरी पार्टी में भी परिवारवाद और वंशवाद है. लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं है. पूरे देश में हमारे कार्यकर्ता हैं. तीन सांसद ऐसे हैं जो हमारे परिवार से नहीं हैं. किसी परिवार में जन्म लेना सौभाग्य हो सकता है मगर काबलियत नहीं.
चिराग पासवान ने कहा कि वैकल्पिक गठबंधन पर सोचने की हमें जरूरत ही नहीं. हम फिर से जीतने जा रहे हैं. 

चिराग ने कहा कि बीजेपी के साथ हमारा गठबंधन मुद्दों पर है. 


सवाल: आपकी पार्टी को कितनी सीटें मिल रही हैं?

चिराग: पहले जो सीटों को लेकर आंकड़ें आए हैं, वह फेक. लोजपा के साथ अभी तक सीटों को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है. 

सवाल: आप कितनी सीटें चाहते हैं

चिराग: मैं गठबंधन धर्म की मर्यादा को तोड़ूंगा अगर सार्वजनिक तौर पर सीटों को लेकर बातें करूं. अभी सिर्फ यही कहूंगा कि 2014 में हमारा प्रदर्शन काफी बेहतर रहा. विधानसभा में महागठबंधन की वजह से हमें थोड़ा नुकसान हुआ. 
सवाल: क्या फिर से राजद के साथ रिश्ता बन सकता है?

चिराग:  जिस तरह से एनडीए चल रहा है. हमारा गठबंधन काफी मजबूत है. 2019 में नरेंद्र मोदी फिर से पीएम बनेंगे. हम कहीं नहीं जाने वाले हैं. 
अखिलेश शर्मा के साथ लोजपा के नेता और सांसद चिराग पासवान लाइव:
तेजस्वी ने कहा कि नीतीश जी जहां रहेंगे वहां उनकी नैया डूबोएंगे. 
तेजस्वी यादव ने कहा कि हम तो नीतीश जी की गलती की वजह से आगे बढ़ गये. 
तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर चिराग पासवान शादी कर लेंगे तो मैं  भी कर लूंगा. लड़की बस ऐसी हो कि परिवार को बांधकर चले.
सवाल: नीतीश जी गलती मानकर दोबारा आपके साथ आना चाहें तो आप क्या करेंगे

तेजस्वी यादव: नीतीश जी की कोई विश्वसनीयता नहीं है. क्या गारंटी है कि हमारे साथ आने के बाद फिर से वापस नहीं जाएगा. हमें चीट किया ठीक है, मगर उन्होंने बिहार की जनता को चीट करने का काम किया है. प्रशांत किशोर के जेडीयू में शामिल होने पर कहा कि यह अच्छी बात है. जिसे जहां जाना हो जाए. 

सवाल: क्या आप रामविलास पासवान को गठबंधन में शामिल करेंगे?

तेजस्वी यादव:  राम विलास पासवान की पार्टी को तय करना है कि वह कहां जाएंगे. राम विलास पासवान और चिराग पासवान कभी धोखा देकर नहीं गये. वह नीतीश कुमार से अलग हैं. नीतीश कुमार ने धोखा दिया. रामविवास पासवान को लेकर इज्जत है. मेरे माता पिता ने यही सिखाया है. 
लालू यादव के समय जंगल राज वाले सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि  पटना का गांधी मैदान और रेलवे स्टेशन गिरवी था. बिहार लंदन नहीं था. मेरे पिता के आने के बाद बदलाव हुआ. पिछड़े गरीब और शोषितों को उठाने का काम किया. सामाजिक न्याय कर हक दिलाने का काम  किया. रेलवे मंत्री होते हुए 90 हजार करोड़ का फायदा दिये. बिहार में दो कारखाने देने का काम किया. आज की स्थिति क्या है. आज तेजी से पलायन हो रहा है. अभी जिस तरह से कॉलेजों का प्राइवेटाइजेशन हो रहा है, बहुत बड़ा पैसा बिहार से बाहर जा रहा है. 

तेजस्वी यादव ने कहा कि  डबर इंजन की सरकार है. मोदी जी ने बिहार को विशेष पैकेज और विशेष राज्य के दर्जेा देने का काम किया मोदी जी ने नीतीश कुमार के डीएनए को लेकर काफी कुछ कहा. नीतीश ने इसे पूरे बिहार का अपमान माना, क्या अब नीतीश जी की डीएनए ठीक हो गया है?
सवाल: क्या आप लालू यादव की मिमिक्री कर सकते हैं? 

तेजस्वी:  आर्टिस्ट लोग कर सकते हैं, मैं तो राजनीतिक लोग हैं. मैें भले ही लालू यादव की तरह बोल नहीं सकता, भाषण नहीं दे सकता मगर मैं उनकी विचारधारा पर काम जरूर कर सकता हूं. 

तेजस्वी यादव ने कहा कि समय की मांग  थी कि महागठबंधन बनाया जाए. पापा को भी लगा कि गलती हो गई है. मैंने जब भी काम किया तो कभी शक की निगाह से नहीं देख रहे थे. जब नीतीश जी पलटी मारे तब मैंने सोचा कि मेरे पापा सही कहते हैं कि नीतीश जी के पेट में दांत है. चार साल में चार सरकारें कौन दे सकता है. हर पार्टी के साथ गठबंधन किया और तोड़ा.

तेजस्वी यादव ने कहा कि अभी सूत्रों से मुझे जानकारी मिली है कि नीतीश जी परेशान हैं और फिर से पलटी मारने को तैयार हैं. 
तेजस्वी यादव: जब मैं उपमुख्यमंत्री बना तो मेरे पिता जी ने कहा कि बेटा टाई और कोर्ट वाले से बचकर रहना. मैंने सावधानी से काम किया तो नीतीश जी को अच्छा नहीं लगा. 
सवाल: लालू जी को धोखा देने वालों से आपने क्या सीखा? और आपने लालू यादव से क्या सीखा?

