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मुद्रास्फीति से किफायती आवास क्षेत्र प्रभावित, प्रभाव कम करने के लिए किए गए उपाय

आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि भूमि और कॉलोनाइजेशन राज्य सूची के विषय हैं और इस कारण केंद्र सरकार आवास कीमतों या किराये से संबंधित आंकड़े नहीं रखती है.

मुद्रास्फीति से किफायती आवास क्षेत्र प्रभावित, प्रभाव कम करने के लिए किए गए उपाय

सरकार ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि किफायती आवास क्षेत्र पर बाजार में मांग, आपूर्ति और इनपुट लागत जैसे कारकों के साथ-साथ मुद्रास्फीति का भी प्रभाव पड़ा है, लेकिन इसे कम करने के लिए कई नीतिगत और कर-संबंधी राहत उपाय किए गए हैं. आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि भूमि और कॉलोनाइजेशन राज्य सूची के विषय हैं और इस कारण केंद्र सरकार आवास कीमतों या किराये से संबंधित आंकड़े नहीं रखती है. उन्होंने बताया कि हालांकि, नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, हाउसिंग प्राइस इंडेक्स (एचपीआई) मार्च 2018 में 100 से बढ़कर मार्च 2025 में 143.29 हो गया है. इस दौरान 5.3 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि दर से आवास कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है.

खट्टर ने बताया कि किफायती आवास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिनके तहत निर्माणाधीन किफायती आवास परियोजनाओं पर जीएसटी दर 8 फीसदी से घटाकर एक फीसदी की गई तथा आयकर अधिनियम की धारा 80-आईबीए के तहत किफायती आवास परियोजनाओं से प्राप्त लाभ पर कर छूट (2016 से 2022 तक लागू) दी गई. उन्होंने बताया कि किफायती आवास को ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर' दर्जा प्रदान किया गया है. मंत्री ने बताया कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बीते छह महीनों में रेपो रेट 6.5 फीसदी से घटाकर 5.5 फीसदी की है, जिससे आवास ऋण सस्ते हुए हैं.

खट्टर ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) को 2015 में शुरू किया गया था। सरकार ने अब इसका दूसरा चरण (पीएमएवाई-यू 2.0) शुरू किया है, जिसका उद्देश्य एक करोड़ अतिरिक्त शहरी लाभार्थियों को आवास उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) लागू की गई है, जिससे पहली बार घर खरीदने वालों को ऋण पर सब्सिडी दी जाती है.

उन्होंने बताया कि पीएमएवाई-यू 2.0 के दिशानिर्देशों के अनुसार, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से 'किफायती आवास नीति' तैयार करने और निजी निवेश को आकर्षित करने हेतु सुधारों को अपनाने को कहा गया है, ताकि शहरों में किफायती आवास की आपूर्ति को बढ़ाया जा सके.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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