महाराष्ट्र में भले ही राष्ट्रपति शासन लागू हो गया हो लेकिन सरकार बनाने की कोशिशें अब भा जारी है. शिवसेना (Shiv Sena) कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर कोशिशों में जुटी है. इसी क्रम में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की. मुलाकात के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में सरकार गठन को लेकर बातचीत 'सही दिशा' में आगे बढ़ रही है तथा उचित समय आने पर फैसला लिया जाएगा.
महाराष्ट्र : कैसे टूटा सत्ता का चक्रव्यूह, शरद पवार कैसे बने राजनीति के चाणक्य?
बहरहाल, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने उद्धव ठाकरे के साथ बैठक को 'शिष्टाचार भेंट' बताया और कहा कि वे मिल रहे हैं यह अपने आप में 'सकारात्मक' कदम है. ठाकरे ने उपनगर के एक होटल में थोराट, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण और वरिष्ठ कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे से मुलाकात की. राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के एक दिन बाद हुई यह बैठक करीब एक घंटे तक चली.
उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस (Congress) नेताओं के साथ बैठक के बाद होटल से बाहर आने पर पत्रकारों से कहा, 'सब कुछ ठीक चल रहा है. बातचीत सही दिशा में चल रही है और उचित समय आने पर फैसले की घोषणा की जाएगी.' बाद में जब थोराट से पूछा गया कि क्या बैठक नई सरकार के गठन की दिशा में सकारात्मक रही, इस पर उन्होंने कहा, 'उद्धव ठाकरे के साथ हमारी बैठक शिष्टाचार भेंट थी. हम मुलाकात कर रहे हैं, यह बात अपने आप में सकारात्मक कदम है.' माणिकराव ठाकरे ने कहा कि आगे की बातचीत के लिए 'मैत्रीपूर्ण माहौल' बनाने के वास्ते यह बैठक हुई.
उद्धव के साथ बैठक से पहले मंगलवार को एआईसीसी नेताओं अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे की राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ बैठक हुई थी, जिसमें शिवसेना (Shiv Sena) के साथ सरकार गठन के लिए 'न्यूनतम साझा कार्यक्रम' (सीएमपी) तैयार करने के मुद्दे पर चर्चा हुई थी. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस और राकांपा को परस्पर सहमति पर पहुंचना होगा और साझा एजेंडे के लिए कुछ मुद्दे को स्पष्ट करना पड़ेगा और फिर अगर जरूरत पड़ी तो शिवसेना से दोबारा संपर्क करेंगे.' थोराट ने कहा कि राकांपा ने 'न्यूनतम साझा कार्यक्रम' तय करने के लिए बनाई जाने वाली एक संयुक्त समिति के लिए अपने पांच सदस्यों को नामित कर दिया है और कांग्रेस भी जल्द अपने सदस्यों को नामित करेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीद करती है कि विचार-विमर्श जल्द ही खत्म हो.
शरद पवार-सोनिया गांधी के बीच हुए एक फोन कॉल ने चौपट कर दिया शिवसेना का प्लान
इससे पहले ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि अगर कांग्रेस तथा राकांपा (NCP) के समर्थन से सरकार बनती है तो शिवसेना को उनकी तरह न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर स्पष्टता की आवश्यकता है. ठाकरे ने कहा, 'हमें छह महीने मिले हैं. शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस एक साथ बैठेंगे और सीएमपी पर काम करेंगे. शिवसेना और कांग्रेस-राकांपा के कई मुद्दों पर अलग-अलग विचार हैं...वे काम करेंगे और सरकार गठन का दावा पेश करेंगे.' शिवसेना राज्य विधानसभा में भाजपा की 105 सीटों के बाद 56 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. अगर वह राकांपा (54) और कांग्रेस (44) के साथ आती है तो तीनों दल 288 सदस्यीय सदन में बहुमत के 145 के आंकड़े को आसानी से पार कर सकते हैं. सत्ता साझेदारी को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच तनातनी के बाद राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई है. उनके गठबंधन को 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में बहुमत मिला था.
(इनपुट: भाषा से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं