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This Article is From Apr 08, 2017

यूपी में चीनी मिल घोटाला: मायावती सरकार के दौर में बिकीं 21 चीनी मिलों की जांच के आदेश

यूपी में चीनी मिल घोटाला: मायावती सरकार के दौर में बिकीं 21 चीनी मिलों की जांच के आदेश
मायावती के भाई आनंद कुमार से संबद्ध कंपनियों में भी की जा रही पड़ताल.(फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
1100 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच होगी
बसपा सरकार के दौर की घटना
23 अप्रैल तक किसानों का बकाया देने के भी आदेश
योगी सरकार ने बसपा सरकार के कार्यकाल के दौरान 21 चीनी मिलों को बेचने में कथित घोटाले की जांच का फैसला लिया है. सरकार की इस जांच से बसपा सुप्रीमो मायावती तक जांच की आंच पहुंच सकती है. योगी सरकार ने अपने फैसले के तहत 2010-11 में प्रदेश की 21 चीनी मिलों को बेचने में 1100 करोड़ रुपये के घाटे की गहन जांच के आदेश दिए हैं. सरकार ने ये भी कहा है कि यदि जरूरत पड़ी तो सरकार इस मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा भी सकती है.

इस संबंध में सीएम योगी ने कहा है कि किसी भी व्‍यक्ति को सरकार की संपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेचने का अधिकार नहीं है. जनता की संपत्ति का किसी भी तरह दुरुपयोग कतई नहीं होने दिया जाएगा. इसके अलावा योगी आदित्‍यनाथ ने मिल मालिकों पर बकाए भुगतान के लिए 23 अप्रैल की अंतिम तारीख भी निर्धारित की दी है. इस दौरान तक यदि पेराई सत्र 2016-17 में किसानों के बकाया गन्‍ना मूल्‍य भुगतान नहीं किया गया तो निर्धारित अवधि के बाद मिल मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.

इसके अलावा एक अन्‍य घटनाक्रम में आयकर विभाग ने शुक्रवार को ही बसपा प्रमुख मायावती के भाई आनंद कुमार से जुड़ी फर्मों व कारोबारों के दर्जन भर परिसरों में जांच पड़ताल की. अधिकारियों का कहना है कि सर्वे की यह कार्रवाई दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में की जा रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''कुमार व उनके सहयोगियों की कंपनियों के साथ करीबी कारोबारी रिश्ते रखने वाली कुछ कारोबारी इकाइयों व बिल्डरों के खिलाफ भी सर्वे व सत्यापन की कार्रवाई की जा रही है. ऐसा माना जाता है कि इन इकाइयों ने शेयर पूंजी, शेयर प्रीमियम के रूप में अच्छा खासा निवेश किया है.' इस तरह के सौदों की वास्तविकता की जांच की जा रही है.

उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग की सर्वे की कार्रवाई के तहत किसी इकाई के केवल व्यावसायिक परिसर में ही जांच पड़ताल की जाती है. यानी इसके तहत संबद्ध इकाई के आवासीय परिसरों में कोई कार्रवाई नहीं की जाती. अधिकारियों का कहना है कि सर्वे कार्रवाई के तहत विभाग कुमार व अन्य से जुड़ी इकाइयों द्वारा किए गए वित्तीय लेन देन की सत्यता की पुष्टि कर रहा है. अधिकारी अचल संपत्तियों में किए गए निवेश व उसके स्रोत की जानकारी जुटा रहे हैं.

अधिकारियों के अनुसार एक अन्य अभियान के तहत विभाग दिल्ली के एक समूह के खिलाफ पड़ताल कर रहा है जो कि मेंथा कारोबार की वैश्विक कंपनी है. यह कंपनी देश की प्रमुख कमोडिटी डीलर है और दालों की सबसे बड़ी आयातक फर्मों में से एक है. इस मामले में दिल्ली, गांधीधाम, लखनऊ, भिवाड़ी व बाराबंकी में तलाशी ली गई है. आरोप है कि कर निर्धारित्री ने फर्जी खरीद व कम बिक्री दिखाते हुए एनसीडीईएक्स व एमसीएक्स पर बेनामी कारोबार के जरिए कर चोरी की.

 

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