
Iran-Israel war: ईरान के खिलाफ युद्ध में अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. इजरायल पहले से ही लगातार ईरान पर हमले कर रहा है और अब अमेरिका ने ईरान की तीन परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया है. हालांकि इसे लेकर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने पाकिस्तान (Pakistan) पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा कि हमें पाकिस्तानियों से पूछना चाहिए कि क्या वे चाहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को इस उपलब्धि के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिले.
पाकिस्तान ने एक दिन पहले ही घोषणा की थी कि वह पिछले महीने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान अमेरिकी हस्तक्षेप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए डोनाल्ड ट्रंप की सिफारिश करेगा. इस्लामाबाद ने कहा, "यह हस्तक्षेप एक वास्तविक शांतिदूत के रूप में उनकी भूमिका का प्रमाण है."
इसके लिए मुनीर ने ट्रंप के साथ डिनर किया था?: ओवैसी
ईरान में अमेरिकी हवाई हमलों के बाद पाकिस्तान ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि वह मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने से "गंभीर रूप से चिंतित" है. उसने कहा कि यह हमले "अंतरराष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हैं और ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत खुद का बचाव करने का वैध अधिकार है".
पाकिस्तान के पलटवार के बाद ओवैसी ने तंज कसा है. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हमें पाकिस्तानियों से पूछना चाहिए कि क्या वे चाहते हैं कि ट्रंप को इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिले. क्या उनके जनरल (पाकिस्तानी फील्ड मार्शल आसिम मुनीर) ने इसके लिए ट्रंप के साथ डिनर किया था?"
परमाणु हथियार का हौवा खड़ा किया गया: ओवैसी
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार होने का एक हौवा खड़ा किया गया है. उन्होंने कहा, "इराक में भी यही इस्तेमाल किया गया, लेकिन कुछ नहीं निकला, लीबिया में भी यही इस्तेमाल किया गया, लेकिन कुछ नहीं निकला."
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ईरान में तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला किया - फोर्डो, नतांज और एस्फाहान. 1979 की ईरानी क्रांति के बाद यह पहली बार है कि जब अमेरिका ने ईरान में हमला किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने हवाई हमलों के बाद कहा, "मध्य पूर्व को धमकाने वाले ईरान को अब शांति स्थापित करनी चाहिए. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो भविष्य में हमले कहीं अधिक बड़े और बहुत आसान होंगे."
क्रूर हमले की निंदा करते हैं: ईरान
ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के "क्रूर सैन्य हमले" की निंदा की है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के मूल सिद्धांतों का "गंभीर और अभूतपूर्व उल्लंघन" बताया है. उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश की क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय संप्रभुता के खिलाफ अमेरिकी सैन्य हमले को नरसंहारकारी इजरायली शासन के साथ मिलीभगत करके अंजाम दिया गया. इसने एक बार फिर अमेरिकी विदेश नीति को नियंत्रित करने वाली भ्रष्टता की गहराई को उजागर किया और ईरान के शांति चाहने वाले और स्वतंत्रता-प्रेमी लोगों के खिलाफ अमेरिकी सत्ताधारी प्रतिष्ठान द्वारा शत्रुता की सीमा को उजागर किया है."
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