सरकार व टीम अन्ना के बीच बिगड़ी बात को संभालने में राहुल की अहम भूमिका रही। वह प्रणब के बाद सरकार के नए संकटमोचक के तौर पर उभरे हैं।
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New Delhi:
अन्ना हजारे के अनशन को लेकर सरकार और टीम अन्ना के बीच बिगड़ी बात को संभालने में राहुल गांधी की अहम भूमिका रही। वह प्रणब मुखर्जी के बाद सरकार के नए संकटमोचक के तौर पर उभरे हैं। शुक्रवार को वह प्रधानमंत्री से मिलने 7, रेसकोर्स रोड पहुंचे। 16 अगस्त को अन्ना की गिरफ्तारी के बाद से वह कई बार प्रधानमंत्री से मिल चुके हैं। पिछले हफ्ते भी वह संसद भवन से प्रधानमंत्री की गाड़ी में ही निकले थे। माना जा रहा है कि इस दौरान अन्ना के अनशन को लेकर सरकार के रुख पर लंबी बातचीत हुई। जानकारों का कहना है कि राहुल के दखल के बाद ही सरकार देखो और इंतजार करो की नीति छोड़कर टॉप गियर में आई है। इस काम में संदीप दीक्षित और सचिन पायलट जैसे कांग्रेस के युवा सांसद राहुल की मदद करते रहे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अपने अन्ना मिशन के दौरान राहुल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लगातार फोन पर जानकारी देते रहे।
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