अदाणी ग्रुप ने ओडिशा रेल दुर्घटना में अभिभावकों को गंवाने वाले बच्चों की स्कूली शिक्षा की ली जिम्मेदारी

अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने पीड़ित बच्चों का स्कूली खर्च उठाने का किया ऐलान. ओडिशा हादसे में अभी तक 275 लोगों की मौत हुई है.

नई दिल्ली:

ओडिशा रेल हादसे में अभी तक 275 लोगों की जान जा चुकी है. जबकि बड़ी संख्या में लोग अभी भी घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है. इस हादसे में जिन बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है उन्हें लेकर अदाणी समूह ने खास पहल की है. अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने ऐसे सभी बच्चों की स्कूली शिक्षा के खर्च की जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया है. 

उन्होंने अपने इस फैसले की जानकारी ट्वीट करके दी. गौतम अदाणी ने अपने ट्वीट में लिखा कि उड़ीसा की रेल दुर्घटना से हम सभी बेहद व्यथित हैं. हमने फैसला लिया है कि जिन मासूमों ने इस हादसे में अपने अभिभावकों को खोया है उनकी स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी अडाणी समूह उठाएगा.पीड़ितों एवं उनके परिजनों को संबल और बच्चों को बेहतर कल मिले यह हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है. 

मुआवजे का भी किया गया है ऐलान

गौरतलब है कि बीते शुक्रवार की शाम ओडिशा के बालासोर में एक के बाद एक तीन ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस घटना को लेकर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश के कई नेताओं ने दुख जताया था. रेल मंत्रालय ने इस घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को 2-2 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया था. 

पीएम मोदी ने भी किया था घटनास्थल का दौरा

इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटनास्थल का दौरा भी किया था. पीएम मोदी घटनास्थल का दौरा करने के बाद कटक के उस अस्पताल में भी गए थे जहां घायलों का इलाज चल रहा है. उन्होंने वहां घायलों से बात भी की साथ ही डॉक्टरों से भी घायलों की सेहत के बारे में जानकारी ली थी. 

रेलवे बोर्ड ने दी घटना की पूरी जानकारी

इस घटना को लेकर रेलवे बोर्ड की सदस्य (ऑपरेशन एंड बीडी,) जया वर्मा सिन्हा ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और हादसे के बारे में जानकारी दी. सिन्हा ने बताया कि दुर्घटना जिस स्टेशन पर हुई, वहां चार प्लेटफार्म हैं. बीच में दो मेन लाइन और बगल में दो लूप लाइन हैं. वहां एक लूप लाइन पर मालगाड़ी (Goods Train) खड़ी थी. वहीं से चेन्नई से हावड़ा ट्रेन जा रही थी और हावड़ा से दूसरी ट्रेन आ रही थी. दोनों मेन लाइन पर सिग्नल ग्रीन था. कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Train) की स्पीड 128kmph थी. वहीं यशवंतपुर एक्सप्रेस126 kmph की स्पीड पर थी. दोनों ट्रेन की स्पीड 130 किलो मीटर प्रति घंटे तय की गई थी, मतलब ये कि घटना के समय दोनों ही ट्रेन अपनी तय की गई स्पीड से कम पर चल रहीं थी. 

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जया सिन्हा ने कहा कि सिग्नलिंग में कोई परेशानी नहीं पाई गई. सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी. दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इस ट्रेन का इंजन और कोच, मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गए थे. मालगाड़ी आयरन ओर से लदी हुई थी.आयरन ओर से लदे होने के कारण ही यात्री ट्रेन को ज्यादा क्षति पहुंची है. कोरोमंडल के डिब्बे डाउन लाइन पर आ गए जिस पर यशवंतपुर एक्सप्रेस गुजर रही थी और इस वजह से ही यशवंतपुर एक्सप्रेस के भी दो डिब्बे डिरेल हो गए.