मौसम विभाग को अगस्त में 99 प्रतिशत बारिश होने की उम्मीद है.
नई दिल्ली:
इस बार मॉनसून आधा बीत जाने के बाद भी देश के एक चौथाई से ज्यादा हिस्से में कम बारिश हुई है लेकिन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग को बचे हुए समय में स्थिति के सुधरने की उम्मीद है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक देशभर में हुई बारिश को मिलाकर पांच प्रतिशत कम बारिश हुई है लेकिन देश के 26 प्रतिशत भूभाग में यह कमी ज्यादा है. विभाग के मुताबिक बारिश का यह अभाव मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हिस्सों में ज्यादा है.
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मौसम विभाग ने वर्ष 2017 के लिए 'सामान्य' दक्षिण पश्चिम मॉनसून का अनुमान व्यक्त किया था जो जून से सितंबर तक रहता है.
विभाग के महानिदेशक के जे रमेश ने कहा, 'तटीय, उत्तरी और आंतरिक दक्षिणी कर्नाटक में पिछले दो दिन से अच्छी बारिश हो रही है. मराठवाड़ा और मध्यप्रदेश में भी बारिश होनी शुरू हो गई है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि स्थिति सुधर जाएगी.' पिछले हफ्ते मौसम विभाग ने कहा था कि मॉनसून सत्र का उत्तरार्ध दीर्घकालिक औसत (एलपीए) का 100 प्रतिशत होने की संभावना है. अगस्त में 99 प्रतिशत बारिश होने की उम्मीद है.
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यह उल्लेख करते हुए कि मॉनसून में सुधार हो रहा है, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट किया, 'महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित मध्य भारत में अगले दो हफ्तों में अच्छी बारिश.' उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि 'बारिश की कमी वाले क्षेत्रों में भरपाई होने की संभावना है', लेकिन कुछ भागों में 'बाढ़ की आशंका' को लेकर आगाह किया.
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कम बारिश वाले राज्यों में खरीफ (गर्मी) फसलों की बुआई प्रभावित हुई है. हालांकि कृषि मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो देशभर में कुल बुआई क्षेत्र सीजन के पिछले हफ्ते तक 976.34 लाख हेक्टेयर के साथ उच्च स्तर पर था. पिछले साल इसी समय यह क्षेत्र 984.57 लाख हेक्टेयर था.
मराठवाड़ा, विदर्भ, और मध्य प्रदेश के पूर्वी तथा पश्चिमी इलाकों में बारिश का अभाव रहा है. केरल के कुछ हिस्सों में लगातार दूसरे साल कम बारिश हुई है.
वहीं, कुछ राज्य खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और गुजरात को बाढ़ का सामना करना पड़ा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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मौसम विभाग ने वर्ष 2017 के लिए 'सामान्य' दक्षिण पश्चिम मॉनसून का अनुमान व्यक्त किया था जो जून से सितंबर तक रहता है.
विभाग के महानिदेशक के जे रमेश ने कहा, 'तटीय, उत्तरी और आंतरिक दक्षिणी कर्नाटक में पिछले दो दिन से अच्छी बारिश हो रही है. मराठवाड़ा और मध्यप्रदेश में भी बारिश होनी शुरू हो गई है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि स्थिति सुधर जाएगी.' पिछले हफ्ते मौसम विभाग ने कहा था कि मॉनसून सत्र का उत्तरार्ध दीर्घकालिक औसत (एलपीए) का 100 प्रतिशत होने की संभावना है. अगस्त में 99 प्रतिशत बारिश होने की उम्मीद है.
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यह उल्लेख करते हुए कि मॉनसून में सुधार हो रहा है, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट किया, 'महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित मध्य भारत में अगले दो हफ्तों में अच्छी बारिश.' उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि 'बारिश की कमी वाले क्षेत्रों में भरपाई होने की संभावना है', लेकिन कुछ भागों में 'बाढ़ की आशंका' को लेकर आगाह किया.
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कम बारिश वाले राज्यों में खरीफ (गर्मी) फसलों की बुआई प्रभावित हुई है. हालांकि कृषि मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो देशभर में कुल बुआई क्षेत्र सीजन के पिछले हफ्ते तक 976.34 लाख हेक्टेयर के साथ उच्च स्तर पर था. पिछले साल इसी समय यह क्षेत्र 984.57 लाख हेक्टेयर था.
मराठवाड़ा, विदर्भ, और मध्य प्रदेश के पूर्वी तथा पश्चिमी इलाकों में बारिश का अभाव रहा है. केरल के कुछ हिस्सों में लगातार दूसरे साल कम बारिश हुई है.
वहीं, कुछ राज्य खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और गुजरात को बाढ़ का सामना करना पड़ा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)