
अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद, ईरान ने अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया में दावा किया कि इन हमलों में न तो कोई हताहत हुआ और न ही रेडिएशन लीक का कोई खतरा है. ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था (AEOI) ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू कर चुकी है. साथ ही, ईरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन हमलों की निंदा करने और उसका समर्थन करने की अपील की है.
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इन हमलों को "शानदार सैन्य सफलता" करार देते हुए दावा किया कि फोर्डो, नतांज़, और इस्फहान जैसे प्रमुख परमाणु ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है. हालांकि, ईरान ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि उसने पहले ही अपने समृद्ध यूरेनियम भंडार को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया था, जिससे कोई रेडियोधर्मी खतरा उत्पन्न नहीं हुआ.
ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों में नतांज़, फोर्डो, इस्फहान, और अराक शामिल हैं. नतांज़ देश का सबसे बड़ा यूरेनियम संवर्धन केंद्र है, जहां हजारों सेंट्रीफ्यूज यूरेनियम को समृद्ध करने के लिए उपयोग किए जाते हैं. फोर्डो एक गहरे पहाड़ के नीचे बना अत्यधिक सुरक्षित ठिकाना है, जिसे नष्ट करना मुश्किल माना जाता है.
ईरान की कितनी है परमाणु क्षमता? क्या आप जानते हैं
ईरान का परमाणु कार्यक्रम 1950 के दशक में शुरू हुआ था, जब अमेरिका समर्थित शाह शासन ने इसे नागरिक ऊर्जा के लिए विकसित किया. 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद, ईरान ने रूस और चीन की मदद से अपने परमाणु कार्यक्रम को बढ़ाया. 2003 में ईरान ने दावा किया कि उसने परमाणु हथियार अनुसंधान बंद कर दिया, लेकिन पश्चिमी देशों और इजरायल का मानना है कि ईरान गुप्त रूप से हथियार विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है.
ईरान के पास यूरेनियम को 60% तक समृद्ध करने की क्षमता है, जो परमाणु हथियार के लिए आवश्यक 90% समृद्धि के करीब है. नतांज़ और फोर्डो में सेंट्रीफ्यूज इस प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण हैं. IAEA की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के पास पर्याप्त समृद्ध यूरेनियम है, जिसे कुछ महीनों में हथियार-ग्रेड तक बढ़ाया जा सकता है, बशर्ते उनके पास इसके लिए तकनीकी विशेषज्ञता हो. ईरान का दावा है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों, जैसे बिजली उत्पादन और चिकित्सा अनुसंधान के लिए है.
परमाणु हथियार की होड़ में ईरान अभी कहां खड़ा है?
ईरान के परमाणु कार्यक्रम की वास्तविक प्रगति और इरादों के बारे में कई अनिश्चितताएं हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की तकनीकी विशेषज्ञता हासिल कर ली है या नहीं. इसके अलावा, हमले से पहले ईरान ने अपने समृद्ध यूरेनियम भंडार को कहां स्थानांतरित किया, यह भी अज्ञात है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान ने अपने कार्यक्रम को और गुप्त करने के लिए नई भूमिगत सुविधाएं विकसित की हो सकती हैं. इसके अलावा, ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम की क्षमता और इसकी परमाणु हथियार वितरण प्रणाली की स्थिति भी अस्पष्ट है.
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