बेंगलुरु में चल रहे एयरो शो में सारंग एरोबेटिक टीम की कलाबाजियों ने हजारों दर्शकों को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया है, बिल्कुल मोर की तरह इसके हेलीकॉप्टर ऐसे हवा में कलाबाजी कर रहे हैं, मानों जमीन पर जैसे मोर नाच रहे हों। तभी तो इसका नाम सारंग रखा गया है। संस्कृत में सारंग को मोर ही कहते है।
चार हेलीकॉप्टर के साथ फ्लाई करने वाली यह दुनिया की इकलौती मिलेट्री एरोबिटक टीम है। फिक्सड विंग यानी जहाज की तुलना में रॉटरी विग यानी की हेलीकॉप्टर पर करतब दिखाना काफी मुश्किल है। सारंग के कमांडिग ऑफिसर विंग कमांडर एएस अभंयकर बताते है कि हेलीकॉप्टर में रोटर के होने के वजह फोरमेशन फ्लाइंग आसान नहीं है। इसके लिए पहले हेलीकॉप्टर पायलटों के बीच ट्रायल होती है फिर पायलट का चयन होता है और इसके बाद एक साल सारंग में ट्रेनिंग के बाद ही किसी भी पायलट को सारंग में फ्लाइंग का मौका मिलता है।
देश में बने ध्रुव हेलीकॉप्टर की टीम 2003 में बनी है। करीब 12 साल बाद महिला पायलट स्कावड्रन लीडर दीपिका मिश्र इस टीम का हिस्सा बनी और पहली बार इस टीम में महिला इंजीनियर फ्लाइट लेफ्टिनेंट संदीप सिंह को शामिल किया गया है। देश में अब तक सारंग ने 170 और विदेशों में 10 शो कर चुकी है।
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