नई दिल्ली:
जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय विवाद में सरकार ने जहां कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर राजनीतिक अवसरवादिता का आरोप लगाया, वहीं यह आश्वासन भी दिया कि किसी भी निर्दोष छात्र को परेशान करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
सरकार ने कहा कि जेएनयू के कुछ छात्रों पर लगे देशद्रोह के आरोपों पर बहस हो सकती है, लेकिन ये आरोप सही हैं या गलत, इसका फैसला अदालत ही करेगी।
लोकसभा में हैदराबाद विश्वविद्यालय, जेएनयू सहित देश के उच्च शिक्षण संस्थाओं की स्थिति पर बुधवार को हुई विशेष चर्चा के जवाब में सरकार की ओर से यह कहा गया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मैं आश्वासन देता हूं कि किसी भी छात्र को परेशान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और पटियाला हाउस कोर्ट में जो कुछ हुआ (कन्हैया और पत्रकारों पर हमला) उसके दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
चर्चा के बाद कांग्रेस, वामदलों, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के हस्तक्षेप के समय उनकी एक टिप्पणी के विरोध में सदन से वॉकआउट किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि 9 फरवरी को जेएनयू में जो नारे लगाए गए, सारा देश उससे असहमत है और सदन ने भी उसकी निंदा की है। मामला अदालत में है और हमें अदालत के फैसले की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
राजनाथ ने कहा, देशद्रोह के आरोप पर बहस हो सकती है, लेकिन हमें बहस करने की जरूरत नहीं है। ये आरोप सही हैं या गलत, इसका फैसला अदालत ही कर सकती है और गलत पाए जाने वह उसे बरी करेगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सरकार ने कहा कि जेएनयू के कुछ छात्रों पर लगे देशद्रोह के आरोपों पर बहस हो सकती है, लेकिन ये आरोप सही हैं या गलत, इसका फैसला अदालत ही करेगी।
लोकसभा में हैदराबाद विश्वविद्यालय, जेएनयू सहित देश के उच्च शिक्षण संस्थाओं की स्थिति पर बुधवार को हुई विशेष चर्चा के जवाब में सरकार की ओर से यह कहा गया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मैं आश्वासन देता हूं कि किसी भी छात्र को परेशान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और पटियाला हाउस कोर्ट में जो कुछ हुआ (कन्हैया और पत्रकारों पर हमला) उसके दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
चर्चा के बाद कांग्रेस, वामदलों, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के हस्तक्षेप के समय उनकी एक टिप्पणी के विरोध में सदन से वॉकआउट किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि 9 फरवरी को जेएनयू में जो नारे लगाए गए, सारा देश उससे असहमत है और सदन ने भी उसकी निंदा की है। मामला अदालत में है और हमें अदालत के फैसले की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
राजनाथ ने कहा, देशद्रोह के आरोप पर बहस हो सकती है, लेकिन हमें बहस करने की जरूरत नहीं है। ये आरोप सही हैं या गलत, इसका फैसला अदालत ही कर सकती है और गलत पाए जाने वह उसे बरी करेगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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