कोलकाता:
पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में लगभग सभी ग्राम पंचायतों पर जीत दर्ज कराते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस धीरे-धीरे भारी जीत की ओर अग्रसर है।
हाल ही में पांच चरणों में संपन्न हुए पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए मतगणना सोमवार सुबह शुरू हुई। इस चुनाव को दो वर्ष पहले सत्ता में आईं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की लोकप्रियता की सबसे बड़ी परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य के 17 में से 12 जिलों में हुए पंचायत चुनाव में तृणमूल बड़ी संख्या में ग्राम पंचायत सीटें जीत चुकी है, या बहुमत पाने की ओर अग्रसर है।
राज्य में प्रमुख विपक्षी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व में वाम मोर्चा ने 2008 में हुए पिछले पंचायत चुनाव में 13 जिलों में अपना बहुमत साबित किया था, लेकिन इस बार वह सिर्फ उत्तरी जिले जलपाईगुड़ी के ग्राम पंचायतों में बहुमत पा सका है। पुरुलिया जिले में दोनों दलों के बीच टक्कर कांटे की है, और तृणमूल ने यहां मामूली बढ़त ले रखी है।
कांग्रेस ने अपने गढ़ मुर्शिदाबाद में आधे से अधिक ग्राम पंचायतों पर जीत दर्ज किया है, लेकिन अपने दूसरे गढ़ों, मालदा और दिनाजपुर में कांग्रेस की तृणमूल और वाम मोर्चे के साथ कड़ी टक्कर चल रही है।
60 फीसदी से अधिक ग्राम पंचायतों की मतगणना पूरी होने तक अधिकतर जिलों में ममता बनर्जी का पलड़ा भारी नजर आ रहा था।
दक्षिणी बंगाल के मजबूत पकड़ वाले दस जिलों में से नौ में तृणमूल कांग्रेस 50 फीसदी से अधिक ग्राम पंचायतों में जीत दर्ज कर अपने निकट प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे चल रही है। सिर्फ नदिया जिले में उसे कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है।
ममता को सत्ता में लाने में विशेष महत्व रखने वाले हुगली जिले के सिगूर और ईस्ट मिदनापुर के नंदीग्राम में भी तृणमूल ने अपनी पकड़ बरकरार रखी है।
वाम मोर्चे को कुछ जिलों में अपनी वापसी का भरोसा था, लेकिन अपने पुराने गढ़ों -बर्दवान, बीरभूम, उत्तरी 24 परगना, पश्चिमी मिदनापुर, कूच बिहार और हुगली- में भी उसकी जड़ें हिल गईं। केंद्रीय एवं राज्य के सुरक्षा बल के जवान 329 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस ने 6,000 से अधिक सीटों पर निर्विरोध जीत दर्ज कराई है। खराब मौसम की वजह से कुछ केंद्रों पर मतगणना शुरू नहीं हो पाई।
11 जुलाई को शुरू हुए पांच चरणों के मतदान के दौरान 24 लोगों की जानें गईं। पुलिस के अनुसार मतगणना के दौरान अब तक किसी तरह की अप्रिय घटना सामने नहीं आई है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने हालांकि, तृणमूल के कई कार्यकर्ताओं पर विभिन्न केंद्रों से उनके मतगणना एजेंटों को जबरन हटाने का आरोप लगाया है।
हाल ही में पांच चरणों में संपन्न हुए पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए मतगणना सोमवार सुबह शुरू हुई। इस चुनाव को दो वर्ष पहले सत्ता में आईं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की लोकप्रियता की सबसे बड़ी परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य के 17 में से 12 जिलों में हुए पंचायत चुनाव में तृणमूल बड़ी संख्या में ग्राम पंचायत सीटें जीत चुकी है, या बहुमत पाने की ओर अग्रसर है।
राज्य में प्रमुख विपक्षी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व में वाम मोर्चा ने 2008 में हुए पिछले पंचायत चुनाव में 13 जिलों में अपना बहुमत साबित किया था, लेकिन इस बार वह सिर्फ उत्तरी जिले जलपाईगुड़ी के ग्राम पंचायतों में बहुमत पा सका है। पुरुलिया जिले में दोनों दलों के बीच टक्कर कांटे की है, और तृणमूल ने यहां मामूली बढ़त ले रखी है।
कांग्रेस ने अपने गढ़ मुर्शिदाबाद में आधे से अधिक ग्राम पंचायतों पर जीत दर्ज किया है, लेकिन अपने दूसरे गढ़ों, मालदा और दिनाजपुर में कांग्रेस की तृणमूल और वाम मोर्चे के साथ कड़ी टक्कर चल रही है।
60 फीसदी से अधिक ग्राम पंचायतों की मतगणना पूरी होने तक अधिकतर जिलों में ममता बनर्जी का पलड़ा भारी नजर आ रहा था।
दक्षिणी बंगाल के मजबूत पकड़ वाले दस जिलों में से नौ में तृणमूल कांग्रेस 50 फीसदी से अधिक ग्राम पंचायतों में जीत दर्ज कर अपने निकट प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे चल रही है। सिर्फ नदिया जिले में उसे कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है।
ममता को सत्ता में लाने में विशेष महत्व रखने वाले हुगली जिले के सिगूर और ईस्ट मिदनापुर के नंदीग्राम में भी तृणमूल ने अपनी पकड़ बरकरार रखी है।
वाम मोर्चे को कुछ जिलों में अपनी वापसी का भरोसा था, लेकिन अपने पुराने गढ़ों -बर्दवान, बीरभूम, उत्तरी 24 परगना, पश्चिमी मिदनापुर, कूच बिहार और हुगली- में भी उसकी जड़ें हिल गईं। केंद्रीय एवं राज्य के सुरक्षा बल के जवान 329 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस ने 6,000 से अधिक सीटों पर निर्विरोध जीत दर्ज कराई है। खराब मौसम की वजह से कुछ केंद्रों पर मतगणना शुरू नहीं हो पाई।
11 जुलाई को शुरू हुए पांच चरणों के मतदान के दौरान 24 लोगों की जानें गईं। पुलिस के अनुसार मतगणना के दौरान अब तक किसी तरह की अप्रिय घटना सामने नहीं आई है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने हालांकि, तृणमूल के कई कार्यकर्ताओं पर विभिन्न केंद्रों से उनके मतगणना एजेंटों को जबरन हटाने का आरोप लगाया है।
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