मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी
नई दिल्ली:
आठ साल बाद एक बार फिर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन को लेकर उपजे विवाद के चलते आखिरकार चुनाव आयोग ने इससे जुड़ी शंकाओं के निराकरण के लिए ईवीएम और वीवीपीएटी का डेमो दिया. इस मौके पर बोलते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त(सीईसी) नसीम जैदी ने कहा कि हालिया पांच राज्यों के चुनावों के बाद इस संबंध में कई शिकायतें एवं सुझाव मिले हैं लेकिन कमीशन को कोई सबूत नहीं दिया गया है. इस बारे में किसी ने भी कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिए.
इसके साथ ही सीईसी नसीम जैदी ने कहा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं है. इसके साथ ही आयोग ने साफ कहा कि उसकी किसी भी दल के साथ नजदीकी नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रचारित किया जा रहा है कि ये ईवीएम विदेश से आ रही हैं लेकिन ऐसा नहीं है. हमारी मशीनें देश में ही बनती हैं. इन मशीनों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसका डाटा ट्रांसफर नहीं हो सकता. इसके साथ ही सीईसी ने कहा कि शंकाओं के निराकरण के लिए 2019 के आम चुनावों से हर मतदाता को वीवीपीएटी उपलब्ध कराई जाएगी. ऐसा करने वाला भारत पूरी दुनिया का अकेला मुल्क होगा.
हालांकि इसके तत्काल बाद इस मसले पर मुखर आप नेता अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि आयोग ने हमको अभी तक ईवीएम मुहैया नहीं कराया.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2009 में ऐसा ही डेमो निर्वाचन आयोग दे चुका है. उस वक्त भी दलों ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का मसला उठाया था. गत 12 मई को एक सर्वदलीय बैठक के बाद निर्वाचन आयोग ने घोषणा की थी कि वह विपक्षी पार्टियों की ईवीएम को हैक करके दिखाने की चुनौती को स्वीकार करेगा. विपक्षी पार्टियों ने शंका जताई है कि फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनावों में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई थी.
कई विपक्षी पार्टियों ने हालिया विधानसभा चुनावों के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है, लेकिन आयोग ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) तथा तृणमूल कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक के दौरान ईवीएम में धांधली पर चिंता जताई थी. ईवीएम से छेड़छाड़ के मामले में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) सबसे मुखर रही है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि हालिया विधानसभा और एमसीडी चुनावों में ईवीएम के जरिये धांधली हुई और मतदाता ने चाहे जिस पार्टी को वोट दिया हो लेकिन वोट बीजेपी के पक्ष में ही गया है.
इस संबंध में पिछले महीने दिल्ली विधानसभा में आप ने ईवीएम की तरह की एक मशीन का डेमो दिया था जिसको हैक कर उसके कोड में बदलाव कर यह बताने की कोशिश की गई थी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है. उसका जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा था कि वह इस तरह की एक मशीन थी लेकिन ईवीएम नहीं थी क्योंकि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ मुमकिन नहीं है.
इसके साथ ही सीईसी नसीम जैदी ने कहा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं है. इसके साथ ही आयोग ने साफ कहा कि उसकी किसी भी दल के साथ नजदीकी नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रचारित किया जा रहा है कि ये ईवीएम विदेश से आ रही हैं लेकिन ऐसा नहीं है. हमारी मशीनें देश में ही बनती हैं. इन मशीनों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसका डाटा ट्रांसफर नहीं हो सकता. इसके साथ ही सीईसी ने कहा कि शंकाओं के निराकरण के लिए 2019 के आम चुनावों से हर मतदाता को वीवीपीएटी उपलब्ध कराई जाएगी. ऐसा करने वाला भारत पूरी दुनिया का अकेला मुल्क होगा.
हालांकि इसके तत्काल बाद इस मसले पर मुखर आप नेता अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि आयोग ने हमको अभी तक ईवीएम मुहैया नहीं कराया.
Sir, u never provided the machines pl. https://t.co/fFYBxBDWl7
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 20, 2017
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2009 में ऐसा ही डेमो निर्वाचन आयोग दे चुका है. उस वक्त भी दलों ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का मसला उठाया था. गत 12 मई को एक सर्वदलीय बैठक के बाद निर्वाचन आयोग ने घोषणा की थी कि वह विपक्षी पार्टियों की ईवीएम को हैक करके दिखाने की चुनौती को स्वीकार करेगा. विपक्षी पार्टियों ने शंका जताई है कि फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनावों में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई थी.
कई विपक्षी पार्टियों ने हालिया विधानसभा चुनावों के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है, लेकिन आयोग ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) तथा तृणमूल कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक के दौरान ईवीएम में धांधली पर चिंता जताई थी. ईवीएम से छेड़छाड़ के मामले में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) सबसे मुखर रही है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि हालिया विधानसभा और एमसीडी चुनावों में ईवीएम के जरिये धांधली हुई और मतदाता ने चाहे जिस पार्टी को वोट दिया हो लेकिन वोट बीजेपी के पक्ष में ही गया है.
इस संबंध में पिछले महीने दिल्ली विधानसभा में आप ने ईवीएम की तरह की एक मशीन का डेमो दिया था जिसको हैक कर उसके कोड में बदलाव कर यह बताने की कोशिश की गई थी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है. उसका जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा था कि वह इस तरह की एक मशीन थी लेकिन ईवीएम नहीं थी क्योंकि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ मुमकिन नहीं है.
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