तेजस्वी यादव: लालू जी का दिल बहुत बड़ा दिल है. नीतीश की राजनीतिक प्रतिद्विंदी माना जाता है. मगर देश बचाने के लिए लालू जी ने मुख्यमंत्री बनाया और अपना बड़ा दिल दिया. यहां तक कि उन्होंने स्पीकर पद भी दिया. हर कोई लालू यादव नहीं हो सकता. आज का दौर है कि अगर तुम मेरे सामने खड़े रहोगे तो मैं दबाऊंगा, डराऊंगा. इसलिए ऐसे मामले में लालू जी से सीखने की जरूरत है. मेरा दिल भी लालू जैसा नहीं हो सकता. 
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार पीठ पीछे हमला करते हैं. 
सवाल: तेज प्रताप यादव और तेजस्वी में बड़ा नेता कौन है ?

तेजस्वी ने कहा कि मेरे घर में कोई बड़ा नेता नहीं. मेरे पिता ही सबसे बड़े नेता हैं. क्या मैंने कभी कहा कि मैं उत्तराधिकारी हूं. लोगों को मेरे घर की चिंता ज्यादा है, देश की नहीं. मेरी चिंता देश की है. 

तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरे चाचा खुद नहीं बोलते मगर बोलवाने में माहिर हैं. वह फिल्डिंग खूब अच्छा करते हैं. मैं तो कहता हूं कि कभी सामने से भी बोल दीजिए. अपनी इमेज को लेकर वह काफी सचेत रहते हैं., बिहार में 36 घोटाले हो गये, मगर एक पर भी कार्रवाई नहीं हुई. होम शेल्टर में अपराध हुआ, लेकिन नीतीश जी ने कोई कार्रवाई नहीं की. 

तेजस्वी यादव ने कहा कि हां मैं पार्टी करता था. मगर अब नहीं करता. अगर अभी पार्टी करूंगा तो आप ही लोग बोलेंगे कि देखो देश में ये हो रहा है और ये पार्टी कर रहा है. अभी फाइव स्टार में हूं,. खाना खाऊंगा अगर सोशल मीडिया पर वायरल हो जाएगा और लोग कहेंगे कि देखो गरीब मर रहा है और ये फाइव स्टार में खा रहा है. 

तेजस्वी ने कहा कि नरेंद्र मोदी का नहीं, उनकी विचारधारा का विरोध करता हूं. नरेंद्र मोदी से पहले भी हमलोग बीजेपी का विरोध करते थे. 

तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी संविधान खत्म करना चाहती है. अगर ऐसा हुआ तो आरक्षण खत्म हो जाएगा. ये लोग नागपुर से सत्ता चलाते हैं. 
तेजस्वी ने कहा कि अमित शाह जातिवाद करते हैं तो सोशल इंजीनियरिंग कहलाता है और हम जब करते हैं तो वह जातिवादी कहलाता है. 
तेजस्वी यादव ने कहा कि वंशवाद से अगर सन्यास लेने की अगर कोई ऐलान करता है तो मैं सबसे पहले राजनीति से सन्यास लूंगा. वंशवाद का आरोप सिर्फ पिछड़ों पर आता है. राहुल गांधी विपक्ष में हैं इसलिए उन्हें वंशवादी कहा जा रहा है. 
तेजस्वी यादव ने कहा कि समाज के पिछले वर्ग को आवाज देने का काम किया, जो बड़े लोगों के सामने खड़ नहीं होते थे, उन्हें मुख्यधारा में लाने का काम किया. विकास सिर्फ देखने वाली चीज नहीं होती. उस समय समाज की जरूरत थी सोशल जस्टिस. आडवाणी को गिरफ्तार करने के समय बिहार में कोई दंगे नहीं हुए. मेरे पिता ने सात यूनिवर्सिटी दिए, नीतीश कुमार ने कितने दिये. बहुत काम हुआ, मगर 1996 से मेरे पिता को भी काफी परेशान किया गया. 


तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं चाहता हूं कि सीबीआई और ईडी का कार्यालय मेरे घर पर ही हो. मेरे पिता के नाम को लगातार बदनाम किया गया. मेरे ऊपर कई तरह के साजिश के आरोप लगाया गया. जब मेरी मूंछें नहीं थी तब मैं साजिश कर रहा था, ऐसा इनका मानना है. 
तेजस्वी ने कहा कि मैं पिता के संघर्ष में साथ दूंगा. 

सवाल: क्या पिता जी ने आपको राजनीति में आने को कहा?

तेजस्वी : मैं सचिन तेंदुलकर तो था नहीं. हमारे पिता ने कभी सेक्युलरिज्म से समझौता नहीं किया.  पापा ने सिर्फ मीडिया को मेरा जब परिचय कराया तो ब्रेकिंग खबर चली की लालू यादव ने तेजस्वी को लॉन्च किया. उसके बाद फिर समर्थक मुझे बुलाने लगे. 
अभिज्ञान प्रकाश के साथ तेजस्वी यादव का सत्र लाइव:
काजोल ने कहा कि मैं डायरेक्टर कभी नहीं बनना चाहूंगी. लेकिन मैं लेखक जरूर बनना चाहूंगी. 
काजोल ने कहा अगर मेरी बेटी फिल्‍म इंडस्‍ट्री ज्‍वॉइन करना चाहती तो मैं उसे प्रेरित करती. लेकिन मैं चाहती हूं कि वो खुद चुनाव करे. मैं उस पर अपनी मर्जी नहीं थोपना चाहती.

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