नई दिल्ली:
छोटी पाल नौका के सहारे दुनिया का चक्कर लगाने वाली नौसेना की महिलाएं शनिवार को गोवा लौट रही हैं. आईएनएस तारिणी पर सवार लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी के नेतृत्व में छह महिलाओं के दल का स्वागत रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी. इस टीम में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, पी स्वाति,लेफ्टिनेंट ए विजया देवी ,बी एश्वर्य और पायल गुप्ता भी शामिल है.
ऐसा लक्ष्य हासिल करने वाली ये एशिया की पहली महिला टीम होगी जिसने असंभव को संभव कर दिखाया है. यानि समंदर के रास्ते दुनिया का का चक्कर लगाकर लौटेंगी. ये दल 10 सिंतबर 2017को गोवा से रवाना हुआ था. बड़ी बात ये कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने झंडा दिखाकर ही इसे रवाना किया था. इस अभियान को नविका सागर परिक्रमा नाम दिया गया है. इसके पीछे सरकार की मंशा महिलाओं के सशक्तिकरण के नीति को आगे बढ़ाना है.
समंदर के रास्ते दुनिया के कई सागरों को पार कर आने वाली ये भारत की पहली महिला सरकम नेवीगेशन है जिसमें सारी मेम्बर महिलायें है . सीधे अर्थों में बताए तो सरकम नेवीगेशन का मतलब होता है पूरी दुनिया का चक्कर लगाना. इसमें आप जहां से सफर की शुरुआत करते है वही पर आकर सफऱ को खत्म करना होता है . इस सफर में करीब 40 हजार किलोमीटर का सफऱ आठ महीनों में तय किया . इस दौरान इन महिलाओं ने पांच देश , चार महाद्वीप और तीन महासागर से गुजरे.
देश में बने आईएनएस तारिणी एक 55 फीट लंबी नौका है . इसे पिछले साल ही नौसेना में शामिल किया गया है. इस सफऱ के दौरान इन महिलाओं को कई बार समंदर के तेज लहरों के गुस्से का सामना करना पड़ा. सैकड़ों हजारों फीट गहरे समंदर में गलती की कोई गुजाइंश नही होती लेकिन इनके बुलंद हौसले और जज्बे के आगे समंदर को आखिरकार हार माननी पड़ी.
ऐसा लक्ष्य हासिल करने वाली ये एशिया की पहली महिला टीम होगी जिसने असंभव को संभव कर दिखाया है. यानि समंदर के रास्ते दुनिया का का चक्कर लगाकर लौटेंगी. ये दल 10 सिंतबर 2017को गोवा से रवाना हुआ था. बड़ी बात ये कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने झंडा दिखाकर ही इसे रवाना किया था. इस अभियान को नविका सागर परिक्रमा नाम दिया गया है. इसके पीछे सरकार की मंशा महिलाओं के सशक्तिकरण के नीति को आगे बढ़ाना है.
समंदर के रास्ते दुनिया के कई सागरों को पार कर आने वाली ये भारत की पहली महिला सरकम नेवीगेशन है जिसमें सारी मेम्बर महिलायें है . सीधे अर्थों में बताए तो सरकम नेवीगेशन का मतलब होता है पूरी दुनिया का चक्कर लगाना. इसमें आप जहां से सफर की शुरुआत करते है वही पर आकर सफऱ को खत्म करना होता है . इस सफर में करीब 40 हजार किलोमीटर का सफऱ आठ महीनों में तय किया . इस दौरान इन महिलाओं ने पांच देश , चार महाद्वीप और तीन महासागर से गुजरे.
देश में बने आईएनएस तारिणी एक 55 फीट लंबी नौका है . इसे पिछले साल ही नौसेना में शामिल किया गया है. इस सफऱ के दौरान इन महिलाओं को कई बार समंदर के तेज लहरों के गुस्से का सामना करना पड़ा. सैकड़ों हजारों फीट गहरे समंदर में गलती की कोई गुजाइंश नही होती लेकिन इनके बुलंद हौसले और जज्बे के आगे समंदर को आखिरकार हार माननी पड़ी.
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