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This Article is From Jan 22, 2015

पश्चिम बंगाल में नहीं होगा 'दादा बनाम दीदी'... सौरव गांगुली नहीं आ रहे हैं बीजेपी में

पश्चिम बंगाल में नहीं होगा 'दादा बनाम दीदी'... सौरव गांगुली नहीं आ रहे हैं बीजेपी में
कोलकाता:

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के बीजेपी में शामिल होने की रिपोर्टों की खंडन करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि इस ख़बर में कोई सच्चाई नहीं है। उल्लेखनीय है कि इस तरह की ख़बरें चल रही थीं कि सौरव बीजेपी में जल्द शामिल हो सकते हैं, और सूत्रों ने यहां तक कहा था कि उनके साथ पिछले कुछ समय से जारी बातचीत अब 'शीर्षतम स्तर' तक पहुंच गई है।

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, एक उद्योगपति द्वारा किए गए सौरव के बीजेपी में शामिल होने संबंधी ट्वीट में कोई सच्चाई नहीं है। हालांकि हमारे मन में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान के लिए काफी सम्मान है, और हमारे कुछ नेताओं के उनके साथ बहुत अच्छे रिश्ते भी हैं।

इससे पहले, पार्टी सूत्र कह रहे थे कि दरअसल बीजेपी पश्चिम बंगाल में अपना आधार मजबूत करने की कोशिश कर रही है, ताकि राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनौती दी जा सके, इसलिए वह सौरव को शामिल करना चाह रही है। उल्लेखनीय है कि सौरव क्रिकेट की दुनिया के सबसे ज़्यादा चर्चित चेहरा होने के साथ-साथ पश्चिम बंगाल में बेहद लोकप्रिय हस्ती हैं। राज्य में एक टीवी चैनल पर 'दादागिरी' शीर्षक से एक शो का संचालन करने वाले सौरव को राज्य के बहुत-से युवा अपना 'आदर्श' मानते हैं, सो, यदि बीजेपी उन्हें शामिल करने में कामयाब रहती है, तो यह न सिर्फ पार्टी के लिए काफी बड़ी सफलता होगी, बल्कि वह राज्य सरकार के लिए गंभीर चुनौती भी पेश कर पाएगी।

वर्ष 2008 में सौरव द्वारा क्रिकेट से संन्यास लिए जाने के बाद से ही बीजेपी सहित कई राजनैतिक दल उन्हें शामिल करने की कोशिश में लगे रहे हैं। बताया जाता है कि उन्होंने पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी का उनकी टिकट पर लड़ने का प्रस्ताव ठुकरा भी दिया था। उस समय इस तरह की अटकलें चर्चा में थी कि नरेंद्र मोदी, जो अब प्रधानमंत्री हैं, ने उन्हें खेलमंत्री बनाने का प्रस्ताव भी दिया था।

उस वक्त सौरव ने कहा था, "हां, बीजेपी ने प्रस्ताव दिया था... हालांकि, मैंने उसे ठुकरा दिया है... मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं..."

बीजेपी को लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान राज्य में दो सीटें हासिल हुई थीं, लेकिन उनकी वोट हिस्सेदारी में काफी इजाफा हुआ था। तभी से बीजेपी राज्य में वर्ष 2011 से सत्तारूढ़ तृणमूल के वोटबैंक को अपनी तरफ लाने की कोशिशों में जुटी हुई है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नवंबर, 2014 में कोलकाता में आयोजित एक रैली में अपनी पार्टी के इरादों की घोषणा भी की थी, और कहा था, "मैं अमित शाह हूं, और बंगाल से तृणमूल को उखाड़ फेंकने आया हूं..."

इस वक्त सौरव गांगुली का बीजेपी में शामिल होना ममता बनर्जी के लिए काफी बड़ा झटका साबित होता, क्योंकि मौजूदा वक्त में तृणमूल कांग्रेस वैसे ही अपने महत्वपूर्ण नेताओं के पार्टी छोड़-छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की समस्या से जूझ रही है। पिछले शुक्रवार को ही ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री रहे मंजुल कृष्ण ठाकुर बीजेपी में शामिल हुए थे, और इस तरह की चर्चा है कि तृणमूल के संस्थथापक सदस्यों में से एक दिनेश त्रिवेदी तथा चार अन्य मंत्री भी बीजेपी में जाने की तैयारी में हैं।

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