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सड़क पर फल-सब्जियों की तरह 30 करोड़ का सोना-चांदी ठेले पर!

दिल्ली के चांदनी चौक का नजारा, ठेले पर सोना-चांदी को फल-सब्जी की तरह लादकर कूचा महाजनी की दुकानों पर पहुंचाया जा रहा

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दिल्ली के चांदनी चौक पर माल ढोने वाले ठेले पर सोना-चांदी ले जाया जा रहा है.
नई दिल्ली:

आपने शीर्षक बिल्कुल सही पढ़ा है. 30 करोड़ रुपये के सोना-चांदी ठेले पर. यह हैरान करने वाली कहानी आजकल दिल्ली के चांदनी चौक में बहुत आसानी से देखी जा सकती है. ठेले पर सोना-चांदी को फल, सब्जी की तरह लादकर कूचा महाजनी की दुकानों पर पहुंचाया जा रहा है. लेकिन ये कोई शौक़िया नहीं, मजबूरन है. दरअसल दिल्ली के चांदनी चौक का कूचा महाजनी देश का सबसे बड़ा सराफा बाजार है जहां थोक में सोना चांदी का कारोबार होता है.

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आप जानते ही हैं कि लाल किला से लेकर फतेहपुरी मस्जिद तक के 1.3 किलोमीटर की मुख्य सड़क को NMV यानी No Motorised Vehicle घोषित कर दिया गया है जहां सुबह 9:00 बजे से लेकर रात के 9:00 बजे तक कोई भी मोटर वाहन प्रवेश नहीं कर सकता.

लेकिन कूचा महाजनी में थोक में सोने चांदी का काम होता है इसलिए सोना-चांदी लाने, ले जाने के लिए सिक्योरिटी वैन की जरूरत पड़ती है. लेकिन NMV ज़ोन होने की वजह से अक्सर सोना चांदी लेकर आ रही सिक्योरिटी वैन को कूचा महाजनी तक जाने की इजाजत नहीं मिलती और नतीजा यह होता है कि वो सिक्योरिटी वैन जिसको कूचा महाजनी के मुख्य द्वार पर खड़ा होना चाहिए उसको मजबूरन कुछ दूरी पर गाड़ी खड़ी करके, सोना और चांदी को ठेले पर लादकर लाना पड़ता है.

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शुक्रवार शाम को NDTV की टीम कूचा महाजनी के पास उसी जगह पहुंची जहां पर सिक्योरिटी वैन को मजबूरन लाना पड़ता है और सोना चांदी खुले में ही उतारकर फल सब्जी की तरह ठेले पर लादकर कूचा महाजनी की दुकान तक पहुंचाया जा रहा था. जो हाथ ठेला हमने देखा उसमें 50 किलो सोना और 360 किलो चांदी लादकर ले जाई जा रही थी. इसकी कुल कीमत 25 से 30 करोड़ है.

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हालांकि इसके साथ सिक्योरिटी वैन के साथ आए गनमैन भी थे लेकिन इस तरह से खुले में सोना चांदी लाना ले जाना चोरों और बदमाशों को खुला निमंत्रण तो नहीं?

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दी बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश सिंघल ने बताया कि 'हमें समस्या यह आ रही है कि पिछले एक महीने से लाल किले पर जो होमगार्ड वाले खड़े होते हैं उनको सही जानकारी ना होने के कारण वे हमारी किसी गाड़ी (सिक्योरिटी वैन) को अंदर भेज देते हैं तो किसी गाड़ी को वहीं रोककर खड़े हो जाते हैं. इसके चलते हम मजबूरन  टाउन हॉल में गाड़ियों में से सोने चांदी का माल उतारते हैं. ये बहुत जोखिम भरा है. क्योंकि वहां पर नशेड़ियों का जमघट लगा रहता है और इससे पहले भी वहां पर गोलियां चल चुकी हैं और लूट की वारदात हो चुकी हैं.'

