
अबू धाबी में सेल्फी लेते पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मोबाइल से सेल्फी का क्रेज आजकल सभी पर छाया हुआ है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमाम मौकों पर सेल्फी लेते देखे जाते हैं. अकसर विदेश दौरों पर पीएम मोदी सेल्फी लेते हैं और पोस्ट करते हैं.
लेकिन, सेल्फी के साथ समस्या भी बढ़ती जा रही है. कुछ खतरनाक जगहों पर सेल्फी लेने के चक्कर में हुए हादसों में लोगों ने अपनी जान गंवाई है. ऐसे हादसों के सबसे ज्यादा युवा ही शिकार हो रहे हैं.
एक चिट्ठी में संस्कृति मंत्रालय ने राज्यों को सलाह दी है कि वे ऐसे स्थलों को चिह्नित करें और वहां पर चेतावनी दर्शाते बोर्ड लगवाएं. सभी को यह भी कहा गया है कि उपयुक्त व्यवस्था कर ध्वनि आधारित चेतावनी की भी व्यवस्था की जाए. साथ ही कहा गया है कि सेल्फी डेंजर जोन पर इस पूरी व्यवस्था में स्थानीय पुलिस और स्वयंसेवकों की सहायता भी ली जाए. यह खास तौर पर पर्यटन स्थलों को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है.
जनवरी में इसी साल मुंबई पुलिस ने शहर के 16 स्थानों को चिह्नित किया था जहां सेल्फी लेने के चक्कर में हादसों का डर था. यह सब एक जगह पर सेल्फी के चक्कर में डूब रही लड़की को बचाने के चक्कर में मारे गए एक युवक की मौत के बाद उठाया गया था. जुहू की चौपाटी और मरीन ड्राइव जैसे इलाकों को भी सेल्फी डेंजर जोन में शामिल किया गया है.
हैदराबाद में अप्रैल में एक स्कूली बच्चा भी सेल्फी लेने के चक्कर में ऊंचे फाउंटेन से फिसलकर चट्टान पर गिर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पूरे भारत में पिछले साल सेल्फी के चक्कर में करीब 15 मौतें दर्ज की गईं.
लेकिन, सेल्फी के साथ समस्या भी बढ़ती जा रही है. कुछ खतरनाक जगहों पर सेल्फी लेने के चक्कर में हुए हादसों में लोगों ने अपनी जान गंवाई है. ऐसे हादसों के सबसे ज्यादा युवा ही शिकार हो रहे हैं.
एक चिट्ठी में संस्कृति मंत्रालय ने राज्यों को सलाह दी है कि वे ऐसे स्थलों को चिह्नित करें और वहां पर चेतावनी दर्शाते बोर्ड लगवाएं. सभी को यह भी कहा गया है कि उपयुक्त व्यवस्था कर ध्वनि आधारित चेतावनी की भी व्यवस्था की जाए. साथ ही कहा गया है कि सेल्फी डेंजर जोन पर इस पूरी व्यवस्था में स्थानीय पुलिस और स्वयंसेवकों की सहायता भी ली जाए. यह खास तौर पर पर्यटन स्थलों को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है.
जनवरी में इसी साल मुंबई पुलिस ने शहर के 16 स्थानों को चिह्नित किया था जहां सेल्फी लेने के चक्कर में हादसों का डर था. यह सब एक जगह पर सेल्फी के चक्कर में डूब रही लड़की को बचाने के चक्कर में मारे गए एक युवक की मौत के बाद उठाया गया था. जुहू की चौपाटी और मरीन ड्राइव जैसे इलाकों को भी सेल्फी डेंजर जोन में शामिल किया गया है.
हैदराबाद में अप्रैल में एक स्कूली बच्चा भी सेल्फी लेने के चक्कर में ऊंचे फाउंटेन से फिसलकर चट्टान पर गिर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पूरे भारत में पिछले साल सेल्फी के चक्कर में करीब 15 मौतें दर्ज की गईं.
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