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This Article is From May 23, 2011

जापान के फुकुशिमा हादसे से सबक लेगा भारत

New Delhi: जापान में विनाशकारी भूकंप और सुनामी के चलते फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को पहुंचे नुकसान से भारत सबक लेगा और इसके लिए पर्यावरण तथा वन मंत्रालय जापान के साथ एक तकनीकी कार्यशाला कर संवेदनशील मुद्दों पर गौर करेगा। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित जैव विविधता दशक के विषय पर सोमवार को हुए सम्मेलन में पर्यावरण और वन राज्य मंत्री जयराम रमेश ने कहा, भारत जापान में हुए हादसों से सबक लेना चाहता है। हम नहीं चाहते कि जो जापान में हुआ वैसा कुछ भारत में हो। उन्होंने कहा, भारत और जापान के विशेषज्ञों के बीच जल्द ही तकनीकी कार्यशाला होगी ताकि फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को पहुंचे नुकसान का विश्लेषण कर भारत में एहतियाती सबक लिये जा सकें। हम जापान से तटीय प्रबंधन, सुनामी चेतावनी प्रणाली और भूकंप जैसी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के उपायों से जुड़े सबक लेंगे। इस सम्मेलन में जापान के उप पर्यावरण मंत्री हिदेकी मिनामीकावा भी मौजूद थे। रमेश ने कहा, महाराष्ट्र के जैतापुर में प्रस्तावित परमाणु संयंत्र को छोड़ दें तो भारत में ऐसे दो और नाभिकीय संयंत्र हैं जो सुनामी खतरे वाले क्षेत्रों में आते हैं। ये संयंत्र तमिलनाड़ु के कलपक्कम और कुडांकुलम में हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय द्वारा मैनग्रोव (तटीय क्षेत्रों में मौजून वन) से जुड़े मुद्दों पर गौर करने के लिये पूर्व में गठित एक समिति ने सिफारिश की थी कि दक्षिणी और पूर्वी तटों में सुनामी का खतरा कम करने के लिये इस तरह के वनों को विकसित करने की जरूरत है। पर्यावरण मंत्रालय इस सिफारिश पर भी गौर कर रहा है।

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