
उत्तर प्रदेश के कानपुर में डीएम बनाम सीएमओ की जंग अब एक नया रूप लेती नजर आ रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ के दखल के बाद स्वास्थ्य विभाग ने चीफ मेडिकल अफसर हरि दत्त नेमी को सस्पेंड कर दिया. इसके बाद नेमी ने खुलकर मैदान में आ गए. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके डीएम जितेंद्र प्रसाद सिंह पर कई गंभीर आरोप लगा दिए और अपने निलंबन में दलित एंगल जोड़ते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाने के संकेत दिए. वहीं, विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कवायद तेज कर दी है.
योगी तक पहुंचा मामला तो सीएमओ पर गाज
यूपी में सत्ता के गलियारों में इन दिनों एक खबर की चर्चा तेज है. कानपुर के डीएम सही या फिर वहां के पूर्व सीएमओ? दोनों के झगड़े की फाइल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची तो झगड़े पर फुल स्टॉप लगाने का फैसला हुआ. गाज सीएमओ नेमी पर ही गिरी. उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. कानपुर के डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह यही चाहते थे. इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा को चिट्ठी भी लिखी थी.
नेमी ने डीएम पर लगाए गंभीर आरोप
वहीं, हरि दत्त नेमी निलंबन का आदेश मिलते ही अपने घर पहुंचे. वहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि 20 वर्षों से कानपुर में एक ACMO सुबोध यादव तैनात थे. डीएम साहब चाहते थे कि उन्हें न हटाया जाए, पर ये नियमों के खिलाफ था तो मैंने यादव का तबादला कर दिया. सीएमओ रहे हरि दत्त नेमी ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि डीएम चाहते थे कि सीबीआई ने जिस कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया है, मैं उसकी मदद करूं. मैंने मना कर दिया. बस यहीं से बात बिगड़ गई. वे चाहते थे कि जे जे फ़ार्मा को मैं 1 करोड़ 60 लाख का भुगतान कर दूं.
सीएमओ ने कोर्ट जाने के संकेत दिए
हरि दत्त नेमी इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने कानपुर के डीएम पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि दलित होने के कारण उन्हें अपमानित किया जाता था. मुझे कहा गया कि सिस्टम में आओ. तुम्हें पैसा कमाना नहीं आता है. नेमी ने कहा कि जब मुझे बहुत परेशान किया गया तो मैंने सभी सीनियर अफ़सरों से शिकायत की. सीएम से लेकर डिप्टी सीएम तक को पत्र लिखा. लेकिन सजा मुझे ही मिली. ये मेरे साथ अन्याय है. मुझे निलंबन की उम्मीद नहीं थी. मुझे लगा था कि मुझे कहीं दूसरे पद पर भेज दिया जाएगा. अब मेरे पास कोर्ट जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
विपक्ष को मिला मुद्दा, सरकार को घेरा
कानपुर के सीएमओ रहे हरि दत्त नेमी ने दलित कार्ड खेला तो विपक्ष को तो जैसे बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया. समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने आरोप लगा दिया कि योगी सरकार में तो दलितों पर अत्याचार हो रहा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने तो यहां तक कह दिया कि बीजेपी सरकार घनघोर दलित विरोधी है.
बीजेपी में भी अलग अलग राय
कानपुर के डीएम और (पूर्व) सीएमओ के झगड़े में बीजेपी की आपसी फूट भी सामने आ गई है. पार्टी के कई नेताओं को लगता है कि एक दलित डॉक्टर के साथ अन्याय हुआ है. यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने तो हरि दत्त नेमी के समर्थन में चिट्ठी लिखी थी. पार्टी के और भी कुछ विधायकों ने नेमी के लिए सीएम योगी को पत्र लिखे. वहीं, बीजेपी के कुछ विधायक कानपुर के डीएम जितेन्द्र के साथ आ गए.
बीजेपी के संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने पार्टी नेताओं को इस झगड़े से दूर रहने को कहा है. कहा गया है कि इससे पार्टी की किरकिरी हो रही है. लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने दलित डॉक्टर के निलंबन के बहाने आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है.
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