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This Article is From Apr 18, 2018

UIDAI ने सुप्रीम कोर्ट में रखा अपना पक्ष, कहा- आधार से निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं

कोर्ट में उन्होंने कहा कि देश में 99 फीसदी आबादी ने आधार के लिए नामांकन किया है और आधार को बेहतर बनाने के लिए इसके बुनियादी ढांचे के निर्माण के प्रयासों के लिए बहुत पैसा खर्च किया गया है.

UIDAI ने सुप्रीम कोर्ट में रखा अपना पक्ष, कहा- आधार से निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं
सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
नई दिल्ली: आधार कार्ड में दर्ज आम लोगों की जानकारी कितनी सुरक्षित है इसे लेकर बुधवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही. इस दौरान UIDAI ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा. UIDAI के वकील राकेश द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि आधार से निजता के मौलिक अधिकार का उल्लघंन नहीं होगा और न ही आधार किसी की गरिमा को ठेस पहुंचाता है. इसे केवल नियंत्रित किया गया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कानून की वैधता का परीक्षण गैर सरकारी संगठन की तरह एक योद्धा की तरह ना करें. न्यायिक विज्ञान में किसी कानून में सुधार करने और इसे प्रभावी बनाने के लिए नए उपकरण उपलब्ध हैं. इसलिए हमारा अनुरोध है कि कोर्ट को इस मामले में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए न कि एक एनजीओ जैसा नकारात्मक दृष्टिकोण.

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कोर्ट में उन्होंने कहा कि देश में 99 फीसदी आबादी ने आधार के लिए नामांकन किया है और आधार को बेहतर बनाने के लिए इसके बुनियादी ढांचे के निर्माण के प्रयासों के लिए बहुत पैसा खर्च किया गया है. कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा डर पैदा किया गया है जबकि डर कहां है. UIDAI के इन दलीलों पर जस्टिस चंद्रचूड ने पूछा कि यहां याचिकाकर्ता का मुद्दा एक पहचान को लेकर है जो लाभ से इनकार को रोकने के लिए वस्तु से संबंधित नहीं है. इसपर राकेश द्विवेदी ने कहा कि अन्य आईडी-जैसे राशन कार्ड के विपरीत जो अलग- अलग राज्यों के होते हैं, आधार पूरे देश में स्वीकार्य है.

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उन्होंने कहा कि ये आरोप ग़लत है कि आधार कार्ड न होने की वजह से लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही है, खुद आधार एक्ट के सेक्शन 7 में इसका प्रावधान है.आधार कार्ड न होने की वजह से किसी को सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं से वंचित नहीं रखा जा रहा है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आधार कार्ड बनाया ही ना जाए.

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अगर कोर्ट को कानून में कुछ खामी नजर आती है, तो कोर्ट कुछ क्राइटेरिया तय कर सकता है, लेकिन याचिकाकर्ता के इन आरोपों के चलते आधार कानून को खारिज नहीं किया जा सकता. इस मामले में गुरुवार को भी सुनवाई जारी रहेगी. 

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