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सिक्योरिटी वैन जैसी सेवा देने वाली लॉजिस्टिक कंपनियां इस तरह सोना-चांदी लाने ले जाने में जान का जोखिम भी बता रही हैं. साथ ही इस बात को लेकर भी संदेह है कि अगर ठेले पर ले जाते समय कोई वारदात हो जाए तो क्या यह इंश्योरेंस में कवर होगा या नहीं?

सिक्योरिटी वैन सेवा देने वाली लॉजिस्टिक कंपनी Brinks इंडिया के आदित्य बैस ने बताया कि ' कभी-कभी हमारी गाड़ी को अंदर कर देते हैं, नहीं तो रोक देते हैं कि नोटिफिकेशन लेकर आइए या फिर परमीशन लेकर आइए. और अगर एक बार हमारी गाड़ी रोक दी जाती है तो हाथ में उठाकर लेकर जाना पड़ता है जो कि सुरक्षा के लिहाज से बहुत खतरनाक है हमारे लिए.'

Sequel Logistics के अमनदीप सिंह ने बताया 'रोजाना हमारे पास 40 से 50 शिपमेंट होती हैं अलग-अलग ग्राहकों की. तो जब हम वहां पर जाते हैं तो वो गाड़ी अंदर नहीं आने देते हैं. तो हम एक किलोमीटर दूर गाड़ी खड़ी करते हैं. एक शिपमेंट की अगर आप कीमत लगाओ तो 40 से 50 लाख होती है. तो गाड़ी से अगर हम रास्ते में लेकर जा रहे हैं तो हमको यह नहीं पता कि इंश्योरेंस में कवर होगा या नहीं होगा. क्योंकि बीच में कैमरे कहीं पर भी नहीं हैं. तो वहां से लेकर आना और रिक्शे पर लेकर जाना और मान लीजिए किसी ने रास्ते में गोली मार दी तो जान का भी जोखिम है.'

BVC logistic के मनदीप सिंह के मुताबिक 'तकलीफ और परेशानी सबकी एक ही है कि गाड़ियां सबकी दूर लग रही हैं. जान माल की भी दिक्कत है. ऐसा नहीं है कि इंश्योरेंस कवरेज नहीं है, इंश्योरेंस कवरेज भी है लेकिन इंश्योरेंस में जानबूझकर रिस्क लेना कोई तुक नहीं बनता.'

ज्वेलर्स ने यह मुद्दा दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के सामने भी रखा है लेकिन इसका अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है.

दरअसल एक टेक्निकल मामला यह भी है कि चांदनी चौक को NMV ज़ोन बनाने के लिए जो सरकार का गजट नोटिफिकेशन है उसमें कुछ इमरजेंसी या जरूरी मोटर वाहन को छूट दी गई है. जैसे पुलिस की गाड़ी, फायर ब्रिगेड, बिजली विभाग, एंबुलेंस, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड आदि को चांदनी चौक में प्रवेश की छूट है. इसी छूट में 'बैंक कैश वैन' को भी छूट दी गई है.

ज्वेलर्स के मुताबिक उनके सोना चांदी वाली सिक्योरिटी वैन भी 'बैंक कैश वैन' की श्रेणी में आती हैं, जबकि उनकी सिक्योरिटी वैन को यह कहकर रोक दिया जा रहा है कि ना तो यह बैंक जा रही है और ना ही इस में कैश है. लेकिन समझने वाली बात है कि सिक्योरिटी वैन में भले ही कैश नहीं जा रहा लेकिन सोना चांदी जैसे कीमती सामान तो जा रहे हैं. ध्यान से सोचकर देखिए, क्या यह कीमत नहीं होते हैं? उम्मीद है दिल्ली सरकार और पुलिस जल्द ही इस मामले का संज्ञान लेंगे और इसका हल निकालेंगे ताकि सोना चांदी जैसा कीमती सामान ठेले पर खुलेआम जाता हुआ नजर ना आए.

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