अपने मंत्रियों के साथ पीएम मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों को पार्टी सांसदों से नियमित तौर पर मिल कर सरकार के कामकाज और लोगों में उसके प्रति सोच के बारे में फ़ीडबैक लेने को कहा है। ये ज़िम्मेदारी छह वरिष्ठ मंत्रियों को दी गई है।
मंगलवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी सांसदों से कहा कि छह वरिष्ठ मंत्री उनसे चर्चा करते रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सांसदों से मिलेंगे।
मुलाकात का तरीका भी तय कर दिया गया है। वरिष्ठ मंत्री जिस राज्य से हैं उसे छोड़ कर दूसरे राज्यों के सांसदों से उनकी लंच पर तीन से चार घंटे मुलाकात होगी। महत्वपूर्ण बात ये है कि सांसदों से कहा गया कि वो खुल कर अपनी बात वरिष्ठ मंत्रियों से कह सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी का मानना है कि सरकार से जुड़ी हर बात उन तक नहीं पहुंच सकती। इसलिए जरूरी है कि सांसद वरिष्ठ मंत्रियों से चर्चा करें ताकि सरकार की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में फ़ीडबैक सीधे तौर पर लिया जा सके।
बताया गया है कि सांसद भी इन मंत्रियों से सीधे मिल कर अपनी बात कह सकते हैं। एक बीजेपी सांसद के मुताबिक उनसे कहा गया है कि वो 'दिल खोल कर' बात कर सकते हैं। यानी अगर सरकार के बारे में कुछ नकारात्मक बातें सुनने को आती हैं तो उन्हें ये बातें भी वरिष्ठ मंत्रियों से खुल कर बताने को कहा गया है।
ग़ौरतलब है कि बीजेपी सांसद मंत्रियों की ग़ैर-मौजूदगी और उपलब्धता न होने की शिकायत कर चुके हैं। यूपी के एक सांसद ने तो कुछ महीनों पहले संसदीय दल की बैठक में ही ये मुद्दा उठा दिया था।
मंगलवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी सांसदों से कहा कि छह वरिष्ठ मंत्री उनसे चर्चा करते रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सांसदों से मिलेंगे।
मुलाकात का तरीका भी तय कर दिया गया है। वरिष्ठ मंत्री जिस राज्य से हैं उसे छोड़ कर दूसरे राज्यों के सांसदों से उनकी लंच पर तीन से चार घंटे मुलाकात होगी। महत्वपूर्ण बात ये है कि सांसदों से कहा गया कि वो खुल कर अपनी बात वरिष्ठ मंत्रियों से कह सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी का मानना है कि सरकार से जुड़ी हर बात उन तक नहीं पहुंच सकती। इसलिए जरूरी है कि सांसद वरिष्ठ मंत्रियों से चर्चा करें ताकि सरकार की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में फ़ीडबैक सीधे तौर पर लिया जा सके।
बताया गया है कि सांसद भी इन मंत्रियों से सीधे मिल कर अपनी बात कह सकते हैं। एक बीजेपी सांसद के मुताबिक उनसे कहा गया है कि वो 'दिल खोल कर' बात कर सकते हैं। यानी अगर सरकार के बारे में कुछ नकारात्मक बातें सुनने को आती हैं तो उन्हें ये बातें भी वरिष्ठ मंत्रियों से खुल कर बताने को कहा गया है।
ग़ौरतलब है कि बीजेपी सांसद मंत्रियों की ग़ैर-मौजूदगी और उपलब्धता न होने की शिकायत कर चुके हैं। यूपी के एक सांसद ने तो कुछ महीनों पहले संसदीय दल की बैठक में ही ये मुद्दा उठा दिया था।
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