अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट से जुर्माना लगाए जाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री से फिर मांगी डिग्री

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट का कल ऑर्डर आया कि लोग पीएम के एजुकेशनल क्वालिफ़िकेशन की जानकारी नहीं ले सकते. इससे देश स्तब्ध है. किसी का पढ़ा लिखा या अनपढ़ होना कोई गुनाह नहीं है. हमारे देश में ग़रीबी है लोग घर की स्थितियों के कारण पढ़ नहीं पाते.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में याचिकाएं दायर करने के लिए दिल्ली सीएम केजरीवाल पर कोर्ट ने हाल ही में 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया. अब दिल्ली सीएम ने एक प्रेस कांफ्रेंस में फिर से पीएम की डिग्री के बारे में पूछा. दिल्ली सीएम ने इस दौरान कहा कि किसी का कम पढ़ा लिखा या अनपढ़ होना गुनाह या पाप नहीं, मैंने ये जानकारी क्यों मांगी? देश को 75 साल में जितनी तरक्की करनी चाहिए थी नहीं की. 21वीं सदी के युवा तेजी से तरक्की चाहते हैं. ऐसे में देश के PM का पढ़ा लिखा होना ज़रूरी है, लेकिन PM के ऐसे बयान आते हैं जैसे नाली में गैस निकलती है उससे चाय बन सकती है.

गुजरात हाई कोर्ट का कल ऑर्डर आया कि लोग पीएम के एजुकेशनल क्वालिफ़िकेशन की जानकारी नहीं ले सकते. इससे देश स्तब्ध है. किसी का पढ़ा लिखा या अनपढ़ होना कोई गुनाह नहीं है. हमारे देश में ग़रीबी है लोग घर की स्थितियों के कारण पढ़ नहीं पाते. देश को आज़ाद हुए 75 साल हो गए, आज लोग तेज़ी से तरक़्क़ी चाहते हैं. आज का युवा तेज़ी से तरक़्क़ी चाहता है. ऐसे में प्रधानमंत्री का पढ़ा लिखा होना ज़रूरी है. हम जब आए दिन पीएम के बयान देखते हैं जो देश को विचलित करते हैं. उनका बयान आया कि नाली के गैस से चाय बनाई जा सकती है, बादलों के पीछे हवाई जहाज़ को रडार नहीं पकड़ सकेगा. पढ़ा लिखा आदमी ऐसी बात नहीं करेगा. ऐसे लगता है कि उन्हें विज्ञान की कितनी कम जानकारी है.

कनाडा में उन्होंने a+b को लेकर जो कहा वो सबने देखा, उन्होंने बच्चों से कहा कि क्लाइमेट चेंज कुछ नहीं है, जबकि यह हक़ीक़त है, वहाँ बच्चे हंस रहे थे, ऐसे में संदेह होता है कि क्या प्रधानमंत्री पढ़े लिखे हैं. प्रधानमंत्री को एक ही दिन में सैकड़ों फ़ैसले लेने होते हैं, अगर वे पढ़े नहीं होंगे तो अधिकारी उनसे कहीं भी दस्तख़त करा लेंगे. जैसे नोटबंदी हुई, जीएसटी लागू हुआ, इनसे अर्थव्यस्था का बेड़ा गर्क हुआ, कृषि क़ानून ऐसे ही लाए गए. पिछले कुछ साल में साठ हज़ार स्कूल बंद कर दिए गए, यानी शिक्षा की तवज्जो नहीं दी जा रही है. अनपढ़ देश कैसे तरक़्क़ी करेगा.

हाई कोर्ट के ऑर्डर ने प्रधानमंत्री के शिक्षा को लेकर और संशय बढ़ा दिया है. अगर डिग्री है और सही है तो दिखाई क्यों नहीं जा रही है, कुछ समय पहले अमित शाह ने एक डिग्री दिखाई थी. यह हो सकता हैं कि अहंकार में नहीं दिखा रहे हों. जनता के मन में दूसरा यह सवाल है कि हो सकता है डिग्री फर्जी हो. अगर प्रधानमंत्री दिल्ली या गुजरात यूनिवर्सिटी से पढ़े तो इन्हें तो सेलिब्रेट करना चाहिए.आज का सवाल यही है कि क्या 21 वी सदी के प्रधानमंत्री को पढ़ा लिखा नहीं होना चाहिए.

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