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This Article is From Nov 09, 2012

पंजाब : मुख्यमंत्री बादल के गांव में 40 करोड़ का घोटाला

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के इलाके में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले हुआ 40 करोड़ रुपये का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां के लोगों को नए घर और घर की मरम्मत के लिए 40 करोड़ रुपये बांटे गए, लेकिन हकीकत कुछ और है। असल में ये पैसे गांववालों को मिले ही नहीं।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों से ठीक पहले जनवरी 2011 से मार्च 2012 के बीच मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के क्षेत्र के लिए एक तरह से सरकारी खजाने खोल दिए गए। पीयूडीए ने स्टेट इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के 45 करोड़ रुपये गरीबों को घर बनाने के नाम पर बांटे। इसमें से 40 करोड़ रुपये सिर्फ मुक्तसर में बांटे गए, जो मुख्यमंत्री बादल का जिला है और उनके निर्वाचन क्षेत्र लांबी को भी इसका फायदा मिला। बाकी के 5 करोड़ पांच दूसरे जिलों के हिस्से में आए। बिना किसी प्रोजेक्ट रिपोर्ट के पीयूडीए ने जिस तारीख को रुपये बांटे उस पर अब सवाल उठने लगे हैं।

हाईकोर्ट के वरिष्ट वकील एचसी अरोड़ा के बताया कि एक ही दिन में किस तरह सीएम बादल ने डीसी को 10 करोड़ रुपये जारी करने के आदेश दिए। ये चुनाव आचार संहिता लागू होने से सिर्फ एक महीने पहले की बात है। सिर्फ मुख्यमंत्री के जिले में ही राशि का बड़ा हिस्सा दिया गया ऐसा क्यों? इसके पीछे क्या मकसद था, साफ है।

उधर, आरटीआई के जरिये मिली जानकारी के मुताबिक, मुक्तसर जिले के 19 हजार गरीब परिवारों को स्कीम का फायदा मिला और छह हजार परिवारों को 35-35 हजार रुपये कच्चा घर बनाने को बांटे गए और 13 हजार परिवारों को 15-15 हजार रुपये घर की मरम्मत के लिए दिए गए, लेकिन एनडीटीवी की टीम जब गांव पहुंची तो पता चला कि ज्यादातर लोगों को सिर्फ 15 से 18 हजार रुपये दिए गए। इसमें 5 हजार के चेक और बाकी का बिल्डिंग मैटीरियल बांटा गया। गांववालों के कहना है कि ये फायदा भी अकाली दल के लोगों और उनके करीबियों को ही मिला।

बकौल एक ग्रामीण, सरकार ने 5 हजार लेबरों के लिए 6 हजार ईंटें, रेता और 18 बोरी सीमेंट मिला। इतने में मकान पूरा नहीं हुआ। सबने अपने पैसे लगाए। सरकार ने 10-15 हजार और देने का वायदा किया था, लेकिन अब लगता नहीं मिलेगा। एक दूसरे ग्रामीण ने बताया कि हमें कभी कोई चेक नहीं मिला, और लोगों को मिला, हमने बहुत कोशिश की थी।

यही नहीं मुख्यमंत्री के इलाके लांबी के गांव भाई खेड़ा के लिए बड़ी रकम दे दी गई। यहां के एक घर के लिए डेढ़ लाख रुपये भी दिए गए। इस तरह लांबी के ही मूद्दु खेड़ा गांव में भी ईडब्ल्यूएस मकान बनाए गए, लेकिन इनमें इतना घटिया निर्माण हुआ कि ये रहने के काबिल नहीं हैं। ज्यादातर तो अधूरे पड़े हैं। अलॉट करना बाद की बात है। कांग्रेस ने पूरे मामले की जांच की मांग की है, लेकिन मुख्यमंत्री जांच की बात तो दूर किसी भी गड़बड़ी से साफ इनकार कर रहे हैं। प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि ये सारा रिकॉर्ड डीसी के पास होता है। आरोप लगाने वाले लगाते रहते हैं।

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