छिंदवाडा:
मध्य प्रदेश के छिंदवाडा जिले में पेंच बांध परियोजना का विरोध करने पर गिरफ्तार की गई सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) डीआर गूजरकर ने रिहा करने के आदेश दिए हैं। वहीं, मेधा ने एक अन्य मामले में जिला प्रशासन की ओर से दर्ज प्रकरण पर बांड भरने से इनकार कर दिया है। बाद में मेधा पाटकर को जेल से रिहा कर दिया गया।
चौरई विकासखंड के माचागोरा में प्रस्तावित पेंच बांध परियोजना का निर्माण काम शुरू किए जाने के विरोध में छिंदवाड़ा पहुंचीं सामाजिक कार्यकर्ता पाटकर को रविवार को नजरबंद कर लिया गया था। उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जिला जेल भेज दिया गया। मेधा पिछले तीन दिन से अनशन पर हैं, उन्हें बुधवार को सीजेएम की अदालत में पेश किया गया। मेधा की ओर से जमानत के लिए आवेदन नहीं दिया गया।
मेधा के अधिवक्ता डीके प्रजापति ने बताया कि न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के तर्क सुने जाने के बाद आंदोलनकारियों पर धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किए जाने को अवैधानिक बताया। साथ ही एक-एक हजार रुपये के बांड पर रिहा करने के आदेश दिए। मेधा की गिरफ्तारी को नियम विरुद्ध करार देते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होनी है।
प्रजापति ने बताया कि मेधा व अन्य लोगों पर प्रशासन ने धारा 151 के तहत भी प्रकरण दर्ज किया है। प्रशासन रिहाई के लिए मेधा व अन्य पर बांड भरने का दवाब बना रहा है, लेकिन मेधा ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसके अतिरिक्त, मेधा ने पूर्व में गिरफ्तार की गई आराधना भार्गव को रिहा करने पर ही जेल से बाहर जाने का ऐलान किया है।
मेधा पाटकर का कहना है कि पेंच परियोजना की जांच तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उनका कहना है कि सरकार ने गरीब किसानों के साथ अन्याय किया है।
चौरई विकासखंड के माचागोरा में प्रस्तावित पेंच बांध परियोजना का निर्माण काम शुरू किए जाने के विरोध में छिंदवाड़ा पहुंचीं सामाजिक कार्यकर्ता पाटकर को रविवार को नजरबंद कर लिया गया था। उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जिला जेल भेज दिया गया। मेधा पिछले तीन दिन से अनशन पर हैं, उन्हें बुधवार को सीजेएम की अदालत में पेश किया गया। मेधा की ओर से जमानत के लिए आवेदन नहीं दिया गया।
मेधा के अधिवक्ता डीके प्रजापति ने बताया कि न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के तर्क सुने जाने के बाद आंदोलनकारियों पर धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किए जाने को अवैधानिक बताया। साथ ही एक-एक हजार रुपये के बांड पर रिहा करने के आदेश दिए। मेधा की गिरफ्तारी को नियम विरुद्ध करार देते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होनी है।
प्रजापति ने बताया कि मेधा व अन्य लोगों पर प्रशासन ने धारा 151 के तहत भी प्रकरण दर्ज किया है। प्रशासन रिहाई के लिए मेधा व अन्य पर बांड भरने का दवाब बना रहा है, लेकिन मेधा ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसके अतिरिक्त, मेधा ने पूर्व में गिरफ्तार की गई आराधना भार्गव को रिहा करने पर ही जेल से बाहर जाने का ऐलान किया है।
मेधा पाटकर का कहना है कि पेंच परियोजना की जांच तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उनका कहना है कि सरकार ने गरीब किसानों के साथ अन्याय किया है।
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