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This Article is From Oct 09, 2020

मेधा पाटकर पहुंचीं हाथरस, योगी सरकार और पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश के हाथरस में लड़की के गैंगरेप और हत्या के मामले में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचीं सााजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर

मेधा पाटकर पहुंचीं हाथरस, योगी सरकार और पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर हाथरस पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिलीं.
हाथरस:

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर (Medha Patkar) आज उत्तर प्रदेश (UP) के हाथरस (Hathreas) में लड़की के गैंगरेप (Gang Rape) और हत्या के मामले में पीड़ित लड़की के परिवार से मिलने के लिए पहुंचीं. उन्होंने परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. पाटकर ने योगी सरकार (Yogi Government) और पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. 

मेधा पाटकर ने कहा कि पीड़िता का परिवार बेटी की मौत पर झूठे बयान नहीं दे सकता. पीड़िता के परिवार को आज तक पीएम रिपोर्ट क्यों नहीं दी गई? उसे दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ले जाना था तो सफदरजंग अस्पताल क्यों ले गए?

मेधा पाटर ने मेडिकल जांच पर भी उत्तर प्रदेश सरकार को घेरा. उन्होंने डीएम की कार्यवाही को लेकर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि डीएम का कर्तव्य क्या है, वो पूरा करना चाहिए था. सरकार की भी नैतिक जिम्मेदारी बनती थी.

दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने हाथरस मामले को लेकर विपक्षी नेताओं पर निशाना साधा है. चुनावी शंखनाद करते हुए उन्होंने कहा कि जाति-मजहब के नाम पर समाज में दरार पैदा करने वालों को जनता उपचुनाव में जवाब देगी. उन्होंने कहा कि यह नया उत्तर प्रदेश है, जो अपराधियों का मानमर्दन करता है. योगी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ शुक्रवार को जौनपुर जिले की मल्हंनी विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के बूथ, मंडल और सेक्टदर के प्रमुख पदाधिकारियों को संबोधित किया. इस विधानसभा में उपचुनाव भी होना है.

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मुख्यमंत्री ने कहा,  जिनकी सोच में ही विकास नहीं है, जिनकी सोच जाति, मजहब और क्षेत्र तक सीमित है, जो पार्टी को परिवार की तरह चलाते हैं, अराजकता और भ्रष्टाचार जिनकी पहचान है और जिनके जमाने में विकास की 90 फीसदी रकम की बंदरबाट हो जाती थी, उन लोगों को बिना भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ हो रहे विकास कार्य और गरीबों की खुशहाली रास नहीं आ रही है. लिहाजा वह समाज को जाति और संप्रदाय में बांटने का वही पुराना हथकंडा अपना रहे हैं. ऐसे लोगों की दाल अब गलने वाली नहीं. जनता सब जान चुकी है. लगातार उनको सबक भी सिखा रही है और उपचुनाव में भी बताएगी.'

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