
गृहमंत्री राजनाथ सिंह की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकार क्षेत्र पर केंद्र की हालिया अधिसूचना को संदिग्ध करार दिये जाने के बाद केंद्र अब तय कर चुका है कि मामला अब कोर्ट में ही निपटा जाएगा। इसीलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय अब कानूनी लड़ाई के लिए तैयार है।
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक जिन कानूनी सलाहकारों के आधार पर दिल्ली सरकार केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन को गैर कानूनी करार दे रही है उन सबकी राय पर गृह मंत्रालय में चर्चा हो रही है। एक सीनियर अफसर का कहना है, 'अभी सिंगल बेंच ने ऑर्डर दिया है, इसके खिलाफ हम डबल बेंच में जाने के लिए राय ले रहे हैं।' उनके मुताबिक कोर्ट वैसे भी अपनी सीमा से बहार गया है। उनका कहना था, 'मामला एक पुलिस वाले की बेल का था, आप ऐसे कैसे पॉलिसी मैटर को उसके साथ जोड़ सकते हैं।'
दिल्ली हाई कोर्ट ने एसीबी को आपराधिक मामलों में केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोकने वाली केंद्र की हालिया अधिसूचना को संदिग्ध करार दिया था और कहा कि इस मामले में उपराज्यपाल अपने विवेक से काम नहीं कर सकते। हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह और सहायता से काम करने के लिए बाध्य हैं।
उधर दिल्ली विधानसभा में हो रही हर कार्यवाही पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की नज़र है। मंत्रालय का कहना है कि अब इस पूरे मामले में कोर्ट ही फैसला करेगा।
उधर गृह मंत्रालय को दिल्ली सरकार द्वारा किये गए तबादलों को लेकर कोई फर्क नहीं पड़ा है। गृह मंत्रालय का कहना है, 'जिन अफसरों के तबादले हुए हैं वो जूनियर रैंक के हैं, सिर्फ एक सीनियर है, उसकी मंजूरी भी राज्य सरकार ने ले ली है।'
दिल्ली सरकार ने सोमवार को नौ अफसरों समेत कुल 15 लोगों के तबादले कर दिए थे।
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक जिन कानूनी सलाहकारों के आधार पर दिल्ली सरकार केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन को गैर कानूनी करार दे रही है उन सबकी राय पर गृह मंत्रालय में चर्चा हो रही है। एक सीनियर अफसर का कहना है, 'अभी सिंगल बेंच ने ऑर्डर दिया है, इसके खिलाफ हम डबल बेंच में जाने के लिए राय ले रहे हैं।' उनके मुताबिक कोर्ट वैसे भी अपनी सीमा से बहार गया है। उनका कहना था, 'मामला एक पुलिस वाले की बेल का था, आप ऐसे कैसे पॉलिसी मैटर को उसके साथ जोड़ सकते हैं।'
दिल्ली हाई कोर्ट ने एसीबी को आपराधिक मामलों में केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोकने वाली केंद्र की हालिया अधिसूचना को संदिग्ध करार दिया था और कहा कि इस मामले में उपराज्यपाल अपने विवेक से काम नहीं कर सकते। हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह और सहायता से काम करने के लिए बाध्य हैं।
उधर दिल्ली विधानसभा में हो रही हर कार्यवाही पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की नज़र है। मंत्रालय का कहना है कि अब इस पूरे मामले में कोर्ट ही फैसला करेगा।
उधर गृह मंत्रालय को दिल्ली सरकार द्वारा किये गए तबादलों को लेकर कोई फर्क नहीं पड़ा है। गृह मंत्रालय का कहना है, 'जिन अफसरों के तबादले हुए हैं वो जूनियर रैंक के हैं, सिर्फ एक सीनियर है, उसकी मंजूरी भी राज्य सरकार ने ले ली है।'
दिल्ली सरकार ने सोमवार को नौ अफसरों समेत कुल 15 लोगों के तबादले कर दिए थे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
केंद्रीय गृह मंत्रालय, एसीबी, दिल्ली सरकार, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, MHA, ACB, Delhi Goverment, Home Mininstry