खास बातें
- मायावती ने स्वीकारा अमित शाह की चुनौती
- BSP किसी भी मंच पर बहस को तैयार- मायावती
- अमित शाह ने CAA पर बहस की दी थी चुनौती
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश में विरोध और बयानबाजी का दौर जारी है. असदुद्दीन ओवैसी, पी चिदंबरम के बाद बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने ट्वीट कर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की नागरिकता संशोधन कानून पर बहस करने की चुनौती को स्वीकार किया है. मायावती ने कहा है "अति-विवादित CAA/NRC/NPR के खिलाफ पूरे देश में खासकर युवा व महिलाओं के संगठित होकर संघर्ष व आन्दोलित हो जाने से परेशान केन्द्र सरकार द्वारा लखनऊ की रैली में विपक्ष को इस मुद्दे पर बहस करने की चुनौती को BSP किसी भी मंच पर व कहीं भी स्वीकार करने को तैयार है".
गौरतलब है कि लखनऊ में नागरिकता कानून के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि इस बिल को लेकर कांग्रेस, टीएमसी, मायावती, सपा और कम्युनिस्ट कांव-कांव चिल्ला रहे हैं. मैंने इस बिल को संसद में पेश किया है मैं चुनौती देता हूं कि इस बिल में की किसी भी धारा में अगर किसी शख्स की नागरिकता छीनने की बाद है तो दिखाएं.
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बता दें, कि इससे पहले एआईएमआईएम पार्टी चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी अमित शाह को बहस करने की चुनौती दी थी. न्यूज एजेंसी एएनआई ने ओवैसी के हवाले से लिखा था, 'उनके साथ बहस क्यों? मेरे साथ बहस कीजिए?' साथ ही उन्होंने कहा, 'आपको मेरे साथ बहस करनी चाहिए. मैं तैयार हूं. उनके साथ बहस क्यों करनी? बहस किसी दाढ़ी वाले शख्स से करनी चाहिए. मैं उनके साथ सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर बहस कर सकता हूं.' सीएए और एनआरसी के तहत मुस्लिमों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया जा रहा है. जबकि CAA के तहत ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का वादा किया है.
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