कश्मीर घाटी में कर्फ्यू तोड़कर लोगों ने किया प्रदर्शन, कई घायल

कश्मीर घाटी में कर्फ्यू तोड़कर लोगों ने किया प्रदर्शन, कई घायल

कश्मीर घाटी में 8 जुलाई को आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से तनाव बरकरार है.

खास बातें

  • कश्मीर घाटी में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से तनाव बरकरार है
  • अलगाववादियों के मार्च के मद्देनजर श्रीनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया था
  • सैन्य कैंप पर धावा बोलने जा रही भीड़ पर सुरक्षा बलों को करनी पड़ी फायरिंग
श्रीनगर:

कश्मीर घाटी में शुक्रवार को एक बार फिर हिंसक प्रदर्शन हुए, जिनमें कुछ किशोरों समेत कई लोग घायल हो गए. अलगाववादियों ने श्रीनगर की जामा मस्जिद तक मार्च का आह्वान किया था. इसके मद्देनजर अधिकारियों ने कर्फ्यू लगा दिया था. लोग कर्फ्यू का उल्लंघन कर सड़कों पर निकल आए. कश्मीर घाटी में 8 जुलाई को आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से तनाव बना हुआ है.

प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस ने बताया कि श्रीनगर और उत्तरी व दक्षिणी कश्मीर के कई शहरों, कस्बों व गांवों में प्रदर्शन और झड़प हुईं हैं. वहीं पुलिस सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक भीड़ पर उस वक्त फायरिंग की, जब वह सेना के एक कैंप पर धावा बोलने जा रही थी. तीन किशोरों को गोली लगी है, जबकि कुपवाड़ा के लोलाब में झड़प के दौरान एक किशोर के सिर पर चोट लगी है. आंसू गैस का गोला उसके सिर पर गिरने से उसे चोट लगी.

श्रीनगर में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए एक मस्जिद से संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर तक मार्च निकाला. उनके हाथों में हरे झंडे थे. इन लोगों ने संयुक्त राष्ट्र दफ्तर के बाहर नारों के साथ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी 'हमें आजादी चाहिए' के नारे लगा रहे थे और कश्मीर मसले को हल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के दखल की मांग कर रहे थे. उन्होंने सुरक्षा कर्मियों पर घाटी में मानवाधिकार हनन का आरोप लगाया.

पुलिस ने पथराव कर रही भीड़ को लाठीचार्ज कर और आंसू गैस का इस्तेमाल कर तितर-बितर किया. प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल थीं. पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि किसी के घायल होने की खबर नहीं है. श्रीनगर के मुख्य व्यावसायिक केंद्र, लाल चौक पर भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ.

कई अन्य जगहों पर भी लोगों ने मार्च निकाले. इनमें उत्तरी कश्मीर के बांदीपुर और सोपोर शहर भी शामिल हैं, जहां उस अशांति के बीच भी अपेक्षाकृत शांति बनी हुई थी जिसमें करीब 50 लोग मारे जा चुके हैं. अशांति के गढ़ दक्षिण कश्मीर के कई शहरों में लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर रात भर प्रदर्शन किया. गुरुवार रात के बाद शुक्रवार को दिन भर दक्षिण कश्मीर में प्रदर्शन होते रहे.

दक्षिण कश्मीर के शोपियां में लोगों ने जुमे की नमाज के बाद कई रैली निकाली. कई जगहों पर हिंसा हुई. सेना के कैंप, पुलिस पिकेट और पुलिस स्टेशन पर हमले की कोशिश की गई. शोपियां में एक सरकारी भवन को आग के हवाले कर दिया गया.

सुरक्षा कर्मियों ने पथराव करने वालों पर आंसू गैस और पैलेट गन का इस्तेमाल किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने श्रीनगर जामा मस्जिद तक शुक्रवार को मार्च निकालने का आह्वान किया था. इसे देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया था.

पुलिस ने गिलानी और फारूक को उस वक्त एहतियातन हिरासत में ले लिया, जब वह मार्च के लिए अपने घरों से बाहर निकले. ये लोग घर में नजरबंद हैं. वानी के मारे जाने के बाद से मलिक श्रीनगर जेल में हैं.

अलगाववादियों ने अपने बंद का आह्वान बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दिया है. इससे लग रहा है कि अभी कश्मीर में शांति के आसार कम हैं. अलगाववादियों ने कहा है कि शाम 7 बजे के बाद लोग कुछ देर के लिए खरीदारी कर सकते हैं. अलगाववादियों ने लोगों का आह्वान किया है कि वे शनिवार और रविवार को दोपहर और शाम की नमाज सड़क पर पढ़कर सरकार द्वारा लगाई गई निषेधाज्ञा को तोड़ें.